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Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस के सहयोगियों को भी लुभा रहे उसके चुनावी वादे; फिर क्‍यों नहीं खुले मंच से कर रहे स्‍वीकार

Lok Sabha Election 2024 विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए में शामिल कांग्रेस के कई सहयोगी दल उसके चुनाव घोषणापत्र में किए वादों को अपने प्रचार अभियान के दौरान जोर-शोर से उठाने से परहेज नहीं कर रहे। कांग्रेस के चुनावी वादों की सबसे नई सूची में शामिल गरीबों को 10 किलो मुफ्त अनाज देने के ताजा एलान को भी उसके सहयोगी दलों ने हाथोंहाथ लपक लिया है।

By Deepti Mishra Edited By: Deepti Mishra Updated: Mon, 20 May 2024 09:59 AM (IST)
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Lok Sabha Chunav 2024: कांग्रेस के सहयोगियों को भी लुभा रहे उसके चुनावी वादे

 संजय मिश्र, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए अब दो चरणों के बाकी बचे प्रचार में सियासी मुद्दों की गर्मागर्मी के बीच विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए में शामिल कांग्रेस के कई सहयोगी दल उसके चुनाव घोषणापत्र में किए वादों को अपने प्रचार अभियान के दौरान जोर-शोर से उठाने से परहेज नहीं कर रहे।

महालक्ष्मी योजना के तहत गरीब महिलाओं को एक लाख रुपये सालाना, युवाओं को अप्रेंटिसशिप अधिकार के साथ एक साल के लिए एक लाख रुपये तो केंद्र सरकार की नौकरियों में खाली 30 लाख पदों को सरकार में आते ही भरने की प्रक्रिया शुरू करने के कांग्रेस के बड़े वादों को सपा, राजद, झामुमो से लेकर शिवसेना (उद्धव गुट) जैसी पार्टियों के नेता न केवल चुनावी सभाओं में इसे आईएनडीआईए के वादे के रूप में पेश कर रहे बल्कि इन घोषणाओं पर भाजपा के हमले पर जवाबी पलटवार भी कर रहे हैं।

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कांग्रेस के चुनावी वादों की सबसे नई सूची में शामिल गरीबों को 10 किलो मुफ्त अनाज देने के ताजा एलान को भी उसके सहयोगी दलों ने हाथोंहाथ लपक लिया है। राजद से लेकर शिवसेना (उद्धव गुट) के नेताओं ने इस वादे का पूरा समर्थन करते हुए भाजपा के इस पर उठाए जा रहे सवालों को खारिज कर दिया है।

ऐसे वादों से देश के आर्थिक संकट में घिरने से लेकर दिवालिया होने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आरोपों को खारिज करने में कांग्रेस के सहयोगी उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर भाजपा पर निशाना साधते नजर आ रहे हैं।

राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने सत्ताधारी दल के नेतृत्व की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार उद्योगपतियों के 16 लाख करोड़ रुपये का बैंकों का कर्ज माफ कर देती है तो इससे देश पर आर्थिक संकट नहीं आता, लेकिन गरीब महिलाओं के खाते में वर्ष में एक लाख रुपये दिए जाएंगे तो अर्थव्यवस्था के लिए संकट खड़ा हो जाएगा।

भाजपा की यह सोच ही दर्शाती है कि वह किसकी हितैषी है। गरीबों को 10 किलो मुफ्त राशन देने के वादे का तेजस्वी यादव भी समर्थन कर रहे हैं।

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अखिलेश भइया को भाया खटाखट-खटाखट

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी केंद्र में 30 लाख नौकरियों की भर्ती, अग्निपथ योजना बंद करने से लेकर महालक्ष्मी योजना का अपनी चुनावी सभाओं में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जिक्र करने से गुरेज नहीं कर रहे। महिलाओं और अप्रेंटिसशिप करने वाले युवाओं के खाते में सालाना एक लाख रुपये ट्रांसफर करने के राहुल गांधी के खटाखट-खटाखट शब्द का तो अखिलेश अपनी सभाओं में भरपूर इस्तेमाल कर भाजपा पर हमले कर रहे हैं।

महाराष्ट्र में चुनावी पारा चरम पर है, जहां शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता उद्धव ठाकरे अपनी सभाओं में कांग्रेस के इन बड़े वादों को आईएनडीआईए के वादे के रूप में पेश करते हुए इन्हें देश के समग्र विकास से जोड़ रहे हैं। उनकी पार्टी के मुखर नेता संजय राऊत और राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी न केवल कांग्रेस के वादों की सार्वजनिक तरफरदारी कर रहीं बल्कि भाजपा पर पलटवार करने से भी परहेज नहीं कर रही हैं।

एनसीपी खुलकर कर रही सपोर्ट

शरद पवार की एनसीपी तो खुलकर राहुल गांधी के चुनावी एलानों का समर्थन कर रही है। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सीधे तौर पर भले कांग्रेस के वादों का जिक्र करने से बच रहीं, मगर अग्निपथ भर्ती योजना बंद करने से लेकर नौकरी-रोजगार देने जैसे कांग्रेस की घोषणाओं को अपने चुनावी वादों में शामिल किया है।

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