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Uttarakhand Election-2019: लोकतंत्र के महापर्व में फौजी मतदाताओं की रिकॉर्ड हिस्सेदारी

लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव में इस बार राष्ट्र की सुरक्षा को सीमा पर तैनात जवानों ने भी बढ़चढ़ कर भागीदारी निभाई। पोस्टल बैलेट में लगभग साढ़े तीन गुना बढ़ोतरी इसकी तस्दीक करती है।

By BhanuEdited By: Updated: Sat, 25 May 2019 08:23 PM (IST)
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Uttarakhand Election-2019: लोकतंत्र के महापर्व में फौजी मतदाताओं की रिकॉर्ड हिस्सेदारी
देहरादून, विकास गुसाईं। लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव में इस बार राष्ट्र की सुरक्षा को सीमा पर तैनात जवानों ने भी बढ़चढ़ कर भागीदारी निभाई। लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांचों सीटों पर फौजी मतदाताओं के वोट, यानी पोस्टल बैलेट में लगभग साढ़े तीन गुना बढ़ोतरी इसकी तस्दीक करती है। 

इस बार 65,374 यानी कुल 71 फीसद सैन्य मतदाताओं ने अपने वोट डाले। यह प्रदेश के मतदान प्रतिशत से भी 10 फीसद अधिक है। वर्ष 2014 के लोस चुनावों में यह आंकड़ा केवल 18490 था। प्रदेश की पांचों सीटों पर वापस आए पोस्टल बैलेट में से तकरीबन 83 फीसद विजयी भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में खुले। 

उत्तराखंड सैन्य बहुल प्रदेश है। बड़ी संख्या में उत्तराखंड वासी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। प्रदेश की राजनीति में सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़े वोटर हर चुनाव में अहम भूमिका में रहते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा व सैनिक कल्याण जैसे मुद्दों पर ये खुल कर अपने वोट के माध्यम से अपनी बात रखते भी हैं। 

उत्तराखंड में इस बार 90845 सर्विस मतदाता थे। आयोग ने नामांकन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद इन सभी की संबंधित यूनिटों में मतपत्र भेजे थे। इनमें से 65374 वोट मतगणना से पहले मतगणना केंद्रों तक पहुंचे। 

2014 के चुनावों में भी प्रदेश में तकरीबन 70 हजार सर्विस मतदाता थे, लेकिन इनमें से 18 हजार से कुछ अधिक पोस्टल बैलेट ही वापस आए थे। इससे यह तो साफ हो गया कि इस बार सैन्य मतदाताओं ने न केवल अपने मतदाताधिकार का प्रयोग किया बल्कि खुल कर अपनी पसंद का इजहार भी किया। 

नतीजे बताते हैं कि इस बार पूरा देश राष्ट्रवाद व मोदी सरकार के कार्यों पर मुहर लगा रहा था तो सैन्य वोटर भी इससे इतर नहीं रहा। प्रदेश की पांचों सीटों पर वापस आए वोटों में से 83 फीसद भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में पड़े। इससे यह भी साफ हो गया कि राष्ट्रवाद को शीर्ष प्राथमिकता देने वाली मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा व आतंकवाद के खिलाफ जो कदम उठाए, उससे सैन्य वोटर खासे प्रभावित दिखे। 

तीरथ को मिले 90 फीसद सैन्य वोट 

पोस्टल बैलेट की मतगणना पर नजर डालें तो सबसे अधिक सैन्य वोट पौड़ी सीट पर तीरथ सिंह रावत को मिले। इस सीट पर आए 12263 पोस्टल बैलेट में से 9213 उनके पक्ष में खुले। यह कुल पोस्टल बैलेट का 90 फीसद है। अल्मोड़ा सीट पर गिने गए 16548 पोस्ट बैलेट में से 14196 अजय टम्टा को मिले। 

यह कुल पोस्टल बैलेट का 85 फीसद है। टिहरी में गिने गए 12263 पोस्टल बैलेट में से 9213 माला राज्य लक्ष्मी शाह को मिले। यह कुल पोस्टल वोट का 76 फीसद है। नैनीताल में गिने गए 9314 वोटों में से 7022 अजय भट्ट के खाते में गए। यह कुल पोस्टल बैलेट का 76 फीसद है। इसी तरह हरिद्वार लोकसभा सीट पर गिने गए 5817 वोट में से 4624 रमेश पोखरियाल निशंक को मिले। यह कुल पोस्टल बैलेट का 79 फीसद है। 

राज्य में 17361 पुलिस कर्मियों ने किया मतदान

लोकतंत्र के महापर्व में उत्तराखण्ड पुलिसकर्मियों ने भी खूब मतदान किया। मतगणना के बाद सामने आए पोस्टल बैलेट और ईडीसी की रिपोर्ट में 17 हजार 361 पुलिस कर्मियों ने मतदान किया है। 

लोकसभा चुनाव ड्यूटी लगने के बाद राज्यभर के पुलिस कर्मियों को पोस्टल बैलेट जारी किए गए थे। पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि चुनाव ड्यूटी के लिए कुल 20 हजार 396 पुलिस कर्मियों को निर्वाचन ड्यूटी में नियुक्त किया गया था। 

इसमें से कुल 17,361 पुलिसकर्मियों ने पोस्टल बैलट व ईडीसी (इलेक्शन ड्यूटी सर्टिफिकेट) से मतदान का प्रयोग किया है, जो कुल 85.12 प्रतिशत रहा है। उन्होंने बताया कि 2017 विधानसभा चुनाव में कुल 18,589 पुलिस कर्मियों को चुनाव ड्यूटी में नियुक्त किया गया था, जिसमें से 12,575 (67.65 फीसद) पुलिसकर्मियों ने मतदान किया था। 

इस बार पुलिस मुख्यालय ने चुनाव शुरू होने से पहले ही पोस्टल बैलेट से सभी पुलिसकर्मी अपने मत का प्रयोग करने के निर्देश दिए थे। यही कारण रहा कि इसका परिणाम भी अच्छा रहा। 

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