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कोई पहुंचा संसद तो कोई सियासी पिच पर पहुंचते ही हुआ क्‍लीन बोल्‍ड; पढ़ें राजनीति में कदम रखने वाले 10 क्रिकेटरों की कहानी

Lok Sabha Election 2024 क्रिकेटरों का राजनीति में आना आसान है लेकिन सियासी पिच पर टिके रहना काफी मुश्किल है। कई दिग्गज क्रिकेटरों ने राजनीति में हाथ आजमाए। कुछ को सफलता मिली लेकिन ज्यादातर के हाथ निराशा लगी और उन्हें सियासत को अलविदा कहना पड़ा। कुछ क्रिकेटरों ने चुनाव लड़ा और संसद की दहलीज तक लांघी। पढ़ें राजनीति में आने वाले 10 क्रिकेटरों की कहानी...

By Ajay Kumar Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 15 Apr 2024 08:36 AM (IST)
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नवजोत सिंह सिद्धू, गौतम गंभीर और मोहम्मद कैफ। (फाइल फोटो)
चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। राजनीति और क्रिकेटरों का नाता काफी पुराना है। क्रिकेट से अलविदा लेने के बाद कई दिग्गज क्रिकेटर सियासी पिच पर उतर चुके हैं। इनमें से कई को सफलता मिली और कई क्रिकेटरों को राजनीति रास नहीं आई और उन्होंने अपनी राह ही बदल ली।

क्रिकेट की पिच पर चौके-छक्कों की बारिश करने वाले कई क्रिकेटर सियासी पिच पर क्लीन बोल्ड भी हो चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में क्रिकेटर यूसुफ पठान तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। उन्हें टीएमसी ने बहरामपुर लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है। तो आइए जानते हैं उन क्रिकेटरों के बारे में जो सियासत में रख चुके हैं कदम...

संसद की दहलीज तक पहुंचे ये क्रिकेट के सितारे

नवजोत सिंह सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू ने क्रिकेट के बाद अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा से की थी। 2004 और 2009 में दो बार अमृतसर से लोकसभा का चुनाव जीता। हालांकि बाद सिद्धू ने भाजपा छोड़ कांग्रेस ज्वाइन कर ली। अमृतसर से विधायक रहे नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि 2022 विधानसभा चुनाव में सिद्धू को हार का सामना करना पड़ा था।

कीर्ति आजाद

पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद बिहार के मुख्यमंत्री रहे भागवत झा आजाद के बेटे हैं। मौजूदा समय में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का हिस्सा हैं। दिल्ली की गोल मार्केट से कार्ति विधायक भी रह चुके हैं। कीर्ति आजाद भाजपा से सांसद भी रहे हैं। बाद में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कीर्ति आजाद कांग्रेस में ज्यादा दिन नहीं रुके। लोकसभा चुनाव 2024 में टीएमसी ने कीर्ति आजाद को वर्दवान दुर्गापुर से टिकट दिया है।

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चेतन चौहान

क्रिकेटर चेतन चौहान अब हमारे बीच नहीं है। मगर क्रिकेट से सियासी पिच तक चौहान का जलवा कायम रहा है। 1969 में न्यूजीलैंड के खिलाफ डेब्यू करने वाले चेतन चौहान दो बार उत्तर प्रदेश के अमरोहा लोकसभा सीट से भाजपा सांसद रहे। 2017 में वह नौगांव सादात विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे। इसके बाद चेतन चौहान को योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में जगह मिली थी।

मोहम्मद अजहरुद्दीन

पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 2009 में कांग्रेस का दामन थामा था। 2009 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट से पहली बार चुनाव जीता। इसके बाद 2014 में टोंक सवाई माधोपुर से चुनाव लड़े लेकिन सफलता नहीं मिली। पिछले साल मोहम्मद अजहरुद्दीन हैदराबाद की जुबली हिल्स क्षेत्र से विधानसभा चुनाव भी हार चुके हैं।

गौतम गंभीर

पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने 22 मार्च 2019 को भाजपा का दामन थामा था। भाजपा ने गौतम गंभीर को पूर्व दिल्ली लोकसभा सीट से 2019 लोकसभा चुनाव में उतारा था। गौतम गंभीर ने आप नेता आतिशी सिंह और कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली को हराया था। हालांकि लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले गौतम गंभीर ने राजनीति से संन्यास का एलान कर दिया है।

सियासी पिच पर नहीं टिक सके ये दिग्गज

विनोद कांबली

दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बचपन के दोस्त विनोद कांबली को कौन नहीं जानता। मगर क्रिकेटर की तरह विनोद सियासत में भी कुछ खास नहीं कर सके। 2009 में विनोद कांबली ने मुंबई के विक्रोली से चुनाव लड़ा। मगर हार का सामना करना पड़ा। कांबली ने यह चुनाव लोक भारती पार्टी की टिकट पर लड़ा था।

मोहम्मद कैफ

अपनी फील्डिंग के लिए विख्यात मोहम्मद कैफ अपनी सियासी पारी में कुछ खास नहीं कर सके। 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने क्रिकेटर मोहम्मद कैफ को उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभी सीट से प्रत्याशी बनाया था। इस चुनाव में भाजपा की फील्डिंग के आगे कैफ टिक न सके। उन्हें चौथे स्थान से ही संतोष करना पड़ा था। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने उन्हें हराया था।

चेतन शर्मा

क्रिकेट में बल्ले से जलवा बिखेरने और तेज गेंदबाजी से सनसनी फैलाने वाले क्रिकेटर चेतन शर्मा सियासत में बोल्ड हो चुके हैं। 2009 लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने चेतन शर्मा को हरियाणा की फरीदाबाद लोकसभा सीट से उतारा था। मगर कांग्रेस प्रत्याशी अवतार सिंह भड़ाना ने चेतन शर्मा को शिकस्त दी थी।

योगराज सिंह

क्रिकेटर योगराज सिंह भी राजनीति में कदम रख चुके हैं। 2009 में उन्होंने इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के टिकट पर हरियाणा विधानसभा का चुनाव लड़ा था। मगर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। योगराज सिंह दिग्गज क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता हैं। उनकी पहचान प्रसिद्ध पंजाबी अभिनेता के तौर पर होती है। योगराज सिंह ने एक टेस्ट और छह वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं।

मंसूर अली खान पटौदी

मंसूर अली खान पटौदी ने पहली बार 1971 में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह की विशाल हरियाणा पार्टी के टिकट पर गुड़गांव संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था। मगर इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 1991 में पटौदी ने मध्य प्रदेश के भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़ा। कांग्रेस की टिकट पर उतरे पटौदी को भाजपा प्रत्याशी सुशील चंद्र वर्मा ने शिकस्त दी थी।

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