पहले यहां गठबंधन के तहत भाजपा प्रत्याशी ही मैदान में होता था। 2014 के बाद से ही पंजाब के राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव आया है।राज्य में आम आदमी पार्टी के उदय और शिअद-भाजपा का गठबंधन टूटने के बाद इस बार मुकाबला चतुष्कोणीय है। दिलचस्प यह है कि सभी दलों को दलबदलुओं पर भरोसा है। आज बता करेंगे पंजाब के उन प्रत्याशियों की, जो पाला बदलकर चुनाव में उतरे हैं...
लुधियाना से मौजूदा सांसद रवनीत सिंह बिट्टू अब भाजपा की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। बिट्टू ने 2009 में श्री आनंदपुर साहिब सीट से पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 2014 और 2019 में दो बार लुधियाना से चुनाव जीत चुके हैं। कांग्रेस से तीन बार सांसद रहे बिट्टू ने चुनाव से पहले पाला बदल भाजपा का दामन थामा।
सुशील कुमार रिंकू
जालंधर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी सुशील कुमार रिंकू आम आदमी पार्टी के इकलौते लोकसभा सदस्य थे। आप ने जालंधर से प्रत्याशी बनाया, बावजूद इसके भाजपा ज्वाइन कर ली। रिंकू ने 2023 में जालंधर से लोकसभा उपचुनाव जीता था। बता दें कि सुशील कुमार रिंकू 2017 से 2022 तक जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक भी रहे हैं।
परनीत कौर
पटियाला की मौजूदा सांसद और पूर्व विदेश राज्य मंत्री परनीत कौर पहली बार भाजपा से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। परनीत कौर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं। चुनाव से ठीक पहले परनीत कौर ने भाजपा ज्वाइन की थी।
डॉ. धरमवीर गांधी
डॉ. धरमवीर गांधी भी पाला बदल चुके हैं। 2014 में पहली बार आम आदमी पार्टी की टिकट पर पटियाला से लोकसभा चुनाव जीता था। तब कांग्रेस प्रत्याशी रहीं परनीत कौर को हराया था। लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की टिकट पर पटियाला के चुनाव मैदान में उतरे हैं।
मोहिंदर सिंह केपी
मोहिंदर सिंह केपी पंजाब कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं। 2009 में जालंधर से कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता था। इसके अलावा तीन बार विधानसभा चुनाव भी जीत चुके हैं। इस चुनाव में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने उन्हें जालंधर से अपना प्रत्याशी बनाया है।
पवन कुमार टीनू
सुशील कुमार रिंकू के भाजपा में शामिल होने के बाद आम आदमी पार्टी ने पवन कुमार टीनू को जालंधर से अपना प्रत्याशी बनाया। टीनू का नाता शिरोमणि अकाली दल से रहा है। वे दो बार शिरोमणि अकाली दल से विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं।
राजकुमार छब्बेवाल
आम आदमी पार्टी ने राजकुमार चब्बेवाल को होशियारपुर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है। राजकुमार ने 2022 विधानसभा चुनाव में चब्बेवाल से कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता था। मगर चुनाव से पहले पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है।
सुखपाल सिंह खैरा
सुखपाल सिंह खैरा आम आदमी पार्टी से विधायक रह चुके हैं। आप से अलग होने के बाद पंजाबी एकता पार्ट बनाई थी। हालांकि बाद में कांग्रेस ज्वाइन की। अब कांग्रेस ने खैरा को संगरूर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है।
गुरप्रीत सिंह जीपी
फतेहगढ़ साहिब से आप के प्रत्याशी एवं पूर्व विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी का नाता भी कांग्रेस से रहा है। 2017 में जीपी ने बस्सी पठाना विधानसभा सीट से चुनाव जीता था।
इन्होंने भी बदला दल
खडूर साहिब से कांग्रेस प्रत्याशी कुलबीर सिंह जीरा पहले आप से विधायक रह चुके हैं। फिरोजपुर से भाजपा प्रत्याशी गुरमीत सिंह सोढ़ी भी पहले कांग्रेस में थे। अमृतसर से शिअद प्रत्याशी अनिल जोशी भी पहले भाजपा में रह चुके हैं।
लोकसभा चुनाव 2019: किस दल ने कितनी सीटें जीती थीं
पंजाब में लोकसभा की कुल 13 सीटें हैं। 2019 में आठ सीटों पर कांग्रेस, शिअद और अकाली दल ने दो-दो और आप ने एकमात्र संगरूर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। संगरूर से सांसद भगवंत मान ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
इसके बाद संगरूर लोकसभा उपचुनाव में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के सिमरनजीत सिंह मान ने जीत दर्ज की थी। 2023 में जालंधर से कांग्रेस सासंद संतोख चौधरी के निधन के बाद यहां आप की टिकट पर सुशील कुमार रिंकू ने लोकसभा चुनाव जीता था।
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