लोकसभा चुनाव: पौड़ी में खंडूड़ी के शिष्य पर भाजपा ने जताया भरोसा
पौड़ी गढ़वाल सीट पर बदली परिस्थितियों में भाजपा नेतृत्व ने इस मर्तबा संगठन को तवज्जो दी है। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व राज्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पर भरोसा जताया गया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 23 Mar 2019 09:37 AM (IST)
पौड़ी, अजय खंतवाल। उत्तराखंड में लोकसभा की हॉट सीटों में शुमार पौड़ी गढ़वाल सीट पर बदली परिस्थितियों में भाजपा नेतृत्व ने इस मर्तबा संगठन को तवज्जो दी है। मौजूदा सांसद पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी के चुनाव न लड़ने के एलान के बाद पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व राज्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पर भरोसा जताया गया है। खंडूड़ी के सबसे करीबियों में शुमार रावत उनसे मिले अनुभव के आधार पर टिकट की दौड़ में बाजी मारने में सफल रहे।
सूत्रों की मानें तो खंडूड़ी से बातचीत के बाद ही उनके उत्तराधिकारी के तौर पर रावत के नाम पर मुहर लगी। हालांकि, ये भी माना जा रहा कि कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री खंडूड़ी के पुत्र मनीष को यहां से मैदान में उतारने की चर्चा को देखते हुए भाजपा ने खंडूड़ी के सबसे करीबी रावत पर दांव खेलना मुफीद समझा।पूर्व मुख्यमंत्री एवं मौजूदा सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी ने उम्र और स्वास्थ्य संबंधी कारणों को हवाला देते हुए चुनाव न लड़ने का एलान कर दिया। इसके बाद तो यहां से दावेदारों की लंबी फौज खड़ी हो गई। ऐसे में इस सीट पर उनके उत्तराधिकारी के चयन के लिए पार्टी नेतृत्व ने खंडूड़ी से राय-मशविरा किया। बताते हैं कि खंडूड़ी ने इस सीट के लिए अपने सबसे करीबी तीरथ सिंह रावत के नाम का सुझाव पार्टी नेतृत्व को दिया।
इस बीच खंडूड़ी के पुत्र मनीष के कांग्रेस का हाथ थाम लिए जाने और उन्हें पौड़ी सीट से प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा के बाद भाजपा नेतृत्व ने इस सीट के लिए गहन मंथन किया। इस कड़ी में कई दौर की चर्चा में तमाम विकल्पों के साथ ही सियासी समीकरणों पर चर्चा की गई। सैन्य बहुल इस सीट पर पार्टी व पार्टी से इतर किसी पूर्व सैनिक को भी मैदान में उतारने पर जोर दिया गया, मगर बाद में पार्टी ने सोच विचार कर राष्ट्रीय सचिव तीरथ सिंह रावत के नाम पर ही मुहर लगाई।पौड़ी जिले की असवालस्यूं पट्टी के ग्राम सिरौं निवासी तीरथ सिंह रावत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रह चुके हैं। अविभाजित उत्तर प्रदेश में भी वह विधान परिषद के सदस्य रहे और उत्तराखंड बनने के बाद यहां की अंतरिम सरकार में उन्हें शिक्षा राज्यमंत्री का दायित्व सौंपा गया। पूर्व मुख्यमंत्री खंडूडी के सबसे करीबी लोगों में शामिल तीरथ ने 2012 के विधानसभा चुनाव में चौबट्टाखाल सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। फरवरी 2013 में उन्हें पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी। 2015 में उन्हें पार्टी संगठन में पदोन्नति देते हुए राष्ट्रीय सचिव का दायित्व सौंपा गया।
तीरथ सिंह रावत (भाजपा प्रत्याशी, पौड़ी गढ़वाल संसदीय सीट)
- पिता का नाम : कमल सिंह रावत
- जन्म तिथि : नौ अप्रैल 1964
- निवासी: ग्राम सीरों, पट्टी असवालस्यूं, पौड़ी गढ़वाल
- शिक्षा: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से समाज शास्त्र में परास्नातक
- सियासी सफर
- 1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे। उसके बाद अभाविप के संगठन मंत्री