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पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे ने इस सीट पर बढ़ाई कांग्रेस की धड़कनें, भाजपा के सियासी दांव से दिलचस्प हुआ मुकाबला

Lok Sabha Election 2024 केरल की पथनमथिट्टा लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है। यहां कांग्रेस प्रत्याशी एटोनी एंटनी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल ए एंटनी को उतारा है। मगर एके एंटनी कांग्रेस प्रत्याशी के साथ हैं। सीपीएम ने केरल के पूर्व वित्त मंत्री थामस इसाक को अपना प्रत्याशी बनाया है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 22 Apr 2024 07:00 AM (IST)
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लोकसभा चुनाव 2024: अनिल ए एंटनी, एटोनी एंटनी और थामस इसाक। फोटो- चुनाव आयोग

नीलू रंजन, केरल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल ए एंटनी ने पथनमथिट्टा का राजनीतिक समीकरण बिगाड़ दिया है। अनिल एंटनी भाजपा के राष्ट्रीय सचिव हैं और पथनमथिट्टा से पार्टी के उम्मीदवार हैं।

44 फीसद ईसाई मतदाताओं वाले इस क्षेत्र में ईसाई समुदाय से आने वाले कांग्रेस के एटोनी एंटनी लगातार तीन बार से जीत रहे हैं। ईसाई समुदाय से ही आने वाले अनिल एंटनी यदि इस वोटबैंक में सेंध लगाने में सफल होते हैं तो एटोनी एंटनी मुश्किल में फंस सकते हैं।

सीपीएम ने पूर्व वित्त मंत्री को उतारा

शबरीमाला मंदिर विवाद के बाद हिंदू वोटों का रुझान भाजपा की ओर बढ़ा है। 2019 में भाजपा के के सुरेंद्रन 29 फीसद वोटों से साथ तीसरे स्थान पर थे। एटोनी एंटनी से 80 हजार वोटों से पीछे रह गए थे। वहीं सीपीएम ने केरल के पूर्व वित्त मंत्री थामस इसाक को उतारा है।

एटोनी एंटोनी के समर्थन में एके एंटनी

कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले पथनमथिट्टा में जीत के प्रति एटोनी एंटनी आश्वस्त दिखते हैं। उनके अनुसार ईसाई समुदाय उनके साथ एकजुट है और वह किसी स्थिति में भाजपा को वोट नहीं देगा। खुद एके एंटनी भी अपने बेटे के बजाय एटोनी एंटोनी को वोट देने की अपील कर चुके हैं।

क्या कहते हैं चुनावी आंकड़े

एटोनी एंटनी के दावे के बावजूद पिछले तीन लोकसभा चुनावों के आंकड़े लोकसभा क्षेत्र में उनकी गिरती लोकप्रियता की गवाही दे रहे हैं। 69 वर्षीय एटोनी एंटनी 2009 में 51 फीसद वोटों के साथ जीत दर्ज की थी। लेकिन 2014 में यह 42 फीसद और 2019 में 37 फीसद रह गया है। 2019 में एटोनी एंटनी सीपीएम के वीणा जार्ज से महज 44 हजार वोटों से जीत पाए थे।

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भाजपा का पिछले चुनावों में बढ़ा ग्राफ

37 वर्षीय अनिल एंटनी कहते हैं कि पिछले 15 सालों में एटोनी एंटनी ने क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं किया। पथनमथिट्टा में जहां कांग्रेस का वोट गिर रहा है, वहीं भाजपा के वोटों में जबरदस्त उछाल देखा जा सकता है।

2009 में भाजपा को यहां महज 56 हजार वोट मिले थे जो कुल वोट का सात फीसद है, लेकिन 2014 में भाजपा को वोटों में दुगुनी से भी ज्यादा बढ़ोतरी हुई। उसे एक लाख 39 हजार वोट मिले, जो कुल वोट का लगभग 16 फीसद है। 2019 में 29 फीसद के साथ भाजपा को दो लाख 97 हजार वोट हासिल करने में सफल रही थी।

यहां 50 फीसदी हिंदू मतदाता

पथनमथिट्टा के भाजपा के जिला महासचिव अयरूर प्रदीप के अनुसार भाजपा वोटों में बढ़ोतरी के पीछे हिंदू मतदाताओं के बीच पार्टी की ओर बढ़ती लोकप्रियता असली वजह है। इस संसदीय क्षेत्र में लगभग 50 फीसद हिंदू मतदाता और छह फीसद मुस्लिम मतदाता हैं।

अनिल एंटनी के उम्मीदवार बनाए जाने के पहले ही पथनमथिट्टा में ईसाई के बीच पैठ बनाने में भाजपा को सफल रही है। दिसंबर में यहीं के आर्थोडाक्स सीरियन चर्च के सचिव फादर शैजू कुरियन ने 47 हिंदू परिवारों के साथ भाजपा की सदस्यता ली थी। इसके मचे हंगामे के बाद फादर कुरियन को सचिव पद से हटा दिया गया था, लेकिन यह ईसाई समुदाय के बीच भाजपा की बढ़ती स्वीकार्यता का संकेत अवश्य देता है।

पैठ बनाने की कोशिश में भाजपा

पथनमथिट्टा में आर्थोडाक्स सीरियन चर्च से जुड़े ईसाई मतदाताओं की संख्या लगभग 1.5 लाख है और रोमन कैथोलिक मतदाता 1.25 लाख हैं। भाजपा इन दोनों समुदायों के बीच पैठ बनाने की कोशिश में जुटी है।

कांग्रेस का किला ध्वस्त करना चाहती सीपीएम

वहीं केरल के दो बार वित्तमंत्री रह चुके थामस इसाक भी ईसाई समुदाय से ही आते हैं। उनकी भी नजर पार्टी के कैडर वोटों के साथ-साथ ईसाई वोटों पर है। पिछली बार महज 44 हजार वोटों से हारी सीपीएम इसाक के सहारे इस बार पथनमथिट्टा का कांग्रेस का किला ध्वस्त करना चाहती है।

सीपीएम पेश कर रही सादगी वाली छवि

सीपीएम उनकी सादगी और लंबे राजनीतिक जीवन के बावजूद कोई संपत्ति नहीं बनाने का हवाला देते एक आदर्श प्रतिनिधि के रूप में जनता के बीच पेश कर रही है। चुनाव आयोग को दिये हलफनामे के अनुसार इसाक के पास न घर है और न गाड़ी है। उनके पास 20 हजार किताबें हैं, जिनका मूल्य लगभग 10 लाख रुपये है लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों ही वित्तमंत्री रहते हुए मसाला बांड घोटाले में उनकी भूमिका को लेकर सवाल उठा रहे हैं।

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