Lok Sabha Election 2024: सांसद के रूप में कैसा रहा मनोज तिवारी का कार्यकाल? देखिए रिपोर्ट कार्ड
Lok Sabha Election 2024 दिल्ली में भाजपा ने सात में से 6 सीटों पर प्रत्याशी बदले हैं। केवल मनोज तिवारी को फिर से उनकी उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से मैदान में उतारा गया है। सांसद के रूप में मनोज तिवारी पार्टी का भरोसा जीतने में तो कामयाब रहे लेकिन जनता के भरोसे पर वह कितने खरे उतरे हैं ये जानने के लिए पढ़ें उनका रिपोर्ट कार्ड।
जेएनएन, नई दिल्ली। भाजपा ने इस बार लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली की सात सीटों में से 6 पर प्रत्याशी बदल दिए हैं। मौजूदा सांसदों में से केवल मनोज तिवारी को एक बार फिर से उनकी सीट पर टिकट दिया गया है। निश्चित ही वह पार्टी आलाकमान का भरोसा जीतने में कामयाब रहे हैं।
भाजपा ने उन्हें इस बार भी उत्तर पूर्वी दिल्ली से मैदान में उतारा है। लेकिन क्या मनोज जनता के भरोसे पर भी खरे उतरे हैं? जानिए सांसद के रूप में कैसा रहा उनका रिपोर्ट कार्ड। बता दें कि पिछले चुनाव में मनोज तिवारी ने उत्तर पूर्वी दिल्ली से कुल 7,87,799 मतों के साथ जीत दर्ज की थी।
विशेष उपलब्धियां
बतौर सांसद 2019 से 2024 तक के कार्यकाल में कई विशेष उपलब्धियां भी उनके खाते में रही हैं, जैसे, दिल्ली-सहारनपुर हाईवे का निर्माण शुरू कराया, मौजपुर से मजलिस पार्क तक मेट्रो विस्तार दिलाया एवं यमुना किनारे रिवर फ्रंट का निर्माण शुरू कराया।
इसके अलावा शास्त्री पार्क में कन्वेंशन सेंटर तैयार कराना, यमुना की स्वच्छता के लिए अमृत योजना से 1,210 करोड़ रुपये वजीराबाद में एसटीपी के लिए दिलवाना, बेहतर शिक्षा के लिए शाहदरा में केंद्रीय विद्यालय का निर्माण कराना, खजूरी खास में भी केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति दिलाना एवं उसके लिए भूमि का आवंटन कराना जैसी उपलब्धियां भी उन्होंने हासिल की हैं।
पांच बड़ी विफलताएं
लेकिन हालिया कार्यकाल में कई ऐसे मुद्दे भी रहे जिन पर आवश्यकता के अनुसार काम नहीं हो पाया। इनमें पांच बड़ी विफलताएं कुछ इस प्रकार हैं:-
- क्षेत्र को स्वच्छ बनाने की दिशा में सरकारी एजेंसिया एकजुट नहीं हो सकीं।
- कालोनियों के विकास के लिए बहुत काम किए जाने थे, जो नहीं हो सके।
- सार्वजनिक परिवहन में बसों के चक्कर बढ़वाने के लिए कुछ नहीं हो सका।
- एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी नहीं हुई।
- कई इलाकों की जल निकासी की समस्या थी, जिसका अभी तक समाधान नहीं हो सका है।
सांसद निधि के उपयोग में कंजूसी नहीं
मनोज तिवारी ने सांसद निधि का उपयोग करने में कंजूसी नहीं दिखाई। उन्होंने अपनी निधि की लगभग 99.72 फीसदी राशि विकास कार्यों में खर्च की। इसके अलावा सोनिया विहार क्षेत्र के विकास को लेकर संसद में अपनी बात रखी। यमुना नदी को स्वच्छ बनाने और खेलों को बढ़ावा देने का मुद्दा भी संसद में उठाया।
