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Lok Sabha Election 2024: लद्दाख की राजनीति में क्यों हावी है कारगिल? समझिए यहां का सियासी समीकरण

Lok Sabha Election 2024 इस चुनाव में कारगिल एकजुट होकर लद्दाख की राजनीति पर हावी होने का प्रयास कर रहा है। इसी कारण कांग्रेस-भाजपा को यहां प्रचार में ताकत झोंकनी पड़ रही है। यहां 20 मई को मतदान है। लद्दाख में भाजपा-कांग्रेस में ही मुख्य मुकाबला माना जा रहा था लेकिन अब समीकरण बदले हैं। समझिए यहां की राजनीति।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Tue, 14 May 2024 12:21 PM (IST)
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Lok Sabha Election 2024: कारगिल में मतदान की अपील करते केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू l
राज्य ब्यूरो, जम्मू। लद्दाख का चुनाव एक बार फिर लेह बनाम कारगिल की खींचतान में सिमटता दिख रहा है। पर्यावरण व अन्य मुद्दों पर लंबे समय से दोनों जिलों के संगठन भले ही एकजुट होकर आंदोलन करने के दावे कर रहे हों, पर चुनाव से पूर्व पूरी सियासत एक बार फिर इसी क्षेत्रीय मुद्दे के आसपास सिमट गई है।

इस चुनाव में कारगिल एकजुट होकर लद्दाख की राजनीति पर हावी होने का प्रयास कर रहा है। इसी कारण कांग्रेस-भाजपा को यहां प्रचार में ताकत झोंकनी पड़ रही है। यहां 20 मई को मतदान है। लद्दाख में भाजपा-कांग्रेस में ही मुख्य मुकाबला माना जा रहा था। भाजपा ने ताशी ग्यालशन और कांग्रेस ने सेरिंग नामग्याल को प्रत्याशी घोषित कर दिया।

दोनों दलों ने राजनीतिक तौर पर सक्रिय लेह से प्रत्याशी घोषित किए। इस बीच कारगिल के सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने स्थिति को भांपते हुए नेकां के बागी हाजी हनीफा जान को निर्दलीय मैदान में उतार दिया। अन्य निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी हनीफा को समर्थन देने का एलान कर दिया। इसके ही प्रभाव में कारगिल से निर्दलीय उतरे सज्जाद कारगिली नाम वापस लेने को राजी हुए हैं।

यूं समझें लद्दाख का समीकरण

लद्दाख क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा संसदीय क्षेत्र है, पर आबादी सीमित है। करीब 1.80 लाख मतदाता हैं। खास बात यह है कि दो जिलों लेह और कारगिल में मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर है। इस सीट पर दो बार से भाजपा काबिज है और इस बार नेकां और कांग्रेस ने लद्दाख से संयुक्त प्रत्याशी को उतारा है।

इस सबके बीच लद्दाख में लड़ाई को रोमांचक हाजी हनीफा जान बना रहे हैं। पिछले चुनाव में कारगिल से दो निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतरे थे। दोनों ने मिलकर जिले से 61 हजार से अधिक वोट लिए थे। कारगिल का मत विभाजित होने से भाजपा के जामयांग सेरिंग नामग्याल 42,914 वोट लेकर जीत गए थे।

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लेह में त्रिकोणीय मुकाबला

पिछली बार चुनाव में चार उम्मीदवार थे, जबकि इस बार त्रिकोणीय मुकाबले में लेह के वोट विभाजित हो रहे हैं। 2019 में लद्दाख में 1.27 लाख वोट पड़े थे। वहीं निर्दलीय सज्जाद कारगिली को 31,984 वोट मिले थे। कारगिल से निर्दलीय असगर करगलई 29,365 वोट व चौथे स्थान पर रहे कांग्रेस के रिगजिन स्पलबार को 21,241 वोट मिले थे।

भाजपा लगा रही जोर

भाजपा ने जामयांग का टिकट काटकर ताशी ग्यालसन को उतारा है। शुरुआती नाराजगी के बाद अब जामयांग भी प्रचार में उतर आए हैं। केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू प्रचार करके गए हैं। मुख्तार अब्बास नकवी को यहां लाने की तैयारी है।

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