Lok Sabha Election 2024: भाजपा को क्यों याद आए मुस्लिम? बदले हालातों में कितनी सफल होगी रणनीति?
Delhi Lok Sabha Election 2024 राजधानी दिल्ली में कई सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। परंपरागत रूप से कांग्रेस को वोट करते आए मुस्लिम मतदाताओं ने पिछले कुछ चुनावों में आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया है। लेकिन इस बार बदले समीकरण में भाजपा की चिंता बढ़ गई है ऐसे में पार्टी मुस्लिमों को साधने के लिए अलग-अलग स्तर पर अभियान चला रही है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट...
संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली के प्रत्येक चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पिछले चुनावों में बड़ी संख्या में मुस्लिमों ने आम आदमी पार्टी को समर्थन किया था। कई स्थानों पर कांग्रेस को भी इनका वोट मिला था।
इस बार आप और कांग्रेस के मिलकर चुनाव लड़ने से मुस्लिम मतों के बिखराव की संभावना नहीं है। इस बदली हुए राजनीतिक परिदृश्य से भाजपा की चिंता बढ़ गई है। इसे ध्यान में रखकर पार्टी ने अल्पसंख्यक मोर्चा को मुस्लिम मतदाताओं के बीच अपनी सक्रियता बढ़ाने और नरेन्द्र मोदी सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के बारे बताने का निर्देश दिया गया है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सबसे अधिक मुस्लिम मतदाता
राजधानी के सभी सातों सीटों पर मुस्लिम मतदाता हैं, परंतु इनकी सबसे अधिक संख्या उत्तर-पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में है। सीलमपुर में इनकी संख्या लगभग 50 प्रतिशत है। मुस्तफाबाद, बाबरपुर, सीमापुरी और करावल नगर में भी इनकी अच्छी संख्या है।इसके बाद पूर्वी दिल्ली और चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाता हैं। भाजपा के साथ ही कांग्रेस और आप गठबंधन के रणनीतिकार इस समीकरण को ध्यान में रखकर अपनी रणनीति बना रहे हैं। भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि इस बार उन्हें मुस्लिमों का भी मत मिलेगा।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष आतिफ रशीद का कहना है कि पूरे देश में भाजपा को लेकर मुस्लिम समाज की सोच बदली है, क्योंकि नरेन्द्र मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ सभी धर्मों के गरीब वर्ग को मिल रहा है। पसमांदा मुस्लिमों को सबसे अधिक लाभ मिला है। विरोधी मुस्लिमों में भाजपा को लेकर दुष्प्रचार करते रहे हैं। अब वे सच जान गए हैं कि प्रधानमंत्री उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए काम कर रहे हैं। इसका लाभ इस चुनाव में मिलेगा।
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