Move to Jagran APP

Lok Sabha Election 2024: गुड़गांव में आसान नहीं राज बब्बर की सियासी राह, इन चुनौतियों का करना पड़ रहा सामना

Lok Sabha Election 2024 हरियाणा की गुड़गांव लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने इस बार दांव फिल्म अभिनेता राज बब्बर पर खेला है। उनके सामने भाजपा से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह हैं। जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने राहुल फाजिलपुरिया को उतारा है। राज बब्बर को पार्टी में अंदरूनी गुटबाजी का सामना भी करना पड़ रहा है। भाजपा ने बाहरी का मुद्दा भी उठा दिया है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Wed, 08 May 2024 08:32 PM (IST)
Hero Image
लोकसभा चुनाव 2024: कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर।
विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। अभिनेता राज बब्बर फिल्मी दुनिया में अपने अलग अंदाज के अभिनय के लिए जाने जाते हैं। अपनी एक्टिंग से राजनीति और फिल्मी जगत, दोनों पारियां वे साथ ही खेल रहे हैं। अपने अभिनय से लोगों के दिलों पर राज करने वाले अभिनेता राज बब्बर इस बार गुड़गांव लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले वह तीन बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं।

अपने गृह जनपद से दूर दुनियाभर में मिलेनियम सिटी के रूप में विख्यात गुरुग्राम सिटी से बिना पार्टी संगठन के चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी के लिए एक बात तो साफ है कि यहां उनकी राह आसान नहीं है। बीते दिनों उनके नामांकन के बाद जनसभा में इसका उदाहरण भी देखने को मिला।

टिकट बंटवारे को लेकर साफ दिखा असंतोष

हरियाणा में 10 साल से कांग्रेस का संगठन नहीं है। बीच-बीच में कई मोर्चा के प्रभारी नियुक्त किए गए। संगठन ना होने की वजह से कांग्रेस नेताओं के जिले में कई गुट बने हुए हैं। पहले टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के कुछ गुटों के नेताओं में असंतोष रहा। वहीं, टिकट मिलने के बाद भी बीते आठ दिनों में कांग्रेस प्रत्याशी के साथ कभी एक धड़ा खड़ा हुआ, तो कभी दूसरा।

यह भी पढ़ें: एक सीट... दो बाहुबली, बिहार में क्यों मची सियासी खलबली?

सभी नेता खुलकर एक छत के नीचे नहीं आ पाए। बीते दो लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद और आगरा से हारने के बाद इस लोकसभा चुनाव में उन्हें प्रतिद्वंद्वी को टक्कर देने के लिए कितनी मशक्कत करनी पड़ेगी और यह मेहनत कितनी रंग लाएगी, यह तो चार जून को ही पता चल पाएगा।

भाजपा प्रत्याशी ही हैं निशाने पर

मूलभूत समस्याओं को लेकर डबल इंजन की सरकार को घेर रहे कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर के सामने गुड़गांव लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत और जजपा प्रत्याशी राहुल फाजिलपुरिया मैदान में हैं। 30 अप्रैल को टिकट मिलने के बाद पहले दिन से ही गुरुग्राम समेत कई इलाकों का दौरा करने में जुटे राज बब्बर के निशाने पर केंद्र व राज्य की सरकार के साथ भाजपा प्रत्याशी ही हैं।

इन मुद्दों को उठा रहे राज बब्बर

राज बब्बर ने जजपा व अन्य किसी पार्टी के प्रत्याशी को एक बार भी निशाना नहीं बनाया। वह अपने भाषणों में गुरुग्राम, रेवाड़ी, नूंह का विकास न होने, मेट्रो का विस्तार न होने, क्षेत्रों में गंदगी, जीएमडीए समेत निजी एजेंसियों के काम न करने, सड़क न बनने समेत अन्य मुद्दों पर सरकार व प्रत्याशी को घेर रहे हैं।

वह अपनी हर सभा में भाजपा प्रत्याशी के व्यवहार को लेकर भी मुद्दा बना रहे हैं। उन्होंने कई बार कहा है कि वह जहां भी जा रहे हैं, लोग यही कहते हैं कि भाजपा सांसद न तो उनके क्षेत्र आते हैं और न ही कभी मिलते हैं। फोन भी नहीं उठाते हैं।

बाहरी होने और चुनाव बाद न मिलने पर क्या कहा?

