Lok Sabha Election 2024: देश में किसकी बनेगी सरकार यह फैसला करेंगी ये चार जातियां, कितनी है संख्या और क्या हैं इनके मुद्दे?
Lok Sabha Election 2024 Update देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव हैं। लोकसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा के साथ चुनावी महासमर की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है। सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी जमीन मजबूत करने में जुटे हैं। लोकतंत्र के इस महापर्व में चार जातियां अहम भूमिका निभाएंगी। आइए जानते हैं इनकी संख्या कितनी हैं और इनके मुद्दे क्या हैं। महेंद्र सिंह की रिपोर्ट...
चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। देश में जब विपक्ष जाति आधारित राजनीति कर सरकार को निशाने पर लेने की कोशिश कर रहा है, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाति की नई परिभाषा दी है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए चार ही जातियां हैं और वे हैं-युवा, किसान, महिलाएं और गरीब। महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों के जीवन को आसान बना कर ही विकसित भारत के संकल्प को साकार किया जा सकता है।
लोकसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा के साथ चुनावी महासमर की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है। उक्त मतदाता आगामी चुनाव की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। आइए जानते हैं इनकी संख्या कितनी हैं और इनके मुद्दे क्या हैं। महेंद्र सिंह की रिपोर्ट...
भारत को महाशक्ति बनाएंगे युवा
- 96.8 करोड़ कुल मतदाता हैं देश में।
- 21.5 करोड़ मतदाताओं की उम्र 29 साल से कम है।
युवा मतदाताओं के मुद्दे
- कम लागत में उच्च शिक्षा की सुविधाएं।
- शोध एवं नवाचार के लिए सरकारी मदद और प्रोत्साहन।
- उद्यमिता के लिए कर्ज की उपलब्धत।
गरीबों को मदद की जरूरत
भारत की कुल आबादी में से 16.1 फीसदी लोग गरीब हैं, जिन्हें सरकार की मदद की जरूरत है।गरीबों के मुद्दे
- स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता।
- सस्ती स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं तक आसान पहुंच।
- रोजगार।
महिलाएं: आधी आबादी का सशक्तिकरण जरूरी
- 47 करोड़ हो गई है महिला मतदाताओं की संख्या।
- 43.8 करोड़ थी महिला मतदाताओं की संख्या 2019 में।
बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाओं ने वोट दिया था। लोकसभा चुनाव 2019 के समय 67.2 फीसदी महिला मतदाताओं ने वोट डाले थे। साल 2022 के दौरान इस संख्या में 5.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
महिलाओं के मुद्दे
- महिला सुरक्षा।
- शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं तक आसान पहुंच।
- सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार के अवसर मिलने चाहिए।
- कार्यालय में मिले काम का बेहतर माहौल।
किसानों के हैं ये मुद्दे
भारत कृषि प्रधान देश है। अगर संख्या की बात करें तो पीएम किसान योजना में ही 11.3 करोड़ से ज्यादा किसान पंजीकृत हैं, जबकि वास्तवकिता में किसानों की संख्या इससे कहीं बहुत अधिक है।किसानों के मुद्दे
- उपज का लाभकारी मूल्य मिले।
- उत्पाद बेचने के लिए नजदीक बाजार उपलब्ध हों।
- आधुनिक तरीके से खेती के लिए जरूरी तकनीक और सलाह मुहैया होनी चाहिए।