Lok Sabha Election 2024: एससी-एसटी आरक्षित सीटों पर सबकी निगाहें, 2019 में भाजपा का रहा दबदबा; जानें किसके पास कितने सीटें
Lok Sabha Election 2024 पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एससी और एसटी के लिए आरक्षित संसदीय सीटों पर बेहतरीन प्रदर्शन किया था। इस बार भी इन लोकसभा सीटों की भूमिका अहम होगी। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 17 सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं। वहीं मध्य प्रदेश में सबसे अधिक छह सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं।
चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। देश में अगली सरकार किसकी होगी, यह तय करने में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के मतदाताओं की भूमिका अहम होगी। पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को इनका साथ मिला था। इस बार सबकी निगाहें इन आरक्षित सीटों पर टिकीं हैं।
2019 में देशभर में एससी और एसटी के लिए आरक्षित कुल 131 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 82 पर जीत दर्ज की थी। हालांकि इन सीटों पर इस बार भाजपा के सामने प्रदर्शन दोहराने की बड़ी चुनौती है।
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एससी आरक्षित सीटें: भाजपा ने 46 और कांग्रेस छह पर थी जीती
2019 में अनुसूचित जाति (एससी) की 84 आरक्षित सीटें थीं। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 17, इसके बाद पश्चिम बंगाल में 10, तमिलनाडु में सात और बिहार में छह सीट इस श्रेणी में आरक्षित हैं। भाजपा ने 46 और कांग्रेस ने छह सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके अलावा टीएमसी ने पांच, डीएमके और वाईएसआरसीपी ने चार-चार सीटों पर जीत दर्ज की थी।
हंसराज हंस ने सबसे बड़ी और बीपी सरोज ने दर्ज की थी सबसे छोटी जीत
एससी आरक्षित सीट पर सबसे बड़ी जीत भाजपा के हंसराज हंस ने 5,53,897 मतों से दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर भी भाजपा के विष्णु दयाल राम रहे। उन्होंने छत्तीसगढ़ के पलामू लोकसभा सीट से 4,77,606 मतों से जीत दर्ज की थी। सबसे कम मतों से जीतने वाले भी भाजपा प्रत्याशी बीपी सरोज थे। सरोज ने उत्तर प्रदेश की मछलीशहर लोकसभा सीट से सिर्फ 181 मतों से जीत दर्ज की थी।एसटी आरक्षित सीटें: 47 में से 31 पर जीती थी भाजपा
2019 में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 47 लोकसभा सीटों पर भी भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया था। भाजपा ने 31 सीटों पर अपना परचम लहराया था। कांग्रेस सिर्फ चार सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी थी। बीजू जनता दल ने दो सीटों कब्जा किया था। दो सीटों पर निर्दलियों ने जीत दर्ज की थी।