सांसद का रिपोर्ट कार्ड: खंडूड़ी की उम्र पर भारी पड़ी कर्तव्यनिष्ठा
पौड़ी गढ़वाल संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सांसद मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी (अप्रा) ने संसद के भीतर जनअपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास किया।
By BhanuEdited By: Updated: Thu, 14 Mar 2019 09:56 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी (अप्रा) 16-वीं लोकसभा में पौड़ी गढ़वाल संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। ईमानदार छवि व कर्तव्यनिष्ठा के लिए माने जाने वाले खंडूड़ी को इस क्षेत्र की जनता ने पांचवीं बार लोकसभा में अपने प्रतिनिधि के तौर पर भेजा। बतौर सांसद उन्होंने संसद के भीतर जनअपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास किया, संसदीय क्षेत्र में सक्रिय दिखे। ये बात अलग है कि पिछले डेढ़-दो वर्षों में स्वास्थ्य कारणों के चलते भले ही वे अपने संसदीय क्षेत्र में अधिक सक्रिय न रहे हों, मगर इससे पहले वह खासे सक्रिय रहे।
पांच साल में उठाए 104 सवाल84-वर्षीय खंडूड़ी ने संसद में जहां 92 फीसदी उपस्थिति दर्ज करवाई, वहीं उन्होंने इस कार्यकाल में 104 सवाल सदन में उठाए। इनमें से करीब 70 फीसद संसदीय क्षेत्र की समस्याओं से संबंधित रहे। वर्ष 2013 में केदारघाटी में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान आपदा प्रभावित गांवों के विस्थापन का सवाल उठाया, वहीं आपदा प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का मामला भी सदन में रखा।
साथ ही शिक्षा, सड़क, कृषि, उद्योग, पर्यटन से जुड़े मसलों पर सवाल पूछे। इस कार्यकाल में उन्होंने संसद में राज्य से जुड़े 12 विषयों पर बहस भी की, जिसमें उत्तराखंड के जंगलों को चीड़ को चरणबद्ध तरीके से हटाने के साथ ही प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में बैंक शाखाएं खोलने की बात शामिल रही। इसके अलावा प्रदेश में आपदा की पूर्व चेतावनी के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम, एनआईटी श्रीनगर में हुई अनियमितताओं सहित कई विषयों पर सदन में चर्चा भी की। उन्होंने पांच प्राइवेट मेंबर बिल भी सदन में रखे, जो वर्तमान में लंबित सूची में है।
विकास को लेकर सजगअपने संसदीय क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों को लेकर सांसद खंडूड़ी किस कदर चौकस रहे, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वर्ष 2018 को छोड़ दें तो उन्होंने जनपद चमोली में प्रतिवर्ष जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में प्रतिभाग कर केंद्र से संचालित विकास योजनाओं की समीक्षा की।
रुद्रप्रयाग में वर्ष 2015 व 2016 में उन्होंने जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक ली और केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा की। जनपद पौड़ी में केवल एक बार सात नवंबर 2017 को इस समिति की बैठक ली। हाल-ए-सांसद निधि
सांसद खंडूड़ी को सांसद निधि के तहत सरकार ने 12.5 करोड़ रुपये जारी किए। सांसद खंडूड़ी ने बताया कि प्रतिवर्ष मिलने वाली सांसद निधि को उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में पूरी तरह स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाओं के विकास में व्यय किया। बताया कि वर्तमान में उनके पास कोई भी धनराशि अवशेष नहीं है। सड़क से जुड़ा देवली-भणीग्राम
वर्ष 2013 में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान केदार घाटी के अंतर्गत जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 52 किमी. दूर स्थित देवली-भणीग्राम गांव सर्वाधिक प्रभावित हुआ। केदारनाथ मंदिर में कार्य करने वाले गांव के 56 लोगों की मौत आपदा के दौरान हुई। वर्ष 2014 में सांसद खंडूड़ी ने गांव को गोद लिया, जिसके बाद गांव के विकास को 66 योजनाएं बनाई गई। सरकारी महकमों ने 50 योजनाओं के पूर्ण होने का दावा किया, हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि आज भी हालात कुछ खास नहीं बदले। गांव में कुछ संस्थाओं ने कंप्यूटर सेंटर, सिलाई सेंटर सहित कुछ अन्य उपक्रम खोले हैं, जिनका ग्रामीणों को फायदा मिल रहा है।
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