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'मोदीजी और नीतीश की जोड़ी राम-लक्ष्मण जैसी... चिराग पासवान हनुमान', चुनाव और बिहार की सियासत पर खुलकर बोले मंत्री अशोक चौधरी, पढ़ें Interview

Ashok Choudhary Interview बिहार की नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी मोदी और नीतीश कुमार की जोड़ी को देश के विकास के लिए आवश्यक बताते हैं और कहते हैं कि यह कॉम्बिनेशन समय की मांग है। मोदी-नीतीश की जोड़ी राम-लक्ष्मण जैसी चिराग इसमें हनुमान हैं। उनका दावा है कि यह जोड़ी एक बार फिर अपना करिश्मा दिखाएगी। पढ़िए उनके साथ हुई खास बातचीत के कुछ अंश।

By Sunil Kumar Edited By: Sachin Pandey Published: Fri, 17 May 2024 12:27 PM (IST)Updated: Fri, 17 May 2024 12:27 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024: अशोक चौधरी ने कहा कि मोदीजी और नीतीश की जोड़ी राम-लक्ष्मण जैसी है।

सुनील राज, पटना। Lok Sabha Election 2024: बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री और पूर्व कांग्रेसी महावीर चौधरी के पुत्र अशोक चौधरी राजनीति में कोई अनजाना नाम नहीं। कांग्रेस से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले अशोक चौधरी फिलहाल जदयू में हैं। विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहते हैं कि उनकी नीति तुष्टीकरण की रही है। हम अल्पसंख्यकों के विकास के हिमायती हैं।

इस चुनाव में मंत्री चौधरी की पुत्री शांभवी लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। जिनका मुकाबला नीतीश कैबिनेट के एक अन्य मंत्री पुत्र से है। चौधरी ने दावा किया कि उनकी बेटी दो से ढाई लाख वोटों से विजयी होगी। देश में बड़े अंतर से जीतने वाले उम्मीदवारों में उनकी बेटी का नाम भी होगा। चुनाव के ताजा हालात, रोज- रोज बदलते मुद्दों के बीच डॉ. अशोक चौधरी से विभिन्न मसलों पर जागरण के प्रधान संवाददाता सुनील राज ने बात की। पेश हैं बातचीत के अंश।

प्रश्न - चुनाव के चार चरण हो चुके हैं, आपका क्या आकलन है, कहां खड़ा है आपका गठबंधन?

उत्तर - यह चुनाव राज्य का नहीं देश का चुनाव है। नरेन्द्र मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनाने का चुनाव है। नीतीश कुमार ने अपने कार्यकाल में जो कार्य किए हैं हम जनता के बीच उसी काम को आधार बनाकर एक प्रत्याशी की तरह मैदान में हैं। हमारे गठबंधन के सामने विरोधी कहीं टिक नहीं रहे। इन्हें यह गलतफहमी है कि ये चुनाव जीत रहे हैं। चुनाव में हमारा पलड़ा भारी है। चार जून को आप भी हमारी बातों पर खुद भरोसा करने लग जाएंगे।

प्रश्न - लेकिन, तेजस्वी यादव सरकार के कामकाज को लेकर हमलावर हैं, चुनाव में रोजगार-महंगाई के मुद्दे हैं?

उत्तर - पहले तो यह समझ लेने की बात है कि बिहार के अधिकांश मतदाताओं ने नीतीश कुमार और नरेन्द्र मोदी के काम को देखा और परखा है। हमारा वोट पूरी तरह से एकजुट है। इसमें कोई छेद नहीं कर सकता। रोजगार की बात अगर विरोधी कह रहे हैं तो लोगों के दिमाग में एक बात बिल्कुल साफ है कि रोजगार के नाम पर ये लोग फिर किसी की जमीन-मकान पर कब्जा कर लेंगे। याद करें कि मोदी जी जब सत्ता में आए तो उस वक्त देश अर्थव्यवस्था के मामले में 11वें पायदान पर था। आज हम अमेरिका, रूस, जापान और चीन के बाद पांचवें स्थान पर हैं। जाहिर है हमारा मुल्क पहले से सबल हुआ है।

प्रश्न - मगर बढ़ती महंगाई को लेकर भी बहुत बातें हो रही हैं?

उत्तर - अर्थव्यवस्था सुधरी है। देश सबल हुआ है तो अब महंगाई पर भी काम होगा। इसके लिए पहले हमें आबादी नियंत्रण पर काम करना होगा। क्योंकि लगातार बढ़ती जनसंख्या विकास दर को प्रभावित कर रही है। आने वाले समय में चुनाव का यह भी एक बड़ा मुद्दा होगा। जब आबादी नियंत्रित होगी तो महंगाई पर भी नियंत्रण हो जाएगा।

प्रश्न - प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के काम करने के तरीके थोड़े-अलग-अलग हैं। इसे कैसे देखते हैं?

उत्तर - देखिए काम कैसे भी हो। मसला है कि जनता के हित में काम हो रहा है। आपको बताना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की यह जोड़ी विरोधियों के लिए घातक (लीथल) है। मोदीजी और नीतीश जी की जोड़ी राम-लक्ष्मण जैसी है। जिनका एजेंडा देश और राज्य का विकास है। मोदी जी और नीतीश कुमार की इस जोड़ी में चिराग पासवान हनुमान जैसे हैं। जिस प्रकार महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण की नारायणी सेना दुर्योधन के साथ थी, लेकिन पांडवों के साथ कृष्ण खुद थे। हमारा गठबंधन पांडवों का गठबंधन है। जनता और मतदाता का भरोसा हम पर ही है।

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प्रश्न - अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होंगे, मुख्यमंत्री कौन होगा?

उत्तर - हमारे नेता पूरी तरह से फिट और चुस्त-दुरुस्त हैं। उनके अंदर काम करने की ललक जो पहले थी वैसी ही आज भी है। वे मुख्यमंत्री पद के लिए पूरी तरह से अनुकूल हैं। चुनाव नतीजे यदि हमारे पक्ष में रहे तो निश्चित तौर पर नीतीश कुमार ही इस राज्य के मुख्यमंत्री होंगे।

प्रश्न - आपकी पुत्री भी चुनाव मैदान में है, मुकाबला एक अन्य मंत्री पुत्र से है क्या संभावना दिखती है?

उत्तर - शांभवी चौधरी को जनता का भरपूर प्यार मिल रहा है। उनकी करीब दो से ढाई लाख वोटों से जीत होगी। आप ये समझ लें कि देश के कुछ बड़े चुनाव नतीजों में शांभवी चौधरी का भी नाम होगा।

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