Raebareli Lok Sabha Seat: फिरोज से राहुल गांधी तक 'विरासत की सियासत', रायबरेली कब और कैसे बना गांधी परिवार के लिए खास?
Raebareli Lok Sabha Election 2024 कई दिनों से अमेठी और रायबरेली में प्रत्याशी को लेकर सस्पेंस कांग्रेस ने खत्म कर दिया है। हालांकि पार्टी ने चौंकाने वाला फैसला करते हुए राहुल गांधी को अमेठी की जगह रायबरेली से उम्मीदवार बनाया है। जानिए क्यों गांधी परिवार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है ये सीट और क्या रहा है इसका चुनावी इतिहास . . .
पीटीआई, नई दिल्ली। Raebareli Lok Sabha Election 2024: कई दिनों से अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस के उम्मीदवार को लेकर चल रहा सस्पेंस आज खत्म हो गया। पार्टी ने राहुल गांधी को रायबरेली और केएल शर्मा को अमेठी से उम्मीदवार घोषित किया है। बता दें कि केएल शर्मा गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं और लंबे समय से अमेठी और रायबरेली में रणनीति संचालित करते आ रहे हैं।
कांग्रेस ने राहुल गांधी को अमेठी की जगह रायबरेली से उम्मीदवार बनाकर सबको चौंका दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि कांग्रेस ने गांधी परिवार के लिए रायबरेली का ऐतिहासिक, भावनात्मक और चुनावी महत्व अमेठी से अधिक माना, इसीलिए राहुल को यहां से चुनाव लड़ाने का फैसला किया गया।
गांधी परिवार का गढ़
आजादी के बाद से अब तक रायबरेली में गांधी परिवार का ही दबदबा रहा है। यहां अब तक हुए चुनाव में केवल तीन मौकों पर ही कांग्रेस हारी है। इस सीट पर हुए पहले दो लोकसभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 1967 और 1971 में इंदिरा गांधी यहां से सांसद चुनी गईं।आपातकाल के बाद हारीं इंदिरा
हालांकि आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में उन्हें राज नारायण के खिलाफ रायबरेली से हार का सामना करना पड़ा था। इसके तीन साल बाद वह वापस से यहां चुनावी मैदान में उतरीं और तकरीबन पौने दो लाख के अंतर से बड़ी जीत हासिल की। इस चुनाव में वह आंध्र प्रदेश के मेडक से भी जीती थीं, ऐसे में उन्होंने रायबरेली छोड़ मेडक से सांसद बने रहने का फैसला किया।
इसके बाद रायबरेली में उपचुनाव हुआ, जिसमें राजीव गांधी के भरोसेमंद अरुण नेहरू ने जीत हासिल की। 1984 के चुनाव में भी अरुण नेहरू ने एक लाख से ज्यादा अंतर से जीत हासिल की। बाद में 1989 और 1991 में इंदिरा की मामी शीला कौल भी यहां से चुनाव जीतीं।
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एक नजर में समझें रायबरेली सीट के बारे में
- रायबरेली लोकसभा सीट गांधी परिवार की परंपरागत सीट रही है।
- सबसे पहले 1952 (और फिर 1958 में भी) में फिरोज गांधी ने चुनाव लड़ा और जीते।
- फिरोज गांधी के निधन के बाद 1967 में इंदिरा गांधी ने यहां से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की।
- 2004 में इंदिरा गांधी की बहू सोनिया गांधी ने चुनाव लड़ा और पांच बार सांसद चुनी गईं।
- अब सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी इस विरासत को संभालने जा रहे हैं।
- यहां आखिरी भाजपा ने 1998 में जीत दर्ज की थी, तब अशोक सिंह प्रत्याशी बनाए गए थे।