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Lok Sabha Election 2024: किसी पार्टी को कैसे मिलता है राष्ट्रीय दल का दर्जा, क्षेत्रीय पार्टियों से कैसे होती हैं अलग? जानें सभी सवालों के जवाब

Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव आते ही विभिन्न पार्टियों ने कमर कस ली है। देशभर की राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय पार्टियां चुनावी मैदान में उतरेंगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में राष्ट्रीय पार्टी या फिर क्षेत्रीय पार्टी किन्हें कहा जाता है। यह दर्जा कैसे और किसके द्वारा दिया जाता है। इनके बीच अंतर क्या होता है। जानिए ऐसे सभी सवालों के जवाब।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sun, 07 Apr 2024 06:17 PM (IST)
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किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय या क्षेत्रीय घोषित करने का अधिकार चुनाव आयोग के पास होता है।
चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी को देश में राष्ट्रीय दल का दर्जा प्राप्त है। पार्टी का उत्तर प्रदेश में विशेष जनाधार है और कई बार यहां पर सरकार भी बना चुकी है। लेकिन बसपा के राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बरकरार रखने में यूपी और बिहार की सीमा के संसदीय क्षेत्रों की कुछ सीटें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

पार्टी को इन सीटों से पर्याप्त वोट मिल जाता है, जिससे उसका दर्जा बना रहता है। ये सीटें हैं, बक्‍सर, काराकाट, सासाराम, औरंगाबाद, वाल्‍मीकिनगर, गोपालगंज और सारण। दरअसल उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में पड़ने के कारण यहां पर बसपा का ठीकठाक प्रभाव है। इसके अलावा बहुजन बाहुल्य सीटें होने का लाभ भी पार्टी को मिलता है।

कैसे मिलता है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा

ऐसे में सवाल है कि आखिर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलता कैसे है और कौन यह दर्जा देता है। बता दें कि किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय या क्षेत्रीय घोषित करने का अधिकार चुनाव आयोग के पास होता है। लेकिन वह अपने मन मुताबिक स्टेटस तय नहीं करता है, बल्कि इसके लिए कुछ तय नियम एवं शर्तें हैं, जिन्हें पूरा करने पर ही पार्टी को दर्जा दिया जाता है।

क्या हैं शर्तें

किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय दर्जा हासिल करने के लिए निम्नलिखित में से किसी एक शर्त को पूरा करना अनिवार्य है:-

  • चार राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा प्राप्त होने पर वह दल राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए पात्र हो जाता है।
  • या फिर दल के पास चार लोकसभा सीट के साथ लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में छह फीसदी या उससे अधिक वोट होना चाहिए।
  • या फिर कोई पार्टी अगर 3 राज्यों में लोकसभा की तीन फीसदी सीटें हासिल करने में कामयाब होती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया जाता है।

वर्तमान में कौन-कौन सी हैं राष्ट्रीय पार्टियां

वर्तमान में चुनाव आयोग की ओर से देश की छह पार्टियों को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया है। ये पार्टियां हैं:-

  • भारतीय जनता पार्टी (BJP)
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
  • नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP)
  • बहुजन समाज पार्टी (BSP)
  • आम आदमी पार्टी (AAP)
  • मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (CPIM)
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क्षेत्रीय पार्टियों से कैसे होती हैं अलग

राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए जहां उपरोक्त शर्तों को पूरा करना होता है, वहीं क्षेत्रीय पार्टी बनने के लिए नियम एवं शर्तें अलग हैं। किसी भी पार्टी को क्षेत्रीय दल का दर्जा दिया जाता है, अगर:-

  • पार्टी को कम से कम छह फीसदी मतदान हासिल हो और विधानसभा में उसकी दो सीटें हों।
  • या फिर पार्टी के पास छह फीसदी मत और लोकसभा में एक सांसद हो।
  • या पार्टी को विधानसभा में तीन फीसदी मत हासिल हो और कम से कम तीन विधायक हों।
  • या पार्टी के पास 25 विधायकों पर कम से कम एक सांसद हो।
  • या किसी राज्य में हालिया विधानसभा या लोकसभा चुनामें आठ फीसदी या उससे अधिक मत हासिल हो।
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किन दलों से छिना राष्ट्रीय दर्जा

चुनाव आयोग समय-समय पर इन पार्टियों के दर्जों की समीक्षा भी करता है और चुनावों में पार्टियों के प्रदर्शन आधार पर दर्जा बढ़ाता या घटाता भी है। पिछले साल ही चुनाव आयोग ने तीन पार्टियों का राष्ट्रीय दल का दर्जा छीन लिया था, इनमें राष्ट्रवादी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी शामिल हैं। आयोग ने इसकी वजह बताते हुए कहा था कि इन पार्टियों का वोट प्रतिशत देशभर में 6 फीसदी से कम हुआ है। हालांकि पार्टियां आगामी चुनावों में अपना प्रदर्शन सुधारकर वापस से राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल कर सकती हैं।

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