आमने-सामने की लड़ाई में भाजपा कहां? साफ हवा, पीने का पानी और यमुना.. दिल्ली की जनता से जुड़े सवालों पर सचदेवा के सीधे जवाब
Lok Sabha Election 2024 चुनाव प्रचार में तेजी आ रही है। पार्टी के सामने इस लोकसभा चुनाव में चुनौती तैयारी और रणनीति के साथ ही दैनिक जागरण की ओर से एनसीआर की जनता आकांक्षाओं को लेकर उठाए गए दिल्ली के बड़े मुद्दों पर दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा से संतोष कुमार सिंह ने विस्तार से बात की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश...
संतोष कुमार सिंह , नई दिल्ली। भाजपा ने अपने सभी सातों प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। बूथ प्रबंधन के साथ ही चुनाव प्रचार में तेजी आ रही है। पार्टी के सामने इस लोकसभा चुनाव में चुनौती, तैयारी और रणनीति के साथ ही दैनिक जागरण की ओर से एनसीआर की जनता आकांक्षाओं को लेकर उठाए गए दिल्ली के बड़े मुद्दों पर दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा से बातचीत के प्रमुख अंश...
सवाल: दिल्ली विश्व का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, इस समस्या के समाधान के लिए भाजपा के पास क्या रोड मैप है?जवाब: प्रदूषण की समस्या हल करने के लिए सभी एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा। केंद्र सरकार इसे लेकर काम कर रही है। अगर ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल सहित कई अन्य सड़कों का निर्माण नहीं होता तो यहां प्रदूषण की समस्या और गंभीर हो जाती। सभी प्रत्याशियों की प्राथमिकता में प्रदूषण की समस्या है।
मेट्रो का विस्तार, इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने, सड़कों का निर्माण और यातायात की समस्या दूर कराने सहित अन्य उपायों पर भाजपा सांसद काम करेंगे, जिससे कि प्रदूषण की समस्या दूर हो सके। प्रदूषण की समस्या को लेकर दिल्ली सरकार गंभीर नहीं है।सवाल: यमुना की सफाई और और जल आपूर्ति को लेकर भाजपा कितनी गंभीर है? इस दिशा में भाजपा के सांसदों की क्या प्रयास रहे हैं और आगे क्या कदम उठाएंगे?
जवाब:प्रदूषण की समस्या की तरह यमुना की सफाई को लेकर भी केजरीवाल सरकार गंभीर नहीं है। केंद्र सरकार की ओर से दिए गए फंड का भी सदुपयोग नहीं कर रही है। भाजपा के सांसद केंद्र से जरूरत के अनुसार फंड उपलब्ध कराने और यमुना से संबंधित परियोजनाओं को लागू कराने के लिए काम करेंगे।यह भी पढ़ें -'...इससे चुनाव जीतने का मजा नहीं', पढ़ें बहुमत की बात पर कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव का बेबाक इंटरव्यू
सवाल: दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने के लिए भाजपा के सांसदों की क्या भूमिका होनी चाहिए?जवाब:दिल्ली को अपराध मुक्त करना भाजपा प्रत्याशियों की प्राथमिकता है। इसके लिए नाइट पेट्रोलिंग को बढ़ावा देने, सड़कों पर रोशनी की समस्या दूर कराने और सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए काम करेंगे। दिल्ली को अपराध मुक्त करने के लिए आम जनता को सजग रहना होगा। इसके लिए कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सभी सांसद जागरूकता अभियान चलाएंगे। पहले की तुलना में स्ट्रीट क्राइम में कमी आई है। पुलिस त्वरित कार्रवाई कर अपराधियों को पकड़ रही है।
सवाल: भाजपा सांसद फाइल में दबी एम्स पुनर्विकास योजना को धरातल पर उतारने और नए अस्पताल बनाने की मांग केंद्र सरकार के सामने क्यों नहीं रखते हैं?जवाब:दिल्ली के मुद्दों को भाजपा सांसद केंद्र सरकार के सामने उठाते रहे हैं। एम्स पुनर्विकास योजना पर काम शुरू कराने के साथ ही प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में केंद्र सरकार का अस्पताल खुलवाने के लिए सांसद काम करेंगे।
यह भी पढ़ें - 'विदिशा से खिलेगा सुंदर कमल.. यहां से आत्मा का रिश्ता', BJP की जीत और कांग्रेस की सीट पर शिवराज का बेबाक जवाबसवाल: यदि भाजपा के प्रत्याशी विजयी रहते हैं तो स्वच्छ दिल्ली के लिए उनका क्या योगदान होगा?
