Lok Sabha Election 2024: लगातार तीन बार से हैं सांसद, इस बार अग्निपरीक्षा, क्या बादल का गढ़ बचा पाएंगी हरसिमरत?
Lok Sabha Election 2024 बठिंडा लोकसभा सीट पर इस बार पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल प्रत्याशी हरसिमरत कौर बादल की अग्निपरीक्षा है। वे 2009 से अभी तक लगातार तीन बार लोकसभा चुनाव यहां से जीत चुकी हैं। भाजपा ने पूर्व आईएएस अधिकारी परमपाल कौर मलूका को उतारा है। पिछला चुनाव भाजपा और अकाली दल ने गठबंधन में लड़ा था।
इन्द्रप्रीत सिंह, जागरण बठिंडा। अकाली राजनीति के बाबा बोहड़ कहे जाने वाले प्रकाश सिंह बादल की अनुपस्थिति में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहा है। यह चुनाव न सिर्फ बादल परिवार, बल्कि शिअद का अस्तित्व बचाने का भी सवाल है।
वर्ष 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के कारण पंजाब की सत्ता के हाशिये पर खड़ी पार्टी को तो अपना वर्चस्व बहाल करना ही है, लेकिन सबसे बड़ी जिम्मेदारी सुखबीर बादल पर है, जिन्हें अपनी पत्नी और प्रकाश सिंह बादल की बहू हरसिमरत कौर बादल की सीट को भी बचाना है। यह इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि स्वयं सुखबीर बादल जो पिछली बार फिरोजपुर से सांसद थे, इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।
सुखबीर बादल ही प्रचार अभियान में जुटे
सुखबीर हर सीट पर अपने प्रत्याशियों को जितवाने के लिए प्रचार कर रहे हैं। पंजाब में शिअद अगर कहीं लड़ाई लड़ता दिखाई दे रहा है तो वे बठिंडा और फिरोजपुर की सीटें ही हैं। परिवारवाद से बचने के लिए सुखबीर ने अपने परिवार से किसी और को टिकट नहीं दिया है। हालांकि खडूर साहिब से उनके बहनोई व पूर्व मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरों भी लड़ने के लिए तैयार थे, लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं दिया गया तो वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गए।बहनोई को दिखाया बाहर का रास्ता
सुखबीर ने रिश्तेदारी की परवाह न करते हुए बहनोई को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। चौथी जीत दर्ज करन के लिए संघर्ष कर रहीं हरसिमरत अपने हर भाषण में प्रकाश सिंह बादल की ओर से इस सीट पर किए गए कामों को याद कराती हैं। उनकी इन दलीलों की काट उनके विरोधियों के पास नहीं है। वह लोगों को याद दिलाती हैं कि बठिंडा में बनाए गए एम्स की, केंद्रीय यूनिवर्सिटी की और इसी तरह के कई और कार्यों की...।
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बठिंडा के हरिंदर सिंह का कहना है कि अगर लोगों ने काम के आधार पर वोट दिया तो उनके लिए हरसिमरत बादल के साथ-साथ बादल परिवार की अनदेखी करना मुश्किल होगा। जिन प्रोजेक्टों के बारे में हरसिमरत लोगों को बता रही हैं, वे पूरे केवल इसलिए हुए हैं, क्योंकि वह केंद्र की राजग सरकार में लंबे समय तक मंत्री रही हैं।