Model Code of Conduct: कब हटेगी आचार संहिता? जानिए नई भर्ती और परीक्षाओं समेत किन-किन चीजों से हटेगी पाबंदी
Lok Sabha Election 2024 आदर्श आचार संहिता... चुनाव के दौरान सबसे अधिक इस शब्द की चर्चा होती है। चुनाव आयोग उल्लंघन पर एक्शन और नोटिस भी भेजता है। यह एक ऐसी नियमावाली है जिसका सभी दलों और प्रत्याशियों को पालन करना होता है। चुनाव आयोग ने सामान्य आचरण के इस सिद्धांत को कैसे तैयार किया कब से कब तक लागू होती है... आइए जानते हैं।
चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। देश में 1 जून 2024 को लोकसभा के सातवें चरण का मतदान खत्म होते ही चुनाव प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी। इसके बाद 4 जून को लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम और फिर नई सरकार का गठन होगा। निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव तारीखों के एलान के साथ ही देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी। इसके तहत कई पाबंदियां भी प्रभावी हो गई थीं।
1 जून 2024 को सातों चरण का चुनाव संपन्न हो जाएगा तो फिर आदर्श आचार संहिता कब हटेगी और किन कामों पर लगी रोक हट जाएगी, ऐसे ही सवाल जानने के लिए पढ़िए यह रिपोर्ट...
क्या होती है आदर्श आचार संहिता?
आदर्श आचार संहिता को राजनीतिक दलों की सहमति से तैयार किया गया है। सभी दलों ने आचार संहिता के सिद्धांतों, मानकों के अक्षरश: पालन करने की सहमति दी है। खास बात यह है कि आदर्श आचार संहिता किसी कानून के तहत नहीं बनी है। यह सिर्फ सहमति पर बनी है।यह भी पढ़ें: कोई नौ तो कोई 17 वोटों से जीता, कौन हैं सबसे कम मतों से सांसद बनने वाले 15 नेता?
कब से कब तक लागू?
भारत निर्वाचन आयोग जिस दिन से चुनाव की अधिसूचना जारी करता है, उसी दिन से आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है। जब तक चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तब तक यह लागू रहती है। लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता पूरे देश में लागू होती है। विधानसभा चुनाव में सिर्फ संबंधित राज्य में लागू होती है।इन चीजों से हटेगी पाबंदी
- नई भर्ती और नई परीक्षाओं का आयोजन किया जा सकता है।
- शराब ठेकों और तेंदु के पत्तों की नीलामी आदि की जा सकती है।
- आचार संहिता हटने के बाद विज्ञापन, होर्डिंग और पोस्टर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- सरकारी योजनाओं की घोषणा, शिलान्यास और उद्घाटन भी किया जा सकता है।
- सुबह 6:00 बजे से पहले और शाम 10 बजे के बाद जनसभाओं पर लगी रोक हट जाएगी।
- सरकार अधिकारियों का तबादला कर सकती है।
- अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया समेत अन्य मीडिया पर सरकारी खर्चे से विज्ञापन जारी किया जा सकता है।
- राज्य दिवस पर मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री शामिल हो सकते हैं और राजनीतिक भाषण भी दे सकते हैं। तीनों का फोटोयुक्त विज्ञापन भी जारी किया जा सकता है।
- राज्यों के मुख्यमंत्री दीक्षांत समारोह में भाग ले सकते हैं।
- मंत्री सायरन और बीकन प्रकाश वाली पायलट कार का इस्तेमाल कर सकते हैं।