टिकट मिलने के पहले से ही कांग्रेस के कुछ नेता भी राज बब्बर को बाहरी कहते हुए टिकट न देने की जोर आजमाइश कर रहे थे, लेकिन टिकट मिलने के बाद उनका असंतोष तो दूर हुआ, लेकिन अब प्रतिद्वंद्वी उन पर बाहरी होने का ठप्पा लगा रहे हैं।

कहा जा रहा है कि चुनाव जीतने के बाद वह ढूढ़े नहीं मिलेंगे। इन बयान पर वह जनता के दिल में घर बनाने की बात कहकर निपट रहे हैं। हालांकि, चुनाव प्रचार के मामले में भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह सबसे आगे हैं। पिछले डेढ़ महीने के दौरान वह काफी इलाकों का दौरा कर चुके हैं। टिकट देर से मिलने के कारण भी राज बब्बर को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।

सेल्फी को वोट में तब्दील करने की मशक्कत

राज बब्बर के लिए गुरुग्राम नया नहीं है। इससे पहले भी वह कई बार यहां आ चुके हैं। उनकी रिश्तेदारियों भी आसपास जिलों में हैं। गुरुग्राम में सभाओं के दौरान लोगों में उनके साथ सेल्फी खिंचवाने की होड़ है, लेकिन लोगों के मोबाइल में कैद सेल्फी उनकी अंगुली की स्याही बन पाती है, यह तो मतदाताओं पर ही निर्भर करेगा।

किस विधानसभा में किसका कब्जा

गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र में गुरुग्राम, नूंह और रेवाड़ी जिले आते हैं। गुरुग्राम के तीन विधानसभा क्षेत्रों गुरुग्राम, सोहना और पटौदी पर भाजपा का कब्जा है। नूंह के तीनों विधानसभा क्षेत्र नूंह, पुन्हाना और फिरोजपुर झिरका पर कांग्रेस का कब्जा है। रेवाड़ी के दो विधानसभा क्षेत्रों में से रेवाड़ी पर कांग्रेस तो बावल में भाजपा का विधायक है। बादशाहपुर हलके में निर्दलीय विधायक है।

गुरुग्राम सीट पंजाबी बाहुल्य

पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका और नूंह में मुस्लिम वोटरों की संख्या चार लाख से ज्यादा है। गुरुग्राम सीट पंजाबी बहुल है। बादशाहपुर, सोहना में भी पंजाबी समाज के वोटरों की अच्छी संख्या है। कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर पंजाबी समाज से आते हैं। पंजाबी समाज भाजपा का मजबूत वोट बैंक माना जाता है। अगर पंजाबी समाज को साधने में राज बब्बर सफल रहे तो फिर मुकाबला कांटे का होगा।

इन चुनौतियां से ऐसे निपट रहे

राज बब्बर विरोधियों के हर मोर्चे पर लड़ने के लिए एक-एक दिन में 10-10 जगह पर सभाएं कर रहे हैं। कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है। टिकट न मिलने से नाराज चल रहे कैप्टन अजय सिंह यादव भी बड़ी चुनौती थे। राज बब्बर सभी से मिलकर आगे बढ़ रहे हैं। वह दो दिन पहले कैप्टन को भी मनाने में कामयाब रहे। अलग-अलग क्षेत्र के नेताओं के साथ मिलकर उनके क्षेत्र में जनसभा कर मतदाताओं को साध रहे हैं।

तीन बार सांसद, दो बार राज्यसभा सदस्य

  • 1994 से 1999 तक उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य रहे
  • 1999 से 2009 तक आगरा लोकसभा सीट से सांसद रहे
  • 2009 से 2014 तक फिरोजाबाद सीट से सांसद रहे
  • 2015 से 2020 तक उत्तराखंड से राज्यसभा के सदस्य

राज बब्बर

शिक्षा: एनएसडी से स्नातक

संपत्ति: 6.87 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 10.99 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति

यह भी पढ़ें:  'पावर स्टार', बाहुबली की पत्नी और IPS भी कूदे चुनावी मैदान में; चर्चा में हैं बिहार के ये पांच निर्दलीय प्रत्याशी