#Flash_back : इस सीट पर इन्होंने रचा था इतिहास, चार बार चुने गए सांसद
गोरखपुर जिले की बांसगांव संसदीय क्षेत्र से महावीर प्रसाद ने चार बार जीत का परचम लहराया था। वह तीन बार लगातार यहां से जीते थे।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Mon, 22 Apr 2019 04:43 PM (IST)
गोरखपुर/देवरिया, विवेकानंद मिश्र। लोकसभा चुनाव 2019 का बिगुल बजने के बाद राजनैतिक दलों में प्रत्याशी चयन और चुनावी बिसात बिछाने का क्रम चल रहा है। बांसगांव संसदीय क्षेत्र में भाजपा, कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंधन ने अपने प्रत्याशी तय कर दिए हैं। भाजपा व गठबंधन ने पुराने चेहरे पर दांव लगाया है जबकि काग्रेस ने नया चेहरा उतारा है। अस्तित्व काल से सुरक्षित रही इस सीट पर छह बार कांग्रेस व पांच बार भाजपा का कब्जा रहा है। सबसे अधिक चार बार महावीर प्रसाद ने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है।
वर्ष 1962 से वजूद में आई यह सीट आरक्षित कर दी गई। यह क्रम अब तक जारी है। शुरुआत में यह क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा। 1962 से हुए छह लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने छह बार विजय हासिल किया। देश के बड़े दलित नेताओं में शुमार पूर्व केंद्रीय मंत्री महावीर प्रसाद हैट्रिक सहित सर्वाधिक चार बार सांसद रहे। 1980, 1984, 1989 व 2004 के चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की। 1991 के लोकसभा भाजपा ने अपना खाता खोला पहली बार भाजपा के राजनारायण पासवान सांसद बने। इस चुनाव के बाद भगवा रंग चटख हुआ। 1991 से अब तक हुए सात चुनाव में भाजपा ने पांच बार कब्जा जमाया। संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय लोकदल व सपा को एक बार खाता खोलने का मौका मिल चुका है। इस बार भी बिसात बिछ चुकी है। भाजपा ने सांसद कमलेश पासवान को तीसरी बार मैदान में उतारा है। उनके पास हैट्रिक का मौका है। कांग्रेस ने प्रशासनिक अधिकारी कुश सौरभ व गठबंधन के टिकट पर पूर्व मंत्री सदल प्रसाद ताल ठोंक रहे हैं।
ये रहे सांसद
1962 महादेव प्रसाद, कांग्रेस
1967 मोलाहू प्रसाद, सोशलिस्ट पार्टी
1971 रामसूरत, कांग्रेस
1977 फिरंगी प्रसाद, भालोद1980 महावीर प्रसाद, कांग्रेस
1984 महावीर प्रसाद, कांग्रेस1989 महावीर प्रसाद, कांग्रेस
1991 राजनारायण, भाजपा1996 सुभावती पासवान, सपा
1998 राजनारायण, भाजपा1999 राजनारायण, भाजपा
2004 महावीर प्रसाद, कांग्रेस2009 कमलेश पासवान, भाजपा2014 कमलेश पासवान, भाजपामतदाता कुल मतदाता 1760090पुरुष मतदाता 980235महिला मतदाता 779762साक्षरता दर 71.35 फीसदपुरुष साक्षरता 82.88 फीसदमहिला साक्षरता 59.89 फीसद