Singhbhum Seat: कांग्रेस-भाजपा के बीच कांटे की टक्कर; क्षेत्रीय दल मार जाते हैं बाजी; इस सीट के नाम हैं कई रिकॉर्ड
Singhbhum Lok Sabha Election 2024 Update देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव होने हैं। ऐसे में आपको भी अपनी लोकसभा सीट और अपने सांसद के बारे में जानना भी जरूरी है ताकि इस बार किसको जिताना है इसे लेकर किसी तरह की कोई दुविधा न हो। पढ़िए आज हम आपके लिए लाए हैं सिंहभूम लोकसभा सीट की पूरी जानकारी...
सुधीर पांडेय, चाईबासा। झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में सिंहभूम सबसे चर्चित सीटों में से एक है। इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलती है। साल 1952 से लेकर 2019 तक हुए 17 चुनावों में पांच बार कांग्रेस और तीन बार भाजपा को जीत मिली है।
सिंहभूम लोकसभा सीट से पहली बार साल 1984 में कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर बागुन सुम्ब्रुई ने जीत दर्ज की थी। बागुन ने सबसे ज्यादा पांच बार लोकसभा चुनाव में इस सीट से जीतकर रिकॉर्ड बनाया। इस सीट पर उनका रिकॉर्ड आज भी कायम है।
इस सीट से पहला सांसद कौन था?
सिंहभूम सीट से पहला सांसद बनने का गौरव कानुराम देवगम को प्राप्त हुआ था। उन्होंने 1952 में झारखंड पार्टी से चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। देवगम से पहले 1950 से 1952 तक पूर्णचंद्र बिरुवा मनोनीत हुए थे।झारखंड मुक्ति मोर्चा सिंहभूम सीट से केवल एक बार जीत दर्ज करने में सफल रही। साल 1991 में तीर-धनुष के निशान के साथ कृष्णा मार्डी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर चुनाव जीता था। भारतीय जनता पार्टी को सिंहभूम सीट पर पहली बार 1996 में जीत का स्वाद मिला था। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए चित्रसेन सिंकू सांसद चुने गए थे।
अब तक सिर्फ एक महिला सांसद चुनी गई
इस सीट पर मधु कोड़ा ने भी रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने 2009 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था और सिंहभूम सीट पर दमदार जीत दर्ज की थी। सिंहभूम सीट से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाली गीता कोड़ा ही एक मात्र महिला प्रत्याशी हैं। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर 2019 में भाजपा के लक्ष्मण गिलुवा को बड़े अंतर से हराया था। वर्तमान में लक्ष्मण गिलुवा स्वर्गीय हो चुके हैं, जबकि गीता कोड़ा ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है।1952 से 2019 तक सिंहभूम के निर्वाचित सांसद
साल | सांसद | पार्टी |
1952 | कानुराम देवगम | झारखंड पार्टी |
1957 | शंभूशरण गोडसोरा | झारखंड पार्टी |
1962 | हरि चरण सोय | झारखंड पार्टी |
1967 | कोलाय बिरूवा | ऑल इंडिया झारखंड |
1971 | मोरन सिंह पुरर्ती | ऑल इंडिया झारखंड |
1977 | बागुन सुम्ब्रुई | ऑल इंडिया झारखंड |
1980 | बागुन सुम्ब्रुई | जनता पार्टी |
1984 | बागुन सुम्ब्रुई | कांग्रेस |
1989 | बागुन सुम्ब्रुई | कांग्रेस |
1991 | कृष्णा मार्डी | झारखंड मुक्ति मोर्चा |
1996 | चित्रसेन सिंकू | भाजपा |
1998 | विजय सिंह सोय | कांग्रेस |
1999 | लक्ष्मण गिलुवा | भाजपा |
2004 | बागुन सुम्ब्रुई | कांग्रेस |
2009 | मधु कोड़ा | निर्दलीय |
2014 | लक्ष्मण गिलुवा | भाजपा |
2019 | गीता कोड़ा | कांग्रेस |
सिंहभूम की ताकत
- कुल वोटर – 13,48,898
- महिला वोटर – 6,84,664
- पुरुष– 6,64,234
- नए वोटर – 5,828
सिंहभूम लोकसभा की पृष्ठभूमि
सिंहभूम लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद गीता कोड़ा हैं। हाल ही में उन्होंने कांग्रेस पार्टी से त्याग पत्र देकर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा है। भाजपा ने उन्हें सिंहभूम सीट से अपना लोकसभा प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है। सिंहभूम लोकसभा सीट प्रमुख तौर पर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है।
पश्चिमी सिंहभूम जिले की कुल जनसंख्या करीब 19 लाख है। इसमें 77.74 प्रतिशत ग्रामीण और 22.26 प्रतिशत शहरी जनता है। इन संख्याओं में 4.06 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 58.72 प्रतिशत अनुसूचित हो जनजाति के लोग हैं। साल 2019 के चुनाव में यहां पर कुल मतदाताओं की संख्या 11,52,570 थी, जिसमें से करीब 67 प्रतिशत लोगों ने अपने मतों का प्रयोग यहां पर किया था।सिंहभूम लोकसभा सीट पर अनुसूचित जनजाति हो का खास दबदबा है। इस सीट पर उरांव, संथाल समुदाय, महतो (कुड़मी), प्रधान, गोप, गौड़ समेत कई अनुसूचित जनजाति और इसाई व मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं।
साल 2019 के चुनाव में सिंहभूम सीट पर कुल नौ प्रत्याशी चुनाव लड़े थे। इसमें कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए गीता कोड़ा ने भाजपा के लक्ष्मण गिलुवा को हराया था।चुनाव से जुड़ी और हर छोटी-बड़ी अपडेट के लिए यहां क्लिक करें