निर्माण कार्यों में भी उनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा रहा। उन्होंने 14,500 करोड़ की कुल लागत से लोकसभा क्षेत्र के पहले केंद्रीय विद्यालय, पहले रेलवे स्टेशन, पहले एवं दिल्ली के सबसे लंबे एलिवेटेड रोड सहित कई अन्य विकास कार्य करवाए। इसके साथ ही लोकसभा का पहला पासपोर्ट केंद्र भी शुरू कराया।
क्या कहती है जनता
मनोज तिवारी के कार्यकाल को लेकर रामनगर की मीना कहती हैं, "मध्य वर्गीय परिवार समस्याओं से जूझता है। महंगाई की मार झेल रहा है। हमारे सांसद को हमारी परेशानियों के समाधान के विषय में संसद में मुद्दे उठाने चाहिए और महंगाई पर अंकुश लगना चाहिए।"
वहीं शाहदरा निवासी अनु भाटिया कहती हैं, "सांसद मनोज तिवारी अपने संसदीय क्षेत्र का विकास कर वहां की उन्नति का ध्यान रखा है। विकास के लिए उन्होंने कई विशेष काम भी कराए हैं, समस्याओं का निस्तारण भी कराया है।"
लोनी रोड निवासी सावित्री का कहना है, "मैंने अपने क्षेत्र में कभी सांसद को आते नहीं देखा है। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद जो भी नया सांसद बने उनको लोगों से मिलते-जुलते रहना चाहिए। इसके अलावा आम जनता से जुड़े मुद्दों को भी संसद में उठाना चाहिए।"
चुनाव से जुड़ी और हर छोटी-बड़ी अपडेट के लिए यहां क्लिक करें
क्या कहते हैं विरोधी
मनोज तिवारी को लेकर पूर्व कांग्रेस विधायक भीष्म शर्मा कहते हैं, "कांग्रेस के समय की परियोजनाओं पर क्रेडिट ले रहे हैं। सभापुर गांव को गोद लेकर आदर्श बनाने का दावा किया था, जिसकी हालत पांच साल बाद भी सुधर नहीं सकी है। इस गांव बिना वर्षा पानी सड़कों पर भरा रहता है। यही हाल पिछले कार्यकाल में गोद लिए गांव कादीपुर का है। चुनाव के दौर में क्षेत्र में दिखाई दे रहे हैं, सामान्य दिनों में दूर ही रहते हैं।"
वहीं गोकलपुर से आम आदमी पार्टी के विधायक चौधरी सुरेंद्र कुमार का कहना है, "मनोज तिवारी ने सांसद की जिम्मेदारी नहीं निभाई। क्षेत्र के लिए कोई उल्लेखनीय काम नहीं किया। वह अपने लोकसभा क्षेत्र से बाहर रहते हैं, किसी तरह से लोग प्रतिनिधियों के माध्यम से कालोनियों की समस्या को उन तक पहुंचाते हैं, वह विधायकों का काम बताकर उन्हें टाल देते हैं। केवल पार्टी की राजनीति करते रहे। आम जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है।"
विकास के लिए किया काम
क्षेत्र के विकास के लिए लगातार काम किया। जाम की समस्या खत्म करने के लिए पुश्ता रोड पर दिल्ली-सहारनपुर हाईवे 709B का निर्माण कराया है, जोकि 90 प्रतिशत बन चुका है। 2018 में पहली मेट्रो लाने के बाद अब मौजपुर व बुराड़ी होते ट्रिपल डेकर मेट्रो कारिडोर बन रहा है। खजूरी वाला पार्क (5 एकड़) व राठी मिल पार्क (5 एकड़) के निर्माण सहित 42 पार्कों में जिम व झूले लगे हैं। यमुना किनारे रिवर फ्रंट में 10 झील बन रही हैं। -मनोज तिवारी, सांसद, उत्तर पूर्वी दिल्ली