Lok Sabha Election 2024: एक-एक वोट की कीमत, शिपिंग कंटेनर से लेकर दुनिया के सबसे ऊंचे पोलिंग बूथ तक; इन दुर्गम स्थानों पर भी होगी वोटिंग
Lok Sabha Election 2024 सफल चुनाव के आयोजन के लिए अधिक से अधिक लोगों का मतदान प्रक्रिया में भाग लेना आवश्क होता है। इसीलिए चुनाव आयोग ने हर वोटर तक पहुंचने के लिए दुर्गम से दुर्गम स्थान पर मतदान केन्द्र स्थापित किया है और हर वोटर तक पहुंचने का प्रयास किया है। जानें ऐसे ही दुर्गम स्थानों पर स्थित कुछ अनोखे पोलिंग बूथों के बारे में-
चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का एलान हो गया है। चुनाव आयोग ने 16 मार्च को तारीखों की घोषणा करते हुए कहा कि आम चुनाव के लिए 19 अप्रैल से 1 जून के बीच 7 चरणों में मतदान कराए जाएंगे। जिसके तहत 19 अप्रैल को पहले, 26 अप्रैल को दूसरे, 7 मई को तीसरे, 13 मई को चौथे, 20 मई को पांचवें, 25 मई को छठवें एवं 1 जून को सातवें चरण का मतदान होगा।
वहीं, 4 जून को सभी राज्यों की मतगणना होगी एवं नतीजे घोषित किए जाएंगे। इतने बड़े स्तर पर चुनाव आयोजित करने के लिए चुनाव आयोग ने तैयारियां भी बड़े स्तर पर की हैं। चुनाव सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक लोगों का मतदान प्रक्रिया में भाग लेना आवश्क है और एक-एक वोट कीमती है।इसी बात को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने दुर्गम से दुर्गम स्थान पर मतदान केन्द्र स्थापित किया है और हर वोटर तक पहुंचने का प्रयास किया है। इसके तहत शिपिंग कंटेनर से लेकर दुनिया के सबसे ऊंचे पोलिंग स्टेशन पर बूथ बनाए गए हैं।
दुर्गम स्थानों पर भी वोटिंग
- गुजरात के भरूच में स्थित आलियाबेट द्वीप में शिपिंग कंटेनर में पोलिंग स्टेशन बनाया गया है।
- हिमाचल के लाहौल-स्पीति के ताशीगंग में दुनिया का सबसे ऊंचा पोलिंग स्टेशन बनाया गया है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाइ 15256 फीट है। यहां पर 52 मतदाता पंजीकृत हैं।
- अरुणाचल प्रदेश के अनजाव जिले के मालोगाम में केवल एक मतदाता के लिए भारत का सबसे छोटा पोलिंग बूथ बनाया गया है।
- बस्तर के चांदामेटा में पहली बार वोट डाले जाएंगे।
- केरल के वायनाड स्थित अभ्यारण में भी पोलिंग स्टेशन स्थापित किया गया है।
- त्रिपुरा के डंबूर लेक में बिखरे द्वीप समूहों के मतदाताओं के लिए पोलिंग स्टेशन बनाया गया है।
“हम अतिरिक्त प्रयास करेंगे ताकि मतदाताओं को ऐसा न करना पड़े। हम बर्फीले पहाड़ों और जंगलों में चलेंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए कि हर कोई मतदान कर सके, हम घोड़ों और हेलीकॉप्टरों और पुलों पर जाएंगे और यहां तक कि हाथियों और खच्चरों पर भी सवारी करेंगे।''
- मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार
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