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जब एक नौकरशाह ने खत्‍म कर दिया था काका का राजनीतिक सफर; क्‍यों उनका नाम सुनते ही चिढ़ जाती थीं बेनजीर भुट्टो?

Lok Sabha Election 2024 बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना ने राजनीति में भी हाथ आजमाया था। उन्होंने नई दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी को कड़ी टक्कर दी थी साथ ही उपचुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा को हराया था। लेकिन उनका राजनीतिक सफर रोक दिया था एक पूर्व नौकरशाह ने जिसके बाद काका ने राजनीति से सन्यास लेने का फैसला कर लिया था।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Tue, 02 Apr 2024 12:47 PM (IST)
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Lok Sabha Chunav 2024: जगमोहन से हारने के बाद राजेश खन्‍ना ने लिया था अहम फैसला।
अजय राय, नई दिल्ली। नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से नौकरशाह जगमोहन 11वीं लोकसभा के लिए चुनाव मैदान में उतरे थे। उनकी छवि एक सख्त प्रशासक की थी। दिल्ली को संवारने में अग्रणी भूमिका निभा चुके जगमोहन का सामना तत्कालीन सांसद एवं फिल्म अभिनेता राजेश खन्ना से था।

भाजपा के दिग्गज लालकृष्ण आडवाणी को कड़ी टक्कर देने के साथ ही उपचुनाव में फिल्म जगत के साथी अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को हराने के बाद खन्ना को अपनी जीत का भरोसा था, लेकिन जगमोहन ने उनका सियासी सफर रोक दिया। वह पहले नौकरशाह थे, जिन्हें दिल्ली की जनता ने दिल खोलकर वोट दिया।

नई दिल्ली से हैट्रिक लगाने वाले एकमात्र नेता

जगमोहन एक मात्र राजनेता हैं, जो नई दिल्ली सीट से लगातार तीन बार सांसद रहे। दिल्ली के लोग जगमोहन की कुशलता देखते और जानते थे, इसलिए कांग्रेस के टिकट पर उतरे राजेश खन्ना को छोड़ असली नायक को चुनने का फैसला किया। खन्ना करीब 58 हजार मतों से हारे थे।

उन्हें नौकरशाह, राज्यपाल और मंत्री के रूप में सेवा के लिए पद्म भूषण, पद्म विभूषण और पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। डीडीए उपाध्यक्ष रहते हुए दिल्ली का सुंदरीकरण कराया।

कभी संजय गांधी के करीबी रहे जगमोहन ने वर्ष 1982 में दिल्ली के एलजी के रूप में एशियाई खेलों और गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए दिल्ली को तैयार किया था। वह दो बार जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल भी रहे।

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कांग्रेस के दिग्गज को नहीं जमाने दिए पांव

वर्ष 1998 और 1999 के लोस चुनाव में जगमोहन ने कांग्रेस के दिग्गज नेता आरके धवन को हराया। जगमोहन अपनी तीनों जीत में 50 प्रतिशत से अधिक मत हासिल किए।

वर्ष 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उनके मंत्रिमंडल के अंतर्गत संचार, शहरी विकास और पर्यटन सहित विभिन्न मंत्रालयों में कार्य किया, लेकिन वर्ष 2004 के लोस चुनाव में उन्हें कांग्रेस के अजय माकन ने 12 हजार से अधिक मतों से पराजित किया। मई 2021 में उनका निधन हो गया।

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जगमोहन से चिढ़ती थीं बेनजीर भुट्टो

पाकिस्तान की तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो जगमोहन से इतना चिढ़ी हुई थीं, कि अपने भाषणों में उन्हें भागमोहन बनाने की धमकी देती रहती थीं। अडिग जगमोहन अपने अंदाज में रहे और भाजपा के टिकट पर नई दिल्ली के चुनाव रण में उतरे तो उनकी ख्याति भी साथ उतरी।

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