चुनावी मैदान में खरगे के दामाद और इन पांच मंत्रियों के बेटा-बेटी व भाई-बहन, उत्तरी कर्नाटक में किसकी चमकेगी किस्मत?
उत्तरी कर्नाटक की 14 लोकसभा सीटों पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। यहां कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री बोम्मई जगदीश शेट्टार केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के बेटे चुनाव मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खरगे के दामाद समेत प्रदेश के पांच मंत्रियों के बेटा-बेटी और भाई-बहन या परिवार के लोग चुनाव लड़ रहे हैं।
अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत कर्नाटक की 14 सीटों पर चुनाव होगा। यहां भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए न सिर्फ प्रतिष्ठा का सवाल है बल्कि उत्तर कर्नाटक के दिग्गजों के भविष्य का भी सवाल है। इन दिग्गजों में कई तो खुद मैदान में है, जबकि कुछ ने अपने बेटे-बेटी, बहू, बहन और दामाद को मैदान में उतार रखा है।
गुलबर्ग से खरगे के दामाद मैदान में
अकेले कांग्रेस के ही पांच मंत्री और विधायकों के बेटे-बेटी और बहू इस क्षेत्र से मैदान में है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुलबर्ग की अपनी पारंपरिक सीट से अपने दामाद को मैदान में उतार रखा है। भाजपा ने भी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने वाले वीएस येदियुरप्पा के बेटे को शिमोगा सीट से मैदान में उतार रखा है।
इसके साथ ही ऐसे दिग्गज भी हैं, जो खुद ही मैदान में हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई, जगदीश शेट्टार और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी जैसे नाम शामिल हैं। इन सभी दिग्गजों ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। स्थिति यह है कि इनमें से कई पर उम्र का प्रभाव है, वाबजूद इसके वह पूरी ताकत से जुड़े हुए हैं।
हावेरी से बासवराज बोम्मई चुनावी रण में
हावेरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे पूर्व सीएम बासवराज बोम्मई तो रोड शो के दौरान थोडी-थोड़ी देर में रोड-शो वाली वैन में बैठ जाते हैं। लेकिन भाषण के लिए खड़े होते हैं तो लोगों में पूरा जोश भरते हैं। वह लोगों में भाजपा और मोदी के कामों को गिनाते हैं। घर-घर नल पहुंचाने को भाजपा का भागीरथ प्रयास बताते हैं।
मोदी के नेतृत्व में देश के बढ़े गौरव, राम मंदिर निर्माण का जिक्र करते हैं। बोम्मई को हावेरी के मौजूदा भाजपा सांसद शिवकुमार उदासी का टिकट काटकर मैदान में उतारा गया है, उनके मुकाबले में वहां से कांग्रेस के आनंदस्वामी को मैदान में हैं, जो स्थानीय मठ के प्रमुख हैं।
गुलबर्ग पर खरगे की निगाहें
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे भी अपने दामाद को जिताने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं। कहीं भी रहें, लेकिन वह गुलबर्ग का हर दिन का अपडेट लेना नहीं भूलते हैं। दूसरे के सहारे से भले ही मंच पर चढ़ते हैं लेकिन मंच संभालने के बाद भाजपा के खिलाफ आक्रामक होना नहीं भूलते हैं।
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस को 'कास' से आस, साधने में जुटे दोनों दल, जानिए सियासी समीकरणपिछली बार वह गुलबर्ग की अपनी पारंपरिक सीट से भाजपा के उमेश जाधव से हार गए थे। बंजारा समाज से जुड़े उमेश जाधव का मुकाबला इस बार खरगे के दामाद राधाकृष्णन से हैं। राधाकृष्णन को जिताने के लिए खरगे के बेटे व राज्य के मंत्री प्रियांश खरगे ने पूरा जिम्मा संभाल रखा है। वहीं उमेश जाधव के लिए खुद पीएम मोदी और राज्य का पूरा नेतृत्व जुटा है।