लोकसभा चुनाव से पहले BJP ने वेस्ट यूपी में खेला बड़ा दांव, बढ़ेगी अखिलेश यादव की मुश्किल
Lok Sabha Election 2024 भाजपा की रणनीति इस बार पश्चिमी उप्र की सभी 14 सीटों पर विजय प्राप्त करने की है। इसके लिए वह कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। ब्राह्मण राजपूत वैश्य एवं पंजाबी समाज भाजपा का परंपरागत वोट माना जाता है। इनके साथ पिछड़ा वर्ग को मजबूती से जोड़ने के लिए उन्हें खासा महत्व दिया जा रहा है।
धर्मेंद्र चंदेल, नोएडा। भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिमी उप्र को खासा महत्व दे रही है। विधान परिषद के लिए घोषित सात प्रत्याशियों में से दो पश्चिमी उप्र के हिस्से में आए हैं।
बिजनौर के रहने वाले अशोक कटारिया को फिर से टिकट दिया गया है। वह योगी सरकार के पहले कार्यकाल में स्वतंत्र प्रभार के रूप में परिवहन मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
कई सीटों पर बीजेपी को मिल सकता है लाभ
भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं भाजपा के प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं। विधान परिषद का उनका कार्यकाल पूरा होने वाला था। पार्टी ने उन पर फिर से विश्वास जताते हुए पश्चिमी उप्र में गुर्जरों के साथ पिछड़ा वर्ग में अपनी पैठ और मजबूत की है।अशोक कटारिया की पश्चिमी उप्र के साथ दिल्ली और हरियाणा के गुर्जर व अन्य पिछड़ा वर्ग मजबूत पकड़ मानी जाती है, इसलिए भाजपा को कई सीटों पर इसका लाभ मिल सकता है।
जाट बिरादरी से आते हैं मोहित बेनीवाल
शामली के रहने वाले मोहित बेनीवाल जाट बिरादरी से हैं। उन्हें पहली बार विधान परिषद का टिकट मिला है। नोएडा के सेक्टर 62 में रहने वाले मोहित बेनीवाल पश्चिमी उप्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। आइआइटी पास मोहित ने क्षेत्रीय अध्यक्ष रहते पार्टी को नई दिशा दी थी।
पढ़े-लिखे युवाओं को पार्टी से जोड़ा। इसका इनाम उन्हें विधान परिषद के टिकट के रूप में मिला है। वह बिजनौर से लोकसभा चुनाव की दावेदारी कर रहे थे। बिजनौर सीट रालोद के खाते में चले जाने के बाद उन्हें राज्यसभा भेजे जाने की भी चर्चा जोरो पर थी, लेकिन सूची में उनका नाम नहीं आया था।