राहुल गांधी ने उठाया गंगा सफाई और भेल की बदहाली का मुद्दा
हरिद्वार में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गंगा की सफाई भेल कंपनी की आर्थिक बदहाली और गन्ना किसानों के भुगतान की बात छेड़कर स्थानीय मुद्दों को भी छूने की कोशिश की।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 07 Apr 2019 09:42 AM (IST)
हरिद्वार, अनूप कुमार। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हरिद्वार में गंगा की सफाई, भेल कंपनी की आर्थिक बदहाली और गन्ना किसानों के भुगतान की बात छेड़कर स्थानीय मुद्दों को भी छूने की कोशिश की।
राहुल गांधी शनिवार को हरिद्वार में कांग्रेस प्रत्याशी अंबरीष कुमार के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने करीब 25 मिनट के भाषण की शुरुआत सभी को नमस्कार कर की। उन्होंने हरिद्वार की पवित्र भूमि गंगा किनारे आने पर खुशी जाहिर की। देश की महारत्न कंपनी भेल के बहाने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की बदहाली पर मोदी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जमकर हमला बोला।तो गंगा की गंदगी और किसानों खासकर गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकारी, अर्धसरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की बदहाली को दूर करने से ज्यादा मोदी सरकार को अंबानी की कंपनी चलाने की चिंता है, भले ही इन क्षेत्रों के लाखों कर्मचारियों का रोजगार क्यों छिन जाए। राहुल ने न्याय योजना को विकास की चाभी बताते हुए एक साल में 10 लाख रोजगार देने, खाली पड़े 22 लाख सरकारी पदों को भरने का वादा किया। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में महारत्न कंपनी भेल आर्थिक नुकसान ङोलते हुए बंदी की कगार पर पहुंच रही है, लेकिन मोदी सरकार अंबानी की कंपनी को चालू करने पर लगी है। अपने संबोधन के बीच-बीच में राहुल गांधी ने जनता से सीधे संवाद भी किया।
पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट और अंबरीष कुमार ने दिया संबोधनकांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में मंच से केवल दो ही लोगों पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट और कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अंबरीष कुमार को संबोधन का मौका मिला। पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट का संबोधन राज्य की भाजपा सरकार के कार्यों और उसकी विफलताओं पर केंद्रित रहा, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अंबरीष कुमार ने अपने बेहद संक्षिप्त संबोधन में भेल, किसानों की बदहाली और बेरोजगारी के मुद्दों पर चर्चा की और भाजपा से इन मामलों में किए वादों की विफलताओं पर जवाब मांगा।