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Lok sabha Election 2024: बयान दे​कर घिरे शरद पवार, कांग्रेस में विलय को लेकर कह दी 'बड़ी बात', इंडी गठबंधन के दल भी असहमत

Lok sabha Election 2024 क्षेत्रीय पाटियों के कांग्रेस में विलय के बयान पर राकांपा प्रमुख शरद पवार घिर गए हैं। खास बात यह है कि स्वयं विपक्षी गठबंधन यानी आइएनडीआइए में शामिल दल भी उनके इस बयान से पूरी तरह से सहमत नहीं हैं। आम आदमी पार्टी (आप) और भाकपा ने पवार की इस टिप्पणी को उनका व्यक्तिगत आकलन बताया है।

By Jagran News Edited By: Deepak Vyas Updated: Thu, 09 May 2024 01:50 PM (IST)
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Lok sabha Election 2024: क्षेत्रीय पाटियों के कांग्रेस में विलय के बयान पर शरद पवार घिर गए हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने ऐसा बयान दिया है, जिसके चलते वे बीजेपी सहित अन्य दलों के निशाने पर आ गए हैं। उन्होंने कहा है कि क्षेत्रीय दल भविष्य में कांग्रेस के साथ जुड़ सकते हैं या विलय कर सकते हैं। खास बात यह है कि स्वयं विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए में शामिल दल भी उनके इस बयान से पूरी तरह से सहमत नहीं हैं। आम आदमी पार्टी (आप) और भाकपा ने पवार की इस टिप्पणी को उनका व्यक्तिगत आकलन बताया है।

आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि यह शरद पवार का अपना आकलन है। हो सकता है कि उनके पास कुछ जानकारी हो। भाकपा नेता डी. राजा ने कहा कि जब से हम स्वतंत्र हुए हैं, भारत एक बहुदलीय लोकतंत्र बना हुआ है। यहां दो पक्षीय प्रणाली नहीं है। क्षेत्रीय दल केंद्र सरकार की नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हो सकता है कि पवार के पास कुछ जानकारी हो कि कौन से क्षेत्रीय दल कांग्रेस में विलय करेंगे।

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एनडीए के दलों ने भी की पवार के बयान की आलोचना

सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में शामिल दलों ने पवार के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि यह उनकी राजनीतिक कमजोरी को दर्शाता है। ऐसा लगता है कि वह बारामती लोकसभा सीट हार रहे हैं। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने कहा कि शायद वह अपनी इच्छा व्यक्त कर रहे हैं। कई साल पहले पवार ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने की कोशिश की थी, लेकिन मामला उनकी बेटी पर अटक गया। ऐसा लगता है कि वह बारामती सीट हार रहे हैं, इसलिए वह बेटी को फिर से स्थापित करने के लिए अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करना चाहते हैं। लेकिन, कांग्रेस उनकी शर्तों को स्वीकार नहीं कर सकती।-

पवार के लिए पार्टी चलाना मुश्किल! बोले फडणवीस

वरिष्ठ भाजपा नेता और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अपने बयान के माध्यम से शरद पवार शायद यह संकेत दे रहे हैं कि उनके लिए अपनी पार्टी को चलाना अब मुश्किल हो गया है। इसलिए, वह कांग्रेस में विलय करने का विकल्प चुन सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है, क्योंकि पवार ने नई पार्टियां बनाईं और बाद में उनका कांग्रेस में विलय कर दिया।

शिंदे का पवार के बहाने उद्धव पर निशाना

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पवार के बहाने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। कहा कि वह पहले ही कांग्रेस के विचारों से प्रभावित हैं। शिंदे ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) गुट पहले ही कांग्रेस बन चुका है, क्योंकि वे कांग्रेस और पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। उनके बीच केवल विलय की औपचारिकता बाकी है।

क्या कहा था पवार ने?

एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए साक्षात्कार में पवार ने कहा है कि अगले कुछ वर्षों में कई क्षेत्रीय दल कांग्रेस के साथ अधिक निकटता से जुड़ेंगे या उसके साथ विलय के विकल्प पर विचार कर सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या यह बात उनकी अपनी पार्टी पर लागू होती है, पवार ने कहा कि कांग्रेस और मेरी पार्टी के बीच कोई अंतर नहीं दिखता, क्योंकि दोनों गांधी और नेहरू की विचारधारा से संबंधित हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि रणनीति या अगले कदम पर कोई भी फैसला सामूहिक रूप से लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी वैचारिक रूप से कांग्रेस के करीब है। उद्धव ठाकरे भी समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर काम करने को लेकर सकारात्मक हैं।

मेरे नेतृत्व वाली शिवसेना कोई छोटी पार्टी नहीं : उद्धव

उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उनके नेतृत्व वाली शिवसेना कोई छोटी पार्टी नहीं है। शिंदे और फडणवीस ऐसे बोल रहे हैं, जैसे कि उन्होंने भांग पी रखी हो। कहा कि शरद पवार ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि कुछ छोटी क्षेत्रीय पार्टियों का कांग्रेस में विलय हो सकता है। कृपया मुझे बताएं कि क्या शिवसेना एक छोटी पार्टी है। कहा कि मैंने बचपन में सुना था कि यदि कोई भूतों से डरता है तो उसे राम, राम का जाप करना चाहिए। चूंकि भाजपा हार से डरती है, इसलिए वह देशभर में राम का नाम जप रही है।

वहीं कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि वह भविष्य में सबसे पुरानी पार्टी के साथ क्षेत्रीय दलों के संभावित विलय या करीबी जुड़ाव पर शरद पवार की टिप्पणियों से सहमत हैं।

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