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Chunavi किस्‍से: 'जनता के बीच जमीन पर बैठना.. जेब में गिलास लेकर चलना'; वंचितों का वो नेता जिसे पांच बार सवर्णों ने जिताया

Lok Sabha Election 2024 and Chunavi किस्‍से चुनावी किस्‍सों की सीरीज में आज हम आपके लिए लाए हैं उत्‍तर प्रदेश के एक ऐसा नेता की कहानी जिसकी सादगी की मिसाल दी जाती है। वह गांव-गांव जाकर लोगों के बीच जमीन पर बैठते। एक वोट और दो रुपये का नोट मांगते थे। वोट मांगने के दौरान वह पानी व चाय के लिए अपना गिलास जेब में रखकर चलते थे।

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Thu, 04 Apr 2024 12:58 PM (IST)
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Lok Sabha Chunav 2024:चंद्रभान मौर्य की सादगी के कायल हो गए थे मतदाता। प्रतीकात्‍मक
 चुनाव डेस्‍क, नई दिल्‍ली। वो 1991 का दौर था। प्रदेश में भाजपा की लहर चल रही थी। लालकृष्ण आडवाणी रथ यात्रा पर निकले थे। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एत्मादपुर से घनश्याम प्रेमी को प्रत्याशी बनाया था। वहीं, समाजवादी जनता पार्टी से चंद्रभान मौर्य प्रत्याशी थे। सजपा की हालत खराब थी।

इसी दौरान बरहन के गांव सहपूत में कुछ ऐसा हुआ कि पासा पलट गया। वहां, ठाकुर ऊदल सिंह के बेटे का तिलक समारोह था। सैकड़ों की भीड़ जुटी थी। भाजपा प्रत्याशी भी वहां पहुंचे थे। वह कुर्सी पर बैठे थे। कुछ देर बाद चंद्रभान मौर्य वहां पहुंचे और जमीन पर लोगों के बीच बैठ गए। उनकी इस सादगी के लोग कायल हो गए। पूरे क्षेत्र ने उनके समर्थन की घोषणा कर दी।

मांगते थे एक वोट और दो रुपये का नोट

इसका परिणाम ये हुआ कि उन्होंने बड़ी जीत हासिल की। उनके पुत्र पूर्व विधायक चंद्रप्रकाश मौर्य बताते हैं, उनके पिता के पास चुनाव लड़ने को पैसे नहीं थे। साल 1977 में उन्होंने चौधरी चरण सिंह की दो रुपये की टिकट छपवाई थी। एक वोट और दो रुपये का नोट गांव-गांव जाकर मांगते थे। चौधरी साहब के नाम पर हर घर से पैसा मिलता था। उसी पैसे से चुनाव लड़ते।

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लोगों के दिल पर करते थे राज

90 साल के हो चुके जगत नारायण उपाध्याय बताते हैं कि ठाकुर बाहुल्य एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र से चंद्रभान मौर्य की पांच बार जीत यूं ही नहीं हुई। यह उनकी सादगी का इनाम था। एससी वर्ग के होने के बाद भी उन्होंने सवर्ण वोट बैंक पर हमेशा पकड़ बनाए रखी।

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वोट मांगने के दौरान वह पानी व चाय के लिए अपना गिलास जेब में रखकर चलते थे। जमीन पर ही बैठ जाते थे। इससे लोगों के दिलों में उनके प्रति बहुत सम्मान था।

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