जवाब: एक वर्ष में दिल्ली में सफाई की व्यवस्था खराब हुई है। कूड़े का पहाड़ कम करने में भाजपा सांसदों ने सराहनीय काम किया है। इस पर आगे भी काम किया जाएगा। स्वच्छता प्रधानमंत्री का सबसे बड़ा मिशन है। भाजपा कार्यकर्ता इसे लेकर जनता को जागरूक करने के साथ ही स्वच्छता अभियान भी चलाते रहेंगे।सवाल: रिंग रेल लोकल यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण विकल्प बन सकता है फिर भी भाजपा सांसद रेल मंत्रालय के सामने इसे मजबूती से क्यों नहीं रख सके?
जवाब:भाजपा सांसदों ने रेल मंत्री के सामने इस विषय को उठाया था। रिंग रेल के स्टेशनों को मेट्रो से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। दिल्ली सरकार की उदासीनता रिंग रेल के विकास में सबसे बड़ी बाधा है। इसके स्टेशनों को सड़क मार्ग से जोड़ने का काम दिल्ली सरकार को करना है, लेकिन इस दिशा में उनकी ओर से काम नहीं किया गया है, अतिक्रमण हटाना भी जरूरी है।1952 से लेकर अब तक के सभी लोकसभा चुनावों की जानकारी के लिए यहां क्लिक करें
सवाल: आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन से वर्ष 2009 के बाद इस बार दिल्ली में फिर से आमने सामने की लड़ाई है। भाजपा इसके लिए कितनी तैयार है?जवाब: भाजपा अपने संगठन की ताकत के आधार पर चुनाव लड़ती है। विरोधियों की राजनीतिक स्थिति का आकलन कर भाजपा चुनावी रणनीति तैयार करती है और सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर उसे धरातल पर उतारते हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को लगभग 57 प्रतिशत वोट मिले थे, इस चुनाव में 60 प्रतिशत मत प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। कांग्रेस और आप मिलकर चुनाव लड़ें या अकेले इससे भाजपा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कार्यकर्ताओं की मेहनत और दिल्लीवासियों के आशीर्वाद से तीसरी बार सभी सातों सीटों पर भाजपा को जीत मिलेगी।
सवाल: क्या पंजाब की तरह क्या दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी के टूटने की संभावना है?जवाब:भाजपा के पास मजबूत संगठन है। दिल्ली में आप का कोई नेता हमारे संपर्क में नहीं है। आप में सत्ता को लेकर जिस तरह का संघर्ष चल रहा है, उससे वहां किसी भी तरह की राजनीतिक परिस्थिति उत्पन्न हो सकती है।सवाल: सात में से छह सांसदों का टिकट काटने की जरूरत क्यों पड़ी ? क्या उनके खिलाफ जनता में नाराजगी थी? इस निर्णय से गुटबाजी तो नहीं बढ़ेगी?जवाब: बिल्कुल नहीं। भाजपा के सभी सातों सांसदों ने काम किया है। भाजपा में आवश्यकतानुसार कार्यकर्ताओं को दायित्व सौंपा जाता है। इस कारण यह बदलाव हुआ है। सभी सांसद मिलकर पार्टी को जीत दिलाने के लिए काम कर रहे हैं।सवाल: क्या दिल्ली संवैधानिक संकट की तरफ बढ़ रही है?जवाब: दिल्ली संवैधानिक संकट के बीच खड़ी है। पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना ने आरोप लगने मात्र से पद छोड़कर राजनीति में आदर्श प्रस्तुत किया था। वहीं, जेल जाने के बाद भी अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ रहे हैं। यदि उनमें थोड़ी भी नैतिकता बची है, तो उन्हें अविलंब त्यागपत्र देना चाहिए। केजरीवाल अब भ्रष्टाचार के पर्याय बन गए हैं।यह भी पढ़ें - नरोत्तम मिश्रा ने दतिया में मिली हार की बताई ये वजह, एक लाख कांग्रेसियों को भाजपा में जोड़ने का किया दावा, पढ़ें खास बातचीत