Lok Sabha Result 2024: बीजेपी को नहीं मिला पूर्ण बहुमत, यूसीसी से लेकर मुस्लिम आरक्षण तक इन 5 मु्द्दों पर फंस सकता है पेंच
Lok Sabha Election Result 2024 इस लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। सहयोगी दलों के समर्थन से एनडीए की सरकार बनने जा रही है। बीजेपी को सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से इन पांच मुद्दों पर पेंच फंस सकता है। एनडीए सहयोगी दलों की इन मु्द्दों पर अलग राय हो सकती है। जानिए वो पांच मुद्दे...
चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम घोषित हो गया है। इस चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट जनादेश नहीं मिला है। हालांकि, सहयोगी दलों के समर्थन से एनडीए की सरकार बनने जा रही है। एनडीए की यह लगातार तीसरी बार सरकार बनेगी। एनडीए ने 293 सीटों पर जीत दर्ज की है। नरेंद्र मोदी अब तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।
एनडीए में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। एनडीए की सरकार बनने के बाद नरेंद्र मोदी को इस बार चुनौतियों को सामना करना पड़ सकता है। तीसरे कार्यकाल में नरेंद्र मोदी जिस मुद्दे पर काम करना चाहते थे, उस पर अब पेंच फंस सकता है।
इन मामले में फंस सकता पेंच
एनडीए के सहयोगी दलों का दबाव है कि सरकार एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चले और बीजेपी के मुद्दों को इसमें शामिल न किया जाए। सभी सहयोगी दलों की सहमति से एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाया जाएगा ताकि सरकार सुचारू रूप से आगे काम कर सके। जानिए वो कौन से पांच मुद्दे हैं, जिन पर नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में पेंच फंस सकता है।सीएए और एनआरसी
सीएए और एनआरसी बीजेपी का प्रमुख मुद्दा रहा है। लेकिन विपक्ष शुरू से ही लगातार सीएए और एनआरसी का विरोध करता रहा है। यह तब की बात है जब विपक्ष में सांसदों की संख्या बहुत कम थी। लेकिन इस बार विपक्ष के पास 234 सांसद हैं। इस बार और पुरजोर तरीके से इसका विरोध कर सकता है। यह मामला अब अटक सकता है।
समान नागरिक संहिता
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मकसद देश में मौजूद सभी नागरिकों के पर्सनल लॉ को एक समान बनाना है, जो बिना किसी धार्मिक, लैंगिक या जातीय भेदभाव के लागू होगा। विपक्ष ने इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि सरकार ने यूसीसी का मुद्दा मुसलमानों को टारगेट करने के लिए उठाया है। इस मुद्दे पर भी अब पेंच फंस सकता है।यह भी पढ़ें- Lok Sabha Result 2024: मध्य प्रदेश में सफाए के बाद कांग्रेस में सिर फुटव्वल, जीतू पटवारी-कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की घेराबंदी, प्रदेश नेतृत्व पर उठ रहे सवाल