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Lok Sabha Election 2024: कैसे तीन सीट से तीन अंकों तक पहुंची भाजपा? सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के सामने नई चुनौतियां

Lok Sabha Election 2024 भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2014 में पहली बार लोकसभा चुनाव में बहुमत का आकंड़ा छुआ। इसके बाद 2019 में उसकी सीटें 303 तक पहुंच गईं। हालांकि 2024 लोकसभा चुनाव में बड़ा झटका लगा है। पार्टी को 63 सीटों का नुकसान हुआ और आंकड़ा घटकर 240 पर सिमट गया। 2014 में कांग्रेस को इतिहास में सबसे कम सीटें मिली थी।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Thu, 06 Jun 2024 11:15 AM (IST)
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Lok Sabha Election 2024: कैसे तीन सीटों से तीन अंकों तक पहुंची भाजपा।

जागरण, नई दिल्ली। भाजपा की पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ ने पहले लोकसभा चुनाव में तीन सीटें जीतीं थीं। दो बंगाल में और एक राजस्थान में। जनसंघ ने सबसे अधिक 35 सीटें 1967 के चुनाव में हासिल कीं। उस समय दीनदयाल उपाध्याय पार्टी के अध्यक्ष थे।

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सीटों के हिसाब से सबसे बड़ी पार्टी भाजपा

2014 से पहले भाजपा के नेतृत्व में राजग 1998 से 2004 तक छह वर्ष तक केंद्र में सत्ता में रहा। सरकार का नेतृत्व अटल बिहारी वाजपेयी ने किया। मोदी की अगुआई में भाजपा ने 2014 और 2019 में अकेले दम पर बहुमत हासिल किया लेकिन इस बार पार्टी बहुमत से दूर रह गई। हालांकि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है।

पहले चुनाव में हिंदू महासभा ने जीती थीं चार सीटें

1977 और 1980 में जनसंघ की सीटें शून्य थीं, क्योंकि इस अवधि में पार्टी ने जनता पार्टी के साथ विलय कर लिया था। हिंदू महासभा ने 1951-52 में हुए लोकसभा चुनाव में चार सीटें जीतीं थीं।

सबसे पुरानी पार्टी के सामने नई चुनौतियां

लगातार पांच चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस को 1977 में संयुक्त विपक्ष ने सत्ता से बाहर कर दिया। इसके बाद पार्टी को गिरावट के दो फेज का सामना करना पड़ा। गिरावट का एक लंबा दौर 2014 में शुरू हुआ। हालांकि पार्टी 2024 के नतीजों को सकारात्मक बदलाव के तौर पर देख सकती है।

अल्पमत की सरकार में हुआ बड़ा आर्थिक सुधार

1989 में 1997 सीटों और 40 प्रतिशत वोट शेयर के साथ कांग्रेस को विपक्ष में बैठना पड़ा। 1991 में कांग्रेस सत्ता में लौटी। 1991 की सरकार अल्पमत की सरकार थी। इस सरकार ने देश में बड़े आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया।

2014 में भाजपा ने की सत्ता में वापसी

1996 के बाद संयुक्त मोर्चा और राजग गठबंधन ने कांग्रेस को करीब एक दशक तक सत्ता से बाहर रखा। संप्रग का कार्यकाल 10 वर्ष रहा। 2014 में भाजपा ने सत्ता में वापसी की और कांग्रेस इतिहास में सबसे कम सीटों पर सिमट गई।

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