स्वाति मालीवाल केस में AAP को घेरा, बेरोजगारी और परिवारवाद पर क्या बोलीं बांसुरी स्वराज? पढ़िए पूरा इंटरव्यू
Bansuri Swaraj Interview बांसुरी स्वराज को भारतीय जनता पार्टी ने नई दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। बांसुरी जोर-शोर से अपने प्रचार अभियान में जुटी हैं। राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल मामले में उन्होंने आम आदमी पार्टी पर जमकर हमला बोला। इसके अलावा बेरोजगारी और परिवारवाद जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी। बांसुरी स्वराज दिवंगत भाजपा नेता सुषमा स्वराज की बेटी हैं। पढ़ें बातचीत के प्रमुख अंश...
जागरण, नई दिल्ली। लोकसभा के लिए दिल्ली में महासमर अपने अंतिम पड़ाव की ओर है, प्रत्याशी तपती दोपहरी में भी चुनाव प्रचार में जुटे हैं। राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। दिल्ली के सातों लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा और आईएनडीआई गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है।
ऐसे में नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी व दिवंगत भाजपा नेता सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने आप की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल पर सीएम आवास पर हुए हमले को लेकर आप के खिलाफ राजनीतिक मोर्चा खोल दिया है।
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बांसुरी ने पूछा है कि जब सीएम आवास पर ही महिला सुरक्षित नहीं तो दिल्ली की महिलाओं की सुरक्षा केजरीवाल कैसे करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने खुद पर लग रहे परिवारवाद के आरोपों पर भी जवाब दिया। साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए अपनी योजना भी दैनिक जागरण के साथ साझा की। पेश है मुख्य संवाददाता अजय राय से बातचीत के प्रमुख अंश...
सवाल: 10 साल से नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से बीजेपी का सांसद है, आप पहली बार चुनाव में उतरीं हैं, आपके लिए क्या मुद्दे हैं?
जवाब: यह राष्ट्रीय चुनाव है और राष्ट्रीय मुद्दे ही इसमें प्राथमिकता रखते हैं, लेकिन एक मुद्दा है जो दिल्ली के लिए बहुत खास है... पीएम आवास योजना, पीएम आयुष्मान योजना समेत कई ऐसी जनकल्याणकारी योजनाएं हैं, जो पीएम मोदी द्वारा चलाई गई हैं, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने द्वेष की राजनीति के कारण दिल्ली में लागू नहीं होने दिया। अगर मुझे नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की जनता अपना जनप्रतिनिधि चुनती है तो मेरी कोशिश होगी कि आयुष्मान योजना दिल्ली में लागू कराऊं। इसके लिए चाहे मुझे कोर्ट क्यों न जाना पड़े।
सवाल: क्या आपको लग रहा है कि ये चुनाव जनता के वास्तविक मुद्दों से भटककर आरोप प्रत्यारोप में उलझ गया है?जवाब: भाजपा बहुत सकारात्मक चुनाव प्रचार कर रही है, खासकर दिल्ली में। आरोप प्रत्यारोप विपक्ष कर रहा है। उनके पास मुद्दे नहीं हैं दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने जमीन पर कोई विकास का कार्य नहीं किया। इसलिए चुनाव में जनता को गुमराह करने के लिए अजीब अजीब सी बातें कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा जवाब देगी।
सवाल: इस चुनाव में रोजगार भी बड़ा मुद्दा है, आप इसके लिए क्या करेंगी?जवाब: पार्टी के संकल्प पत्र में साफ कहा गया है कि आने वाले पांच साल में निवेश से नौकरी की बात कही गई है। यह एक मंत्र है, जिसे आत्मसात करके रोजगार के मुद्दे पर और काम किया जाएगा। मैं नई दिल्ली में स्टार्टअप हब बनाना चाहती हूं। स्टैंड अप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और लखपति दीदी... ये तीन योजनाएं हैं जो मुझे प्रेरणा देती हैं। युवा व महिला केंद्रीत एक ऐसा स्टार्टअप हब होगा, जिसे फलित करने के लिए आप आइडिया लेकर आ जाइए। l
सवाल: स्वाति मालिवाल के मसले पर आप क्या कहेंगी? जवाब: ये बेहद दुखद घटना हुई है। मैं पूछना चाहती हूं कि सीएम चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। अभी तक उन्होंने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की है। अगर सीएम केजरीवाल अपने ही आवास पर महिला सांसद की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते, जहां इतने ज्यादा गंभीर आरोप लगे हैं कि उनके ही निजी सहायक ने स्वाति मालीवाल पर हाथ उठाया है, अभद्रता की है तो केजरीवाल दिल्ली की महिलाओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करेंगे?
सवाल: राजनीति में आपका व्यक्तिगत लक्ष्य क्या है? जवाब: व्यक्तिगत लक्ष्य तो नहीं, पर उद्देश्य जरूर है। मैं अधिक से अधिक काम और सेवा कर सकूं। ज्यादा से ज्यादा विकास करने का उद्देश्य है। मोदी की गारंटी सभी गारंटी पूरी होने की है।सवाल: आपके पिता ने परदे के पीछे रहकर काम किया और शीर्ष पर पहुंचे, जबकि माताजी सार्वजनिक जीवन में उत्कर्ष पर पहुंचीं, आप पर दोनों में किसका अधिक प्रभाव है और क्यों?
जवाब: दोनों का असर है, इकलौती संतान होने पर मां बाप का भरपूर प्यार मिलता है, जो मुझे भी मिला। मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि पिता और माता दोनों ने मुझ पर समय का बहुत निवेश किया है। अब भी मेरे पिता की अहम भूमिका है। मुझे घर लौटने में रात कितनी भी हो जाए, वे तब तक नहीं सोते जब तक मैं घर नहीं पहुंचती और हम दोनों बातें नहीं कर लेते।सवाल: भाजपा परिवारवाद पर विरोधी दलों को घेरती हैं, जब बांसुरी स्वराज को ही टिकट मिलना है तो युवा राजनीति में क्यों आएं?
जवाब: इस बात का जवाब पीएम ने संसद में दिया था। मैं इसे दोहरा देती हूं, पहली बात मैं राजनीति में तब आई जब मां को कृष्ण चुरा कर ले गए। उनके जाने के चार साल के बाद मैं राजनीति में आई हूं। दूसरी बात, क्योंकि मां राजनीति में थी, तो इसका मतलब यह नहीं कि राजनीति मेरे लिए निषेध है।मुझे काम करने का, संघर्ष करने का और जनता के बीच जाकर करबद्ध करने का मौका उतना ही मिलना चाहिए, जितना किसी और कार्यकर्ता को जिनके माता-पिता शायद जनप्रतिनिधि नहीं थे या राजनीति में नहीं थे।
परिवारवाद जरूर होता है...जब आप आते हैं और पार्टी को अपने हाथ में ले लेते हैं। आप नंबर वन के दावेदार बन जाएंगे, सीएम या पीएम आप ही बनेंगे क्योंकि आप एक परिवार से आते हैं। पूरी पार्टी को आप अगर जागीर की तरह इस्तेमाल करेंगे, क्योंकि आप एक परिवार से आते हैं।यह भी पढ़ें: दिलचस्प है चुनाव चिह्नों की कहानी, जानिए कब मिला कांग्रेस को पंजा और बीजेपी को कमल? कितनी बार बदले इनके सिंबल?