बाबू मोशाय!एक वोट की कीमत तुम क्या जानो.. कर्नाटक और राजस्थान से पूछो; एक मत से पलट गया था पांसा
Lok Sabha Election 2024 एक वोट की ताकत 2004 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में देखने को मिला थी। इसके बाद एक वोट ने ही राजस्थान में एक दिग्गज प्रत्याशी का सियासी पांसा पलट दिया था। यह वाकया राजस्थान में 2008 में सामने आया था। लोकसभा चुनाव के बीच इन दोनों चुनावी किस्सों को भारत निर्वाचन आयोग ने इंटरनेट मीडिया पर साझा किया।
चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। लोकतंत्र का महापर्व शुरू हो चुका है। सभी सियासी दल अपने प्रचार अभियान में जुटे हैं। किसकी हार होगी और किसकी जीत यह सब मतदाता तय करते हैं। मगर इसके खातिर जरूरी है कि सभी लोग मतदान में हिस्सा लें।
भारत निर्वाचन आयोग भी मदाताओं को जागरुक करने में लगा है। आयोग लोगों की उनके वोट की कीमत समझा रहा है। लोकतंत्र में हर वोट बहुमूल्य है। इसका अंदाजा आप इन दो चुनावी किस्सों से लगा सकते हैं, जिन्हें खुद चुनाव आयोग ने साझा किया है।
चुनाव आयोग ने साझा किया रोचक किस्सा
चुनाव आयोग ने इंटरनेट मीडिया पर साझा कि 2004 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक उम्मीदवार ने अपने प्रतिद्वंद्वी को मात्र एक वोट से हरा दिया था। ऐसा ही राजस्थान में 2008 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला। यहां भी दो उम्मीदवारों के बीच जीत का फासला महज एक वोट का रहा। आगे आप विस्तार से इन चुनावी किस्सों को पढ़ सकते हैं...कर्नाटक: एक मत से जीते थे ध्रुवनारायण
2004 में कर्नाटक की संथेमरहल्ली निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस से ध्रुवनारायण आर प्रत्याशी थे। इस सीट पर कुल 72.1 % फीसदी मतदान हुआ था। मगर हार जीत का फैसला सिर्फ एक मत से हुआ। ध्रुवनारायण को कुल 40,752 मत मिले थे। उनके समाने जनता दल (एस) से एआर कृष्ण मूर्ति चुनाव लड़ रहे थे। कृष्ण मूर्ति को कुल 40751 वोट मिले थे।यह भी पढ़ें: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को मिली 'Z' कैटेगरी की सुरक्षा, जानिए गृह मंत्रालय ने क्यों लिया यह फैसला