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Lok Sabha Election 2024: खजुराहो सीट पर सपा प्रत्याशी का नामांकन रद्द, अखिलेश यादव बोले- मामले की जांच हो

Lok Sabha Election 2024 मध्य प्रदेश की खजुराहो लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) को बड़ा झटका लगा है। यहां से सपा उम्मीदवार मीरा यादव का नामांकन रद्द कर दिया गया है। गठबंधन के तहत यह सीट सपा के खाते में आई थी। वहीं बाकी 28 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। सपा ने यहां पहले किसी और को टिकट दिया था।

By Ajay Kumar Edited By: Ajay Kumar Updated: Fri, 05 Apr 2024 05:58 PM (IST)
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लोकसभा चुनाव 2024: खजुराहो सीट पर सपा प्रत्याशी का नामांकन रद्द।

जेएनएन, भोपाल। मध्य प्रदेश की खजुराहो लोकसभा सीट पर विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए को बड़ा झटका लगा है। यहां से सपा उम्मीदवार का नामांकन निरस्त कर दिया गया है। 

बता दें कि गठबंधन के तहत कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की सिर्फ खजुराहो सीट समाजवादी पार्टी को दी थी। यहां समाजवादी ने मीरा यादव को चुनाव मैदान में उतारा था। जानकारी के मुताबिक, फॉर्म में हस्ताक्षर नहीं करने और पुरानी नामावली की वजह से उनका नामांकन निरस्त किया गया है।

पहले मनोज यादव को सपा ने दी थी टिकट

सपा ने खजुराहो सीट पर पहले डॉ. मनोज यादव को उतारा था। मगर 48 घंटे में उनकी जगह मीरा यादव के नाम का एलान कर दिया। दरअसल, डॉ. मनोज यादव को कमजोर प्रत्याशी आंका गया था। कांग्रेस ने भी इस सीट पर चेहरा बदलने को कहा था। उधर, खजुराहो सीट पर भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को दूसरी बार उतारा है।

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कौन हैं मीरा यादव?

मीरा यादव पूर्व विधायक हैं। उन्होंने 2008 में निवाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। मगर अब यह सीट टीकमगढ़ लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। 2023 में भी मीरा ने निवाड़ी सीट से विस चुनाव लड़ा था। मगर हार का सामना करना पड़ा था। पूर्व विधायक मीरा यादव झांसी क्षेत्र से ताल्लुक रखती हैं।

यह लोकतंत्र की हत्या: अखिलेश

मीरा यादव के नामांकन रद्द होने को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे लोकतंत्र की हत्‍या करार दिया है।

उन्‍होंने सोशल मीडिया पर पोस्‍ट कर कहा, ''खजुराहो सीट से आईएनडीआई गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त करना सरेआम लोकतंत्र की हत्या है। कहा जा रहा है कि हस्ताक्षर नहीं थे तो फिर देखनेवाले अधिकारी ने फार्म लिया ही क्यों। ये सब बहाने हैं और हार चुकी भाजपा की हताशा। जो न्यायालय के कैमरे के सामने छल कर सकते हैं वो फार्म मिलने के बाद पीठ पीछे क्या-क्या साजिश रचते होंगे। इस घटना की भी न्यायिक जांच हो, किसी का पर्चा निरस्त करना लोकतांत्रिक अपराध है।''

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