पत्नी के प्रचार करने और केजरीवाल की गारंटी पर क्या बोले मनोज तिवारी; अगर जीते तो क्या शीला दीक्षित की तरह कन्हैया से भी मिलेंगे? दिया यह जवाब
Lok Sabha Election 2024 मनोज तिवारी के सामने इस सीट पर आईएनडीआई गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार हैं। ऐसे में वह इस चुनाव को कैसे देखते हैं इस चुनाव में प्रमुख मुद्दे क्या हैं प्रचार अभियान कैसा चल रहा है और मुख्य प्रतिद्वंद्वी को कैसे देख रहे हैं... जैसे कई विषयों पर दैनिक जागरण ने भाजपा प्रत्याशी मनोज तिवारी से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश...
निहाल सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली में लोकसभा की सात सीटों में से छह पर जहां भाजपा ने अपने सांसदों के टिकट काट दिए। वहीं उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से मनोज तिवारी एकमात्र ऐसे सांसद रहे, जिन पर पार्टी ने अपना भरोसा बरकरार रखा। भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता और सुप्रसिद्ध गायक होने के साथ ही अब एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ बन चुके मनोज तिवारी इस सीट से लगातार तीसरी बार टिकट हासिल करने में सफल रहे।
मनोज तिवारी के सामने इस सीट पर आईएनडीआई गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार हैं। ऐसे में वह अपनी सभाओं में उन्हें टुकड़े-टुकड़े समूह का सदस्य बताने से नहीं चूकते हैं। वह अपने भाषणों में लोगों को जेएनयू की घटना याद दिलाते हैं और कन्हैया कुमार के विवादित नारों का जिक्र करते हैं। इस चुनाव में प्रमुख मुद्दे क्या हैं, प्रचार अभियान कैसा चल रहा है और मुख्य प्रतिद्वंद्वी को कैसे देख रहे हैं... जैसे कई विषयों पर दैनिक जागरण ने भाजपा प्रत्याशी मनोज तिवारी से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश...
सवाल: पिछले दो चुनावों में आपकी सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला था। इस बार आईएनडीआई गठबंधन प्रत्याशी से आपका आमने-सामने का मुकाबला है। इसे कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं?
जवाब- कांग्रेस की जो सोच है, उसी के अनुरूप उसने देश के टुकड़े-टुकड़े करने की बात करने वाले, भारतीय सेना को गाली देने वाले, घर-घर से आतंकी निकलने की बात करने वाले और 'कितने अफजल मारोगे हर घर से अफजल निकलेगा' जैसे नारे लगाने वाले व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया है।
लोग ऐसे प्रत्याशी को हराने के लिए दोगुने जोश से वोट करते हैं। फिर भी हम अपने हर चुनाव को गंभीरता से लेते हैं और इस बार भी मेहनत कर रहे हैं। कांग्रेस और आप दोनों के कार्यकर्ता अपनी-अपनी पार्टियों से नाराज हैं, क्योंकि इनका गठबंधन बे-मेल है।
सवाल: पिछली बार जब आप चुनाव जीते तो शीला दीक्षित से मिलने उनके घर गए थे, क्या इस बार कन्हैया से मिलेंगे?
जवाब- मैं जब पूर्व सीएम शीला दीक्षित से उनके घर मिलने गया था तो मुझे महसूस हुआ था कि अरविंद केजरीवाल की नफरत भरी बातों से, उनके आरोपों से उनका मानस बहुत विचलित था। शायद इसी वजह से उन्हें सदमा लगा, जिससे वह उबर नहीं पाईं। शीला दीक्षित का एक अलग कद था।
बाकी अभी जो (कन्हैया कुमार) लड़ रहे हैं, मैं तो कामना करूंगा कि भगवान उनसे भेंट भी न हो। यह चुनाव राष्ट्रवाद बनाम माओवाद का है। एक तरफ देश के टुकड़े-टुकड़े होंगे...जैसे नारे लगाने वाले ये (कन्हैया कुमार) लोग हैं और दूसरी तरफ भारत माता की जय करने वाले हैं।