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Lok Sabha Election 2024: घट रहा निर्दलियों का दबदबा, 1957 में 42 तो 2019 में सिर्फ चार ही जीते, देखें 1952 से अब तक के आंकड़े

Lok Sabha Election 2024 पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ 52 सीटों पर जीत दर्ज की थी। एक समय ऐसा था कि इससे सिर्फ 10 सीट कम यानी 42 सीटों पर निर्दलियों का कब्जा था। मगर अब धीरे-धीरे निर्दलियों का दबदबा कम होता जा रहा है। पिछले चुनाव में मोदी लहर के बावजूद चार निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी।

By Ajay Kumar Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 27 May 2024 02:42 PM (IST)
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लोकसभा चुनाव 2024: क्या खत्म हो रहा निर्दलियों का करिश्मा?
चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में निर्दलियों का दबदबा घटता जा रहा है। 1952 में प्रथम लोकसभा चुनाव में 37 निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत का पताका फहराया था। मगर 2019 में यह आंकड़ा सिर्फ चार निर्दलीय सांसदों तक सिमट गया। देश में सबसे कम निर्दलीय सांसदों की संख्या 2014 में सिर्फ तीन थी। सबसे अधिक 42 निर्दलीय सांसद 1957 के लोकसभा चुनाव में जीते थे।

आइए एक नजर डालते हैं 1952 से 2019 तक के चुनाव पर, कब कितने निर्दलीय चुनाव लड़ने, कितने को जीत मिली और कैसे इनकी संख्या घटती गई?

पहले चुनाव में 360 की जमानत हुई थी जब्त

1952 में हुए देश के पहले चुनाव में कुल 1874 प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें 533 निर्दलीय उम्मीदवार थे। कुल 37 निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनाव जीता था और 360 निर्दलियों की जमानत जब्त हो गई थी।

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1957 में हुए दूसरे आम चुनाव में निर्दलियों ने रिकॉर्ड कायम किया। इस चुनाव में 1519 प्रत्याशियों में 481 निर्दलीय थे। 42 निर्दलियों ने चुनाव जीता था। हालांकि 324 की जमानत जब्त हो गई थी।

1962 में 20 निर्दलियों ने फतेह हासिल की थी। देश में दलगति राजनीति के अधिक भावी होनी की वजह से निर्दलियों का अपना दबदबा खत्म हो रहा है। यही वजह है कि अभी तक हुए 17 लोकसभा चुनाव में 11 बार निर्दलीय सांसदों की संख्या दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंची।

2019: दो महिलाओं समेत चार ने जीता था निर्दलीय चुनाव

साल दर साल चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या बढ़ती गई। मगर संसद में इनका प्रतिनिधित्व घटता गया। 2019 में मोदी लहर के बावजूद चार निर्दलीय प्रत्याशियों ने लोकसभा चुनाव जीता था। महाराष्ट्र की अमरावती से निर्दलीय चुनाव जीतने वाली नवनीत राणा इस बार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।

दादरा और नगर हवेली से निर्दलीय सांसद मोहन डेलकर का निधन हो चुका है। असम की कोकराझार से नाबा हीरा कुमार सरनिया और कर्नाटक की मांड्या लोकसभा सीट से सुमन लता अंबरीश ने निर्दलीय चुनाव जीता था।

          1952 से 2019 तक के आंकड़े

वर्ष
कुल निर्दलीय
प्रत्याशी विजेता
जमानत जब्त
1952 533 37 360
1957 481 42 324
1962 479 20 378
1967 866 35 747
1971 1134 14 1066
1977 1224 09 ---
1980 2826 09 2794
1984-85 3797 05 3752
1989 3712 12 3672
1991-92 5546 05 5529
1996 10635 09 10604
1998 1915 06 1898
1999 1945 06 1928
2004 2385 05 2370
2009 3831 09 3806
2014 3234 03 3218
2019 3461 04 3449
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