Lok Sabha Election 2024: अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे से कांग्रेस में घमासान, देवेंद्र यादव के सामने है ये सबसे बड़ी चुनौती
Lok Sabha Election 2024 अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे से दिल्ली कांग्रेस में घमासान मचा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव को अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। मगर उनके सामने पार्टी में कलह और गुटबाजी को रोकना सबसे बड़ी चुनौती है। हालांकि पार्टी के कुछ नेता आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। देवेंद्र यादव नए सिरे से रणनीति बनाने में जुटे हैं।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। वरिष्ठ नेता देवेंद्र यादव को प्रदेश कांग्रेस की कमान भले ही अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर दी गई हो, लेकिन पूर्णकालिक अध्यक्ष भी अब यही होंगे। यह बात अलग है कि सियासी संकट के समय इन्हें मिली यह कमान खासी चुनौतियों से भरी है।
अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के बाद पार्टी में सियासी घमासान मचा है। कुछ नेता आग में घी डालने का काम रहे हैं। इतना ही नहीं प्रदेश पार्टी कार्यालय में लवली के करीबी पदाधिकारियों के कमरों पर ताला लगाकर उनकी नेमप्लेट तक हटाई जा रही है।
संगठन को टूटने से बचाने की चुनौती
नवनियुक्त अध्यक्ष देवेंद्र यादव के लिए सबसे बड़ी और पहली चुनौती इसी कलह के बीच संगठन को टूटने से बचाना और सभी को साथ लेकर चलना है। पार्टी के ज्यादातर वरिष्ठ नेता आप से गठबंधन, कन्हैया कुमार एवं उदित राज की उम्मीदवारी और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया की मनमानी को लेकर लवली के समर्थन में हैं।नए सिरे से रणनीति तैयार करेंगे: देवेंद्र यादव
राज्य प्रभारी के तौर पर देवेंद्र खुद भी पंजाब में आप से गठबंधन के विरोधी रहे हैं। ऐसे में, एक राज्य में गठबंधन विरोधी होते हुए दूसरे प्रदेश में गठबंधन के उम्मीदवारों को समर्थन देना सहज नहीं है। जागरण से बातचीत में देवेंद्र यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए जीत का रास्ता प्रशस्त करने के लिए सभी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर नए सिरे से रणनीति तैयार करेंगे।
सभी की नाराजगी को करेंगे दूर
कन्हैया कुमार और उदित राज की उम्मीदवारी को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में पनपी नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए वह अपने पुराने साथियों से मिलकर नाराजगी दूर करने का प्रयास करेंगे। उन तक पहुंचकर उनकी नाराजगी दूर की जाएगी। कुछ पुराने साथी मिले भी हैं, उनसे बातचीत हुई है। अगले कुछ दिनों में सभी की नाराजगी को दूर कर दिया जाएगा।यह भी पढ़ें: सांसद बनते ही नपवाई थी घर से रेलवे स्टेशन की दूरी, रोचक है आगरा का ये चुनावी किस्सा