Lok Sabha Election 2024: 'मोदी भक्त' नोटा को दबा देंगे लेकिन..., कप-प्लेट को लेकर आखिर क्यों भड़के रॉबर्ट्सगंज के लोग, जानिए पूरा समीकरण
Lok Sabha Election 2024 छह चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है। सातवें और आखिरी चरण का मतदान एक जून को होगा। चुनाव से पहले रॉबर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र के लोगों में नाराजगी है। लोगों में अपना दल (एस) के प्रति जोश दिखाई नहीं दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि हम नोटा को दबा देंगे लेकिन कप प्लेट पर मुहर नहीं लगाएंगे।
अजय जायसवाल, सोनभद्र: मध्य प्रदेश से लेकर बिहार, झारखंड व छत्तीसगढ़ की सीमाओं से लगने वाले सोनभद्र जिले में उत्तर प्रदेश की आखिरी लोकसभा सीट राबर्ट्सगंज है। अनुसूचित जाति-जनजाति आदिवासी बहुल इस क्षेत्र के चुनाव में न 'कमल' है और न ही 'हाथ का पंजा। यही वजह है कि मुख्य लड़ाई सपा की साइकिल और अपना दल (एस) के 'कप-प्लेट' के बीच है।
सोनभद्र की पहचान 'पावर कैपिटल आफ इंडिया' के रूप में है और इस बार राबर्ट्सगंज संसदीय क्षेत्र पर निगाह इसलिए है कि मौजूदा सांसद पकौड़ी लाल की विधायक बहू रिंकी कोल यहां से चुनाव लड़ रही हैं और वह भी अपना दल (एस) के टिकट पर, लेकिन उनकी राह आसान नहीं। क्षेत्र के शहरी कस्बाई इलाकों के पढ़े-लिखे नौकरी-पेशा और कारोबारी मोदी-योगी के कामकाज से तो प्रभावित हैं, लेकिन पकौड़ी लाल की बहू को ही टिकट दिए जाने से नाराज हैं।
ज्यादातर यही कह रहे कि भाजपा खुद यहां से मैदान में उतरती तो ‘कमल' के खिलने में कोई दिक्कत नहीं थी। पकौड़ी लाल के परिवार में ही टिकट दिए जाने से अबकी सीट फंस भी सकती है। कांग्रेस के साथ होने, बेरोजगारी, महंगाई के साथ ही क्षेत्र में पानी के संकट को लेकर लोगों की नाराजगी और 'कमल' के मैदान में न होने से बहुतों को सपा की स्थिति ठीक दिखाई दे रही है।
'मोदी भक्त क्यों वोट देगा'
चकिया क्षेत्र के मवैया में रहने वाले जितेंद्र पाठक व अश्विनी उपाध्याय मोबाइल में पकौड़ी लाल की एक सभा का वीडियो दिखाते हुए कहते हैं जो व्यक्ति खुले मंच से सवर्णों को गाली दे रहा हो उसकी बहू को भी कोई मोदी भक्त क्यों वोट देगा?" द्रोणापुर माती के राजेश मिश्र कहते हैं 'परिवारवाद के बजाय प्रत्याशी बदलना चाहिए था। मजबूरी है कि इन्हें नहीं मोदी को देखना है।'
क्यों है लोगों में नाराजगी?
साढ़े तीन दशक पहले बने सोनभद्र जिले की राबर्ट्सगंज सुरक्षित संसदीय क्षेत्र की पांचों विधानसभा सीट चकिया (चंदौली जिले की), घोरावल, राबर्ट्सगंज, ओबरा और दुद्धी पर भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में कब्जा जमाया था। इनमें 50 फीसद से अधिक अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं वाली ओबरा और दुद्धी विधानसभा सीट एसटी के लिए आरक्षित है।2014 में मोदी लहर के चलते राबर्ट्सगंज सीट पर भाजपा ने डेढ़ दशक बाद वापसी की थी इस बीच बसपा और सपा के कब्जे में रही सीट को पिछले चुनाव में भाजपा ने अपने सहयोगी अपना दल (एस) के लिए छोड़ दिया था।
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