Lok Sabha Election: तीसरे चरण में नौ सीटों पर होगा चुनावी संग्राम, दिग्गज उतरेंगे मैदान में; सिंधिया, दिग्विजय सहित 127 लड़ेंगे चुनाव
देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की नौ सीटों पर सोमवार को नाम वापसी की अंतिम तिथि के बाद संग्राम तस्वीर साफ हो गई है। 14 उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया है। अब इन सीटों पर कुल 127 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा। भाजपा और कांग्रेस से कई बड़े नेता भी इस चरण में चुनाव लड़ रहे हैं।
जेएनएन, भोपाल। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की नौ सीटों पर सोमवार को नाम वापसी की अंतिम तिथि के बाद संग्राम तस्वीर साफ हो गई है। 14 उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया है। अब इन सीटों पर कुल 127 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा। भाजपा और कांग्रेस से कई बड़े नेता भी इस चरण में चुनाव लड़ रहे हैं।
गुना से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विदिशा से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजगढ़ से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मैदान में हैं। यह चुनाव इन उम्मीदवारों के साथ ही संबंधित पार्टी के लिए भी चुनौतीपूर्ण है। इन नौ सीटों में से चार मध्य भारत, चार ग्वालियर चंबल अंचल और एक बुंदेलखंड की है।
तीसरे चरण का मतदान सात मई को होना है। पांच अप्रैल को प्रचार बंद हो जाएगा। इस चरण में चुनाव प्रचार के लिए 13 दिन बचे हैं। प्रमुख सीटों पर भाजपा, कांग्रेस के बड़े नेताओं की सभाओं के कार्यक्रम भी बन रहे हैं। अन्य सीटों में मुरैना में भाजपा और कांग्रेस, दोनों से नए प्रत्याशी मैदान में हैं। ग्वालियर, सागर, भोपाल में भी दोनों प्रमुख दलों से नए चेहरे चुनाव लड़ रहे हैं।
इन सीटों पर दिग्गज
राजगढ़ : यहां पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह 33 वर्ष बाद फिर मैदान में हैं। वह यहां से जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पदयात्रा के बाद घर-घर संपर्क कर रहे हैं। भावुक अंदाज में भी नजर आते हैं। वहीं, भाजपा से दो बार के लोकसभा सदस्य रोडमल नागर लड़ रहे हैं। भाजपा भी इस सीट को किसी भी हाल में खोना नहीं चाहती। यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा भी हो सकती है।
गुना : यहां भाजपा से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लड़ने से देशभर की नजर इस सीट पर है। कारण, सिंधिया भाजपा में आने के बाद पहली बार यहां से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। 2019 में वह इस सीट से कांग्रेस से लड़े थे, जहां वह भाजपा के केपी यादव से हार गए थे। वह खुद ही प्रचार का मोर्चा संभाले हैं। अभी किसी राष्ट्रीय नेता की सभा यहां नहीं हुई है। उनके सामने कांग्रेस राव यादवेंद्र सिंह यादव हैं। वह राव देशराज सिंह यादव के बेटे हैं, जो मुंगावली से तीन बार कांग्रेस से विधायक रहे हैं।
विदिशा : यहां से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मैदान में उतरने से यह सीट चर्चा में हैं। चौहान 2004 में इसी सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद अब फिर यहां से उतरे हैं। यह सीट भाजपा का गढ़ रही है। शिवराज के सामने कांग्रेस से पूर्व लोकसभा सदस्य प्रताप भानु शर्मा ताल ठोंक रहे हैं।