Lok Sabha Election: लापरवाही: ईवीएम मशीनों से नहीं हटाए गए मॉक पोल के वोट
मतगणना से पहले उत्तराखंड में निर्वाचन टीम की बड़ी चूक सामने आई है। राज्य के छह बूथों में ईवीएम से मॉक पोल का रिकार्ड ही नहीं हटाया गया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 22 May 2019 08:32 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। राज्य की पांच में से चार संसदीय सीटों के छह बूथों पर ईवीएम मशीनों पर मॉक पोल के बाद रिकॉर्ड हटाए बगैर ही पूरी पोलिंग करा दी गई। मामला संज्ञान में आने के बाद निर्वाचन आयोग ने इन मशीनों को मतगणना से हटाकर केवल वीवीपैट से ही मतगणना पूरी करने के निर्देश दिए हैं। जहां मॉक पोल पर वीपीपैट मशीनों का इस्तेमाल हुआ है, वहां बूथ में पड़े कुल मतों के आधार पर इनकी गिनती की जाएगी।
प्रदेश में 11 अप्रैल मतदान हुआ था। मतदान के दिन हर बूथ पर पोलिंग एजेंटों की मौजूदगी में मशीनों को टेस्ट करने के लिए मॉक पोल कराया जाता है। मॉक पोल समाप्त होने के बाद इन मशीनों को फिर से री-सेट किया जाता है ताकि मॉक पोल प्रक्रिया के तहत डाले गए वोट मिट जाएं और मशीन पर नए सिरे से वोट डाले जा सकें। ऐसा ही वीवीपैट मशीनों में भी होता है। वीवी पैट मशीनों में गिरी मॉक पोल की पर्चियों को एक लिफाफे में सील बंद कर दिया जाता है। इस तरह वीवीपैट मशीनों पर भी नए सिरे से पर्चियां गिरती हैं।प्रदेश के पांच जिलों के छह बूथों पर पीठासीन अधिकारियों की लापरवाही के चलते ईवीएम मशीनों से मॉक पोल का डाटा नहीं हटाया गया, जबकि वीवीपैट मशीनों की पर्चियां सील बंद की गईं। इस कारण ईवीएम मशीनों में मॉक पोल के साथ ही मतदाताओं द्वारा डाले गए वोट भी दर्ज हो गए हैं। जब निर्वाचन आयोग द्वारा कुल वोटों की गणना की गई तो हरिद्वार के दो और अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, नैनीताल व उत्तरकाशी जिले के एक-एक बूथ पर कुल पड़े वोट व ईवीएम में पड़े वोट में अंतर पाया गया। इसके बाद यह गड़बड़ी सामने आई। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा इसकी सूचना केंद्रीय निर्वाचन आयोग को भी भेजी गई।
इस पर केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने इस प्रकार के मतों की गणना के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने कहा कि राज्य के कुछ जिलों में इस तरह की घटना सामने आई हैं। इन मशीनों को मतगणना से अलग रखा जाएगा और केंद्रीय निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार कार्य किया जाएगा।अलग रखी जाएंगी ऐसी मशीनें
केंद्रीय निर्वाचन आयोग की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि मतगणना के दौरान इन मशीनों को अलग रखा जाएगा। पूरी मतगणना समाप्त होने के बाद यहां गणना वीवी पैट मशीनों के जरिये की जाएगी। यदि वीवी पैट मशीनों में भी मॉक पोल वोट होंगे तो मॉक पोल सर्टिफिकेट से इन वोटों को हटाकर वोट गिने जाएंगे। हालांकि, यदि कहीं विधानसभा चुनाव चल रहे हैं और वहां वोट का अंतर ईवीएम की मशीनों से अधिक है तो वहां यह गणना नहीं होगी। प्रत्याशियों को देनी होगी जानकारी
मतगणना से पहले हर लोकसभा सीट के निर्वाचन अधिकारी को सभी प्रत्याशियों को ऐसे बूथों और ईवीएम मशीनों की जानकारी देनी होगी जहां इस तरह की घटनाएं हुई हैं और फिर इन मशीनों को शुरुआती मतगणना से हटा दिया जाएगा। कारण की होगी जांच, दोषियों पर कार्रवाई
केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने देश भर के किसी भी स्थान पर इस तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया है। आयोग के अनुसचिव मधूसदन गुप्ता द्वारा सभी राज्य निर्वाचन अधिकारियों को लिखे पत्र में स्पष्ट किया गया है कि इस तरह के सभी मामलों की विस्तृत जांच की जाए और दोषियों पर उचित कार्यवाही की जाए। Lok Sabha Election 2019: एग्जिट पोल से भाजपा में खुशी की लहर, कांग्रेस को 23 का इंतजार
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