Lok sabha Election 2019: जया प्रदा भाजपा में शामिल, बोलीं- पीएम मोदी के हाथों में देश सुरक्षित
राजनीति में तेलुगू देशम के बाद समाजवादी पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल का सफर करने वालीं फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Tue, 26 Mar 2019 04:25 PM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। जया प्रदा (Jaya Prada) ने आखिरकार भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। दक्षिण भारत की फिल्मों के बाद बॉलीवुड में अपनी पहचाने बनाने वाली जया प्रदा अब राजनीति में भी अपनी छाप छोड़ रही हैं। राजनीति में तेलुगू देशम के बाद समाजवादी पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल का सफर करने वाली फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं। भाजपा नेता भूपेंद यादव ने जयाप्रदा को पार्टी की सदस्यता दिलाई।
जया प्रदा ने इस मौके पर कहा, 'मैंने दिल से भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन किया है। मेरा पूरा जीवन भाजपा के लिए समर्पित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में देश सुरक्षित है।'भारतीय जनता पार्टी अब जया प्रदा को आजम खां के खिलाफ रामपुर से मैदान में उतार सकती है। समाजवादी पार्टी ने रामपुर से दो बार सांसद रहीं जया प्रदा को अब भाजपा रामपुर से आजमाने की तैयारी में लगी हैं। लोकसभा चुनाव 2019 का रण शुरू होते ही सभी दल अपने उम्मीदवारों की सूची फाइनल करने में लगे हुए हैं। भाजपा अब जया प्रदा को चुनावी मैदान में उतारने के मूड में है। माना जा रहा है कि भाजपा जया प्रदा को रामपुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतार सकती है।
रामपुर सीट पर चुनाव इस बार काफी दिलचस्प माना जा रहा है। भाजपा ने 2014 में नेपाल सिंह को रामपुर से लोकसभा का टिकट दिया था। नेपाल सिंह ने चुनाव में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां के प्रत्याशी नसीर खां को नकदीकी मुकाबले में हराया था। बसपा के साथ गठबंधन करके समाजवादी पार्टी ने भी अब रामपुर से आजम खां को मैदान में उतार दिया है। आजम खां पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ने अब मैदान में उतरे हैं।
आजम खां और जया प्रदा के बीच पुरानी नोक-झोंक है। जब अमर सिंह समाजवादी पार्टी में प्रभाव रखते थे तब जया प्रदा का पार्टी में बोलबाला था। जया प्रदा 2004 व 2009 में समाजवादी पार्टी की टिकट पर रामपुर से सांसद भी रह चुकी हैं। 2009 में आजम खां के तमाम विरोध के बावजूद भी मुलायम सिंह यादव ने जया प्रदा को रामपुर से चुनाव लड़वाया था। इसमें भी जया प्रदा ने जीत दर्ज की थी।आजम और जया प्रदा के बीच जमकर नोक-झोंक जारी रही। आजम खां और उनके समर्थक जहां जया प्रदान को 'नचनिया' और 'घुंघरू वाली' कहते थे वहीं जया प्रदा चुनावी सभाओं में आजम खां को भैया कहती थीं। चुनाव के दौरान आजम खां और उनके समर्थकों ने जया की फिल्मों के अंतरंग दृश्यों के पोस्टर तक पूरे शहर में लगाए। फिर भी जया प्रदा वह चुनाव जीतने में कामयाब रहीं। इसके बाद अमर सिंह के समाजवादी पार्टी के छोड़ देने के बाद जया प्रदा ने भी पार्टी छोड़ दी थी। जया प्रदान ने 2014 के चुनाव में बिजनौर से राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर किस्मत आजमाई लेकिन वह चुनाव हार गई थीं।
जया प्रदा को 1994 में उनके पुराने साथी अभिनेता एनटी रामाराव ने तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) में प्रवेश कराया। इसके बाद में जया ने रामराव से नाता तोड़ लिया और पार्टी के चंद्रबाबू नायडू वाले गुट में शामिल हो गईं। 1996 में जया प्रदा को आंध्र प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने के लिए राज्य सभा में मनोनीत किया गया। पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के साथ मतभेदों के कारण जया ने टीडीपी को छोड़ दिया और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं। 2004 के आम चुनावों के दौरान रामपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल। जया प्रदा ने दोबारा 2009 में जीत हासिल की।