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'हम ठीक से अंग्रेजी भी नहीं पढ़ पाते', आठवीं पास को बना दिया गया पीठासीन अधिकारी! अफसर बोले- वेतन बढ़ा है

Lok Sabha Election News 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर देश में अजीबोगरीब घटनाएं और किस्‍से देखने और सुनने को मिल रहे हैं। ऐसा ही एक मामला पश्चिम बंगाल से आया है जहां दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) के आठवीं पास कर्मचारियों को पीठासीन अधिकारी बना दिया गया है। इसे लेकर कर्मचारी अधिकारियों के पास पहुंचे हैं कि उनको ठीक से अंग्रेजी भी पढ़ना नहीं आता है।

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Wed, 03 Apr 2024 03:43 PM (IST)
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Lok Sabha Chunav 2024: आठवीं पास को बना दिया गया पीठासीन अधिकारी!
 राज्य ब्यूरो, कोलकाता।  दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) के आठवीं पास कर्मचारियों को पीठासीन अधिकारी बना दिया गया है, जिस पर उन्होंने आपत्ति जताई है। ये सभी बंगाल के बांकुड़ा जिले के गंगाजलमाटी इलाके में स्थित डीवीसी के मेजिया ताप विद्युत केंद्र के ग्रुप 'डी' के कर्मचारी हैं। उन्हें भूमिदाता के तौर पर नौकरी मिली थी।

इन लोगों का कहना है कि वे सिर्फ आठवीं पास हैं, फिर उन्हें यह दायित्व क्यों सौंपा गया है? उन्होंने ताप बिजली केंद्र प्रबंधन के पास लिखित तौर पर आपत्ति दर्ज कराई है। प्रबंधन ने इसे 'त्रुटि' बताते हुए सुधारने का आश्वासन दिया है। दूसरी तरफ बांकुड़ा जिला प्रशासन का कहना है कि ताप बिजली केंद्र प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों की भेजी गई सूची के आधार पर जिम्मेदारियों का वंटन किया गया है।

बांकुड़ा के जिलाधिकारी सियाद एन ने कहा कि कर्मचारियों के वेतनमान व पद के आधार पर उन्हें चुनावी संबंधी जिम्मेदारियां आवंटित की जाती हैं। इसकी सूची विभागों व कार्यालयों की ओर से प्रशासन को भेजी जाती है। इस मामले में कहीं त्रुटि हुई है या नहीं, इसकी जांच की जाएगी।

जानकारों का कहना है कि पीठासीन अधिकारी का दायित्व 'ए' अथवा 'बी' श्रेणी के कर्मचारियों को दिया जाता है। आमतौर पर कॉलेज व उच्च विद्यालयों के शिक्षकों व उच्च सरकारी पदों पर आसीन अधिकारियों को इस तरह की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाती है।

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'हम सिर्फ आठवीं पास हैं'

पीठासीन अधिकारी का दायित्व पाने वाले मेजिया ताप बिजली केंद्र के कोल हैंडलिंग प्लांट के टेक्निकल असिस्टेंट दुलाल किस्कू व मैकेनिकल विभाग के टेक्निकल असिस्टेंट साधन मुखोपाध्याय हैं। 

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उन्‍होंने कहा,''हमने द्वितीय, तृतीय, व चतुर्थ मतदान अधिकारी के तौर पर काम किया है, लेकिन हमें इससे पहले कभी पीठासीन अधिकारी का दायित्व नहीं सौंपा गया। हम सिर्फ आठवीं पास हैं। इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी कैसे संभालेगे? हम ठीक से अंग्रेजी भी नहीं पढ़ पाते।''

वहीं प्रबंधन से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि ग्रुप 'डी' के कर्मचारी होने पर भी चरणबद्ध तरीके से उनका वेतन काफी बढ़ा है।

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