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क्या बसपा से छिन जाएगा राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा? जनाधार घटने से अस्तित्व पर गहराया संकट, 2009 से ही दरकने लगा था किला

Lok Sabha Election Result 2024 बहुजन समाज पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है। मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। लेकिन बसपा पर संकट के बादल गहराने लगे हैं। सवाल यह है कि क्या बसपा राष्ट्रीय पार्टी नहीं रह जाएगी? कांग्रेस के पतन के साथ ही बसपा मजबूत होती गई अब कांग्रेस के बढ़ने से बसपा के अस्तित्व पर संकट है।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 07 Jun 2024 04:06 PM (IST)
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Lok Sabha Election Result 2024: मायावती की पार्टी बसपा पर गहराया संकट।

विद्याराम नरवार, आगरा। बसपा का वर्ष 2009 के बाद किला लगातार दरकता चला गया। वर्ष 2024 आते-आते वह पहले और दूसरे स्थान से तीसरे स्थान पर पहुंच गई। यहां तक कि इस बार तो जमानत तक नहीं बचा पाई। वहीं सपा-कांग्रेस एक पायदान ऊपर आ गई।

फतेहपुरसीकरी सीट पहली बार वर्ष 2009 में अस्तित्व में आई थी। पहली बार में ही बसपा की सीमा उपाध्याय ने कांग्रेस के राजबब्बर को लगभग 10 हजार से हराकर जीत दर्ज की थी। वहीं आगरा सीट पर करीबी मुकाबले में बसपा के कुंवरचंद वकील भाजपा के प्रो. रामशंकर कठेरिया से लगभग साढ़े नौ हजार वोटों से हारकर दूसरे स्थान पर रहे थे।

इसके बाद वर्ष 2014 में भाजपा की लहर चली। फतेहपुरसीकरी से भाजपा ने चौधरी बाबूलाल को चुनाव मैदान में उतारा। उन्होंने बसपा की सीमा उपाध्याय को लगभग पौने दो लाख वोटों से हराया। वहीं आगरा सीट से प्रो. रामशंकर कठेरिया ने बसपा के नारायन सिंह सुमन को लगभग पौने तीन लाख वोटों से हराया।

जमानत नहीं बचा पाए गुड्डू पंडित

वर्ष 2019 का चुनाव सपा, बसपा और रालोद ने मिलकर चुनाव लड़ा। इस चुनाव में कांग्रेस अकेले ही चुनाव लड़ी। फतेहपुरसीकरी लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 2019 में भाजपा ने राजकुमार चाहर को प्रत्याशी बनाया। चाहर ने 4.95 लाख वोटों से कांग्रेस के राजबब्बर को हराया। बसपा के गुड्डू पंडित तीसरे स्थान पर रहे और जमानत भी नहीं बचा पाए थे।

वहीं आगरा सीट पर भी भाजपा ने प्रत्याशी बदलकर प्रो. एसपी सिंह बघेल को चुनाव में उतारा। उनके मुकाबले सपा बसपा और रालोद के संयुक्त प्रत्याशी मनोज सोनी मैदान में थे। तब मनोज सोनी लगभग दो लाख से अधिक वोटों से हार गए थे।

2024 में बसपा धड़ाम

वर्ष 2009 से लेकर 2019 तक बसपा ने बेहतर प्रदर्शन किया। पहले स्थान से लेकर दूसरे स्थान पर रही। अब वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में बसपा धड़ाम हो गई। जिस तरह से बसपा का वोट घटता जा रहा है उससे उसका राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा तो खतरे में पड़ता दिख ही रहा है। कांग्रेस के पतन के साथ ही बसपा मजबूत होती गई अब कांग्रेस के बढ़ने से बसपा के अस्तित्व पर संकट है। गौरतलब है कि वर्ष 2019 में बसपा का सपा-रालोद से गठबंधन था और पार्टी 38 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, तब 10 सांसद जीते थे।

चूंकि राज्य में कांग्रेस के पतन के साथ ही बसपा मजबूत होती गई इसलिए अब कांग्रेस के बढ़ने से बसपा के अस्तित्व पर गंभीर संकट माना जा रहा है।

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