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बिना चुनाव सामग्री और कार के ही प्रचार करते थे जेटली के ससुर; बनाया ऐसा रिकॉर्ड जिसे अब तक कोई तोड़ नहीं पाया

Lok Sabha Election 2024 चुनावी किस्‍सों की सीरीज में आज हम आपके लिए लाए है एक ऐसे नेता की कहानी जो बिना चुनाव सामग्री और बिना कार व काफिला के चुनाव प्रचार करते थे। साल 1952 में उन्हें हीरानगर निर्वाचन क्षेत्र से जम्मू-कश्मीर संविधान सभा के लिए नामांकित किया था। वह 1957 1962 1967 1972 और 1975 में हीरानगर और उधमपुर से विधायक चुने गए। वह कभी चुनाव नहीं हारे।

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Published: Wed, 03 Apr 2024 07:04 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2024 07:04 PM (IST)
Lok Sabha Chunav 2024: एक नेता ने जिसने सिखाया कैसे करना है प्रचार

 चुनाव डेस्‍क, नई दिल्‍ली। कांग्रेस से दो बार लोकसभा सदस्य रहे दिवंगत गिरधारी लाल डोगरा आचार संहिता का सख्ती से पालन करते थे। वह बिना गाड़ियों के काफिले के प्रचार पर निकलते थे। वह कोई चुनाव प्रचार सामग्री लेकर भी नहीं चलते थे। बस लोगों से आत्मीयता से मिलते थे।

हालांकि,  गिरधारी लाल डोगरा के पास लाल रंग की जोंगा टाइप जीप थी। उन्होंने 27 वर्ष तक लगातार जम्मू कश्मीर में वित्त विभाग संभाला। उन्होंने 26 बजट पेश किए। यह रिकॉर्ड कोई नहीं तोड़ पाया। साल 1952 में उन्हें हीरानगर निर्वाचन क्षेत्र से जम्मू-कश्मीर संविधान सभा के लिए नामांकित किया गया था। वह 1957, 1962, 1967, 1972 और 1975 में हीरानगर और उधमपुर से विधायक चुने गए। वह कभी चुनाव नहीं हारे।

संसद में उठाई पानी की समस्या

वह कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुलाम मोहम्मद बख्शी से लेकर मोहम्मद सादिक, सैयद मीर कासिम से लेकर नेकां के पहले प्रधानमंत्री और बाद में मुख्यमंत्री रहे शेख मोहम्मद अब्दुल्ला सरकार में भी वित्त मंत्री रहे। उनके कार्यकाल में हीरानगर का खूब विकास भी हुआ।

इंदिरा गांधी ने वर्ष 1980 के लोकसभा उप चुनाव में पहली बार जम्मू-पुंछ सीट से उतारा था, वह जीतकर पहली बार संसद में पहुंचे और कठुआ जिले में विशेषकर हीरानगर के कंडी क्षेत्र में पेयजल समस्या को उठाया। इसके बाद जम्मू संभाग में ओवरहेड ट्यूबवेल लगाने का कार्य शुरू हुआ।

किसान थे पिता 

किसान के बेटे गिरधारी लाल की बड़ी बेटी की शादी पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से हुई थी। इंदिरा गांधी के निधन के बाद राजीव गांधी के नेतृत्व में वर्ष 1984 में वह उधमपुर-कठुआ सीट से प्रत्याशी बनाए गए और जीते भी। गिरधारी लाल हीरानगर के भैइया गांव के रहने वाले थे। उनके पिता किसान थे।

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गांव के इकलौते 10वीं उत्तीर्ण

17 जुलाई, 1915 को जन्मे गिरधारी लाल डोगरा की प्राथमिक शिक्षा अपने गांव भैइया के गुढ़ा मुंडिया सरकारी स्कूल में हुई थी। दसवीं सांबा के सरकारी स्कूल से की। वह गांव में दसवीं करने वाले पहले छात्र थे। स्नातक अमृतसर हिंदू कॉलेज में की। वहां छात्र नेता भी बने। कानून की पढ़ाई लाहौर विश्वविद्यालय से पूरी की और फिर आजादी के आंदोलन में शामिल हो गए।

साल 1942 में वह नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए और जम्मू-कश्मीर की राजनीति में सक्रिय भाग लेने लगे। 1964 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 1987 में उनका निधन हो गया।

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