INDI की रैली में जुटे कांग्रेसी अपनी ही पूर्व सीएम को भूले! पूर्व सांसद बेटे ने भी कह दिया- मैं नहीं आ सकता...
रविवार को गठबंधन की महारैली थी जिसमें सभी कांग्रेसी नेता मौका भुनाने में लगे रहे लेकिन इस बीच इतना समय नहीं मिला कि वे अपनी पूर्व मुख्यमंत्री का याद रख पाते। दिल्ली पर 15 साल तक शासन करने वाली पूर्व सीएम के जन्मदिन पर किसी को उन्हें याद करने का वक्त नहीं मिला। यहां तक कि उनके बेटे पूर्व सांसद ने यह कह दिया कि वह नहीं आ सकते।
चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। रविवार को दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का जन्मदिन था, लेकिन गठबंधन की महारैली के चक्कर में किसी के पास उनके लिए भी समय नहीं था।
हैरानी की बात यह कि दिल्ली की सत्ता पर 15 साल तक राज करने वाली शीला दीक्षित का जन्मदिन मनाने को प्रदेश कांग्रेस के भागीदारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अशोक भसीन ने पार्टी से संपर्क किया तो उनको सुबह की बजाए शाम का समय दिया गया।
जब वह शाम को केक लेकर प्रदेश कार्यालय पहुंचे तो तब भी वहां कोई नेता नहीं आया। यहां तक कि उनके बेटे पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने यह कहकर आने से मना कर दिया कि उनके घर पर कुछ मेहमान आए हुए हैं।
ऐसे में भागीदारी प्रकोष्ठ के नेताओं ने आपस में ही केक काटकर वहां काम कर रहे श्रमिकों में बांट दिया। तब आपस में ये लोग यही कहते नजर आए कि वक्त के साथ व्यक्ति की अहमियत भी बदल ही जाती है।
डॉक्टर साहब फिर मैदान में...
टिकट कटने से निराश पूर्व केंद्रीय मंत्री व चांदनी चौक के सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट साझा कर चिकित्सक के रूप में मरीजों की सेवा करने की घोषणा कर दी थी। कृष्णा नगर स्थित उनका पुराना क्लीनिक भी तैयार कर लिया गया। कुछ दिनों तक वह राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहे।इसे कई लोगों ने उनके राजनीतिक संन्यास से जोड़ दिया था, लेकिन उन्हें गलत साबित कर वह फिर से राजनीतिक मैदान में उतर गए हैं।
इंटरनेट मीडिया हो या पार्टी का कार्यक्रम प्रत्येक जगह उनकी सक्रियता दिखने लगी है। प्रदर्शनों में शामिल होकर अरविंद केजरीवाल पर तीखे प्रहार भी कर रहे हैं। उनका यह बदला हुआ रूप कार्यकर्ताओं में चर्चा का विषय है। उन्हें लग रहा है कि आने वाले दिनों में डॉक्टर साहब को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है। पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर उन्होंने फिर से अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।