Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

हैदराबाद में सूची से हटाए गए 5.41 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम, जानिए चुनाव आयोग ने क्यों लिया ये एक्शन

हैदराबाद में निर्वाचन आयोग ने बड़ा एक्शन लिया है। यहां मतदाता सूची से 5.41 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए हैं। सूची से मृत मतदाता स्थानातंरित मतदाता और फर्जी मतदाताओं के नामों को हटाया गया है। हैदराबाद से भाजपा प्रत्याशी माधवी लता ने निर्वाचन क्षेत्र में छह लाख से अधिक फर्जी वोट होने का दावा किया था।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sun, 21 Apr 2024 01:24 PM (IST)
Hero Image
लोकसभा चुनाव 2024: हैदराबाद में सूची से हटाए गए 5.41 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम।

पीटीआई, हैदराबाद। चुनाव आयोग ने हैदराबाद जिले की मतदाता सूची से 5.41 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटा दिए हैं। 15 विधानसभा क्षेत्रों के इन मतदाताओं के नाम इसलिए हटाए गए हैं, क्योंकि इनमें से कुछ की मौत हो गई है, वहीं कुछ दूसरी जगह चले गए हैं। सूची से फर्जी वोटर के नाम भी हटाए गए हैं। हैदराबाद जिले के 15 विधानसभा क्षेत्र हैदराबाद व सिकंदराबाद लोकसभा क्षेत्रों का हिस्सा हैं।

माधवी लता ने किया था ये दावा

हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार माधवी लता ने दावा किया था कि निर्वाचन क्षेत्र में छह लाख से अधिक फर्जी वोट हैं। जिला चुनाव अधिकारी ने हाल ही में बताया कि हैदराबाद जिले में मतदाता सूची की गड़बड़ियों को ठीक करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें: ये हैं पहले चरण के 'धन कुबेर', सबसे कम संपत्ति वालों को भी जानें, इन प्रत्याशियों के पास सिर्फ 500 रुपये तक की राशि

सूची से इन्हें हटाया गया

जनवरी 2023 से हैदराबाद जिले के 15 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 47,141 मृत मतदाता, 4,39,801 “स्थानांतरित मतदाता” और 54,259 फर्जी मतदाताओं को सूची से हटा दिया गया है। इस तरह कुल 5,41,201 मतदाताओं को मतदाता सूची से हटा दिया गया है।

एक मतदान केंद्र पर 830 मतदाताओं के नाम नहीं

कोयंबटूर में एक मतदान केंद्र पर 830 मतदाताओं के नाम गायब थे। जब ये लोग मतदान के लिए पहुंचे तो सूची में उनके नाम नहीं थे। यह घटना बूथ संख्या 214 पर हुई। भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनती श्रीनिवासन ने बताया कि हम बूथ संख्या 214 सहित कुछ बूथों पर पुनर्मतदान की मांग कर रहे हैं, जहां मतदाताओं के नाम गायब थे।

यह भी पढ़ें: अधिकारियों को भा रही सियासी राह! वो पूर्व IAS और IPS अधिकारी जो लोकसभा चुनाव में आजमा रहे किस्मत, जानिए इनके बारे में