इस संसदीय सीट पर बर्फ का पहाड़ रोक रहा 25 हजार मतदाताओं की राह
हिमालय से हिमाचल प्रदेश की सीमा तक फैले टिहरी गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में 140 गांवों के तकरीबन 25 हजार मतदाताओं के सामने बर्फ के पहाड़ चुनौतियों के रूप में खड़े हैं।
By BhanuEdited By: Updated: Tue, 02 Apr 2019 01:59 PM (IST)
नई टिहरी, राधेकृष्ण उनियाल। तराई से ताल बुग्याल और हिमालय से हिमाचल प्रदेश की सीमा तक फैले टिहरी गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में 140 गांवों के तकरीबन 25 हजार मतदाताओं के सामने बर्फ के 'पहाड़' चुनौतियों के रूप में खड़े हैं। इनमें से अधिकांश गांव आज भी सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं। 15 गांवों तक पहुंचने के लिए तो पोलिंग पार्टियों को 10 से 18 किमी तक की दूरी बर्फ में चलकर नापनी होगी। ऐसे में इन बर्फबारी प्रभावित इलाकों में मतदान कराना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।
टिहरी गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र में तीन जिलों के 14 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इनमें छह विस क्षेत्र मैदानी हैं, जबकि आठ पर्वतीय क्षेत्र में। पर्वतीय विस क्षेत्रों में गंगोत्री, यमुनोत्री, पुरोला, चकराता और घनसाली विस के 93 पोलिंग बूथ इन दिनों बर्फ से आच्छादित हैं। इन बूथों से जुड़े उत्तरकाशी जिले के सबसे अधिक 45 गांव पुरोला, 22 गांव यमुनोत्री और 24 गांव गंगोत्री विस क्षेत्र में पड़ते हैं। देहरादून जिले के जनजातीय चकराता विस क्षेत्र में करीब 45 गांव और टिहरी जिले के घनसाली विस क्षेत्र पांच गांव बर्फ से ढके हैं। इस बार हुई भारी बर्फबारी के कारण इन क्षेत्रों में अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक बर्फ की चादर बिछी रहने के आसार हैं।
मौसम विभाग के अनुसार आठ अप्रैल तक यहां बर्फबारी के अनुकूल तापमान बना रह सकता है। अगर मतदान के आसपास मौसम का मिजाज बिगड़ा तो चुनौतियों का पहाड़ मतदाता और पोलिंग पार्टियों, दोनों को मुश्किल में डाल सकता है।
लिवाड़ी गांव के प्रमोद सिंह रावत बताते हैं कि माइसारी व सुराला दो ऐसे गांव हैं, जिनका मतदान केंद्र लिवाड़ी में है। इन गांवों के मतदाताओं को तीन से चार किमी पैदल आना पड़ता है। जाहिर है अधिक बर्फबारी होने पर इनकी राह भी अवरुद्ध होगी। जब दो मतदान कर्मियों को गंवानी पड़ी जान
वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव के दौरान पुरोला क्षेत्र के हिमाच्छादित दो पोलिंग बूथ पर दो मतदान कर्मियों की मौत हो गई थी। इसके साथ ही पोलिंग पार्टियों को भी बर्फबारी वाले इलाकों में खासी परेशानी झेलनी पड़ी थी।
हिमाच्छादित पोलिंग बूथविधानसभा क्षेत्र------------------कुल बूथ
गंगोत्री-------------------------------14यमुनोत्री-----------------------------13
पुरोला--------------------------------32चकराता------------------------------30
घनसाली------------------------------04रास्तों को खुलवाने के लिए अलग-अलग टीम जिला निर्वाचन अधिकारी उत्तरकाशी डॉ. आशीष चौहान के मुताबिक, टिहरी संसदीय क्षेत्र के सर्वाधिक ऊंचाई वाले बूथ उत्तरकाशी में हैं। मतदान से पहले रास्तों को खुलवाने के लिए अलग-अलग टीमों को निर्देश जारी हो चुके हैं, जिन्हें अलर्ट पर रखा गया है। इन क्षेत्रों में जाने वाली पोलिंग पार्टियों को सेटेलाइट फोन दिए जाएंगे। कैसे इन क्षेत्रों में शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित हो, इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2019: ऑल वेदर रोड: चुनाव का मौसम, सियासत का सफरचुनाव की विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करेंयह भी पढ़ें: अतीत के आईने से: गंगा यात्रा से खत्म हुआ था इंदिरा का राजनीतिक वनवासयह भी पढ़ें: चुनावी चौपाल: मर्ज का हो इलाज, किसानों को नहीं चाहिए खैरात