पिछले लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की इन सीटों पर लड़े थे सबसे अधिक प्रत्याशी, जानिए किस सीट पर थे कितने उम्मीदवार
Lok Sabha Election 2024 मध्य प्रदेश में 2019 के चुनावी आंकड़ों पर नजर डालें तो कुछ क्षेत्र की सीटों पर प्रत्याशियों की संख्या बहुत अधिक नजर आती है जबकि कुछ क्षेत्रों में यह बेहद कम है। 2024 के चुनावी रण के बीच जानिए कि प्रदेश में पिछले चुनाव में कहां से सबसे अधिक प्रत्याशी मैदान में थे और कहां सबसे कम।
शशिकांत तिवारी, भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव का रण रोचक हो चला है। प्रदेश में पिछले दो चुनावों में भाजपा एकतरफा जीत दर्ज करती आई है, लेकिन इस बार कांग्रेस चाहेगी कि वह युवा अध्यक्ष के नेतृत्व में पूरी ताकत से भाजपा का मुकाबला करे और उसे चुनौती दे।
फिलहाल नजर डालते हैं पिछले चुनाव के आंकड़ों पर कि 2019 में प्रदेश की किन सीटों पर सबसे अधिक प्रत्याशी थे, जबकि किन सीटों पर कम उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। 2019 के चुनावी आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक प्रत्याशी ग्वालियर-चंबल और विंध्य क्षेत्र की सीटों पर थे।
राजधानी में सबसे अधिक प्रत्याशी
मध्य प्रदेश में 2019 में सबसे अधिक 30 प्रत्याशी राजधानी भोपाल में थे। इसके बाद विंध्य की सीधी सीट से 26 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था। वहीं मुरैना से 25 उम्मीदवार मैदान में थे। इसके बाद बालाघाट से 23, रीवा से 23, जबलपुर से 22, सतना से 21 एवं इंदौर सीट से 20 प्रत्याशियों ने लोकसभा चुनाव लड़ा था।
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इन सीटों में सबसे कम प्रत्याशी
वहीं कई सीटें ऐसी भी थीं जहां पर प्रत्याशियों की संख्या बेहद सीमित रही। इनमें देवास सीट से सबसे कम 6 प्रत्याशी मैदान में थे। वहीं खरगोन और धार से 7 उम्मीदवार चुनाव में उतरे थे। इसके अलावा बैतूल से 9, उज्जैन से 9, सागर से 10, राजगढ़ से 11 और होशंगाबाद से 11 प्रत्याशियों ने चुनाव में हाथ आजमाया था।
सर्वाधिक नाम वापस लेने वाली सीटें
वहीं प्रत्याशियों की ओर से नाम वापस लेने के मामले में छिंदवाड़ नंबर 1 पर रहा, जहां पर 7 प्रत्याशियों ने अपने नाम वापस लिए थे। इसके अलावा भोपाल से 5, सतना से 4, खजुराहो से 3 एवं रतलाम से 3 उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए थे।
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