Move to Jagran APP

Lok Sabha Election 2024: खत्‍म होगा कांग्रेस का 26 साल का वनवास या कायम रहेगा भाजपा का दबदबा? पढ़िए अनुराग ठाकुर की सीट का सियासी गणित

Lok Sabha Election 2024 हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। कांग्रेस पिछले 26 सालों से इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का यह गृह क्षेत्र भी है। लेकिन इस बार यहां पर मुकाबला रोचक होता दिख रहा है। जानिए इस सीट पर क्या कहते हैं समाीकरण। पढ़ें रिपोर्ट-

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sat, 06 Apr 2024 07:00 AM (IST)
Hero Image
Lok Sabha Election 2024: अनुराग ठाकुर 2008 से लगातार हमीरपुर से सांसद हैं।
रणवीर ठाकुर, हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर संसदीय क्षेत्र का चुनावी रण रोचक होता जा रहा है। कभी यहां भाजपा भारी पड़ती दिख रही है तो कभी कांग्रेस। लगातार चौथी बार जीतने के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पांचवीं बार इस क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी हैं।

गौरतलब है कि 1998 के बाद कांग्रेस यहां से जीत हासिल नहीं कर सकी है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का भी यह गृह क्षेत्र है। उधर कांग्रेस ने यहां से अभी तक प्रत्याशी का भी चयन नहीं किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के विधानसभा क्षेत्र भी इसी संसदीय क्षेत्र में आते हैं। दोनों पार्टियों की प्रतिष्ठा इस सीट से जुड़ी है।

बदल चुके हैं समीकरण

हिमाचल की चार सीटों में इस संसदीय क्षेत्र से कई लोगों की प्रतिष्ठा जुड़ी है। शुरू से कांग्रेस इस सीट को मजबूत मानकर चल रही थी, क्योंकि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र भी इसी में आते हैं। कुल 17 विधानसभा क्षेत्रों वाले इस संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के 11 विधायक थे और दो निर्दलीयों का उसे समर्थन प्राप्त था।

हालांकि, 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की हार के बाद इस क्षेत्र का समीकरण बदल गया। कांग्रेस के चार विधायकों के अयोग्य घोषित होने और दोनों निर्दलीयों के भाजपा के साथ जाने से भाजपा को मजबूत माना जाने लगा। इसके बाद भाजपा ने कांग्रेस से आए चारों नेताओं को विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिया।

समीकरण इस कदर बदले कि भाजपा को गगरेट क्षेत्र में राकेश कालिया ने झटका दे दिया। विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से भाजपा में आए कालिया ने चैतन्य शर्मा को प्रत्याशी बनाने पर पार्टी से त्यागपत्र दे दिया।

चुनाव से जुड़ी और हर छोटी-बड़ी अपडेट के लिए यहां क्लिक करें

बगावती सुर

सुजानपुर से राजेंद्र राणा, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल और कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो को प्रत्याशी बनाने पर इन क्षेत्रों में भी विरोध शुरू हो गया। सुजानपुर से भाजपा प्रत्याशी रहे रणजीत राणा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। बड़सर से माया शर्मा व बलदेव शर्मा और कुटलैहड़ से पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर ने भाजपा से दूरी बना ली है। इनके समर्थक भी पार्टी कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे हैं।

इसी तरह निर्दलीय विधायक होशियार सिंह के भाजपा में शामिल होने पर पूर्व में प्रत्याशी रहे रमेश धवाला पार्टी से नाराज चल रहे हैं। 1998 में निर्दलीय जीते रमेश धवाला के समर्थन से ही प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी।

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: दस साल में इतनी बढ़ी शशि थरूर की संपत्ति, बॉन्ड और मुचुअल फंड में भी निवेश, पढ़िए कितनी है साल भर की कमाई

नाराज नेताओं को मनाने कवायद

अब भाजपा नेतृत्व नाराज नेताओं व कार्यकर्ताओं को मनाने मे जुटा है जबकि भाजपा के नाराज नेताओं से कांग्रेस संपर्क कर रही है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है। भाजपा को आस है कि वह नाराज नेताओं को मना लेगी क्योंकि रमेश धवाला, रणजीत सिंह व बलदेव शर्मा का कहना है कि वे संसदीय चुनाव में अनुराग ठाकुर का समर्थन करेंगे, लेकिन विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस से आए नेताओं का समर्थन नहीं करेंगे। गगरेट से पूर्व भाजपा प्रत्याशी राजेश ठाकुर का कहना है कि वह भाजपा के सिपाही हैं और पार्टी के निर्णय के साथ चलेंगे।

प्रदेश अध्यक्ष भाजपा राजीव बिंदल का कहना है, "नाराज नेताओं को मनाने का प्रयास किया जा रहा है। रूठों को मनाने के लिए स्वयं उनके घर भी जा रहा हूं। सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।"

"कार्यकर्ताओं में गिले शिकवे होते हैं, रूठों को मनाना भी जरूरी है। भाजपा हाईकमान को बेहतर प्रयास करना चाहिए। सुजानपुर, बड़सर व कुटलैहड़ के कार्यकर्ताओं को मनाने की जरूरत है। जिन्होंने पार्टी का टिकट लिया है उन्हें भी कार्यकर्ताओं को मनाकर प्रचार में साथ लेना चाहिए।"

-प्रेम कुमार धूमल, पूर्व मुख्यमंत्री

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: किला भेदने के लिए तोड़ना होगा पहले चरण का चक्रव्यूह, जानिए किस राज्य में क्या है सियासी समीकरण