जब एनडी तिवारी ने छीनी थी भाजपा और कांग्रेस से कुमाऊं गढ़वाल की सीट, जानिए
एक दौर ऐसा भी आया था जब पूर्व मुख्यमंत्री स्व. नारायण दत्त तिवारी ने कुमाऊं और गढ़वाल की दो सीटे कांग्रेस और भाजपा से छीन ली थी।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 31 Mar 2019 09:24 AM (IST)
विनोद पपनै, रामनगर : यह दीगर बात है कि कुमाऊं और गढ़वाल लोक सभा सीटों पर कांग्रेस और भाजपा का कब्जा होता आया है। लेकिन अतीत के पन्ने पलट कर देखें तो एक दौर ऐसा भी आया था जब पूर्व मुख्यमंत्री स्व. नारायण दत्त तिवारी ने कुमाऊं और गढ़वाल की दो सीटे कांग्रेस और भाजपा से छीन ली थी।
यह वाकया साल 1994 का है जब वे कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष सीताराम केसरी और पीण् वीण् नरसिम्हा राव की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट हो गए थे और गांधी परिवार के प्रति अपनी ईमानदारी प्रर्दशित करने के मकसद से उन्होंने अपनी अलग कांग्रेस पार्टी बना ली जिसका नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस तिवारी रखा गया। बकायदा 1995 में इस दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में नयी पार्टी के गठन के लिए अर्जुन सिंह, माखन लाल फ ोतेदार, नटवर सिंह, मोहसिना किदवई और रंगराजन कुमारमंगल जैसे दिग्गज नेता दिल्ली में मिवारी के साथ खड़े हो गए।एनडी तिवारी के ओएसडी शंकर दत्त शर्मा बताते है कि उस समय तिवारी कांग्रेस ने देश की लगभग साढ़े तीन सौ सीटों पर चुनाव लड़ा था। जिसमें उनकी पार्टी ने पांच सीटे जीती थी। लेकिन जिनमें उनके उम्मीदवार पराजित भी हुए वह भी बहुत कम मार्जिन से हारे थे । शर्मा बताते हैं कि 1996 का चुनाव एनडी तिवारी ने नैनीताल और उनके साथ सतपाल महाराज ने पौड़ी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्हें कांग्रेस का आधिकारिक चुनाव चिंह नहीं मिला था। तब तिवारी ने फू ल चढ़ाती हुई महिला के चिन्ह पर चुनाव लड़ा। नारायण दत्त तिवारी ने अपने बलबूते पर न केवल नैनीताल की सीट बल्कि पौड़ी गढ़वाल की सीट पर भी कब्जा जमाते हुए कुमाऊं और गढ़वाल में अपनी लोक प्रियता का अहसास कांग्रेस को करा दिया था। उस समय एचडी दैवगौड़ा के मंत्रीमंडल में वह सतपाल महाराज को रेल राज्यमंत्री का ओहदा दिलाने भी कामयाब हो गए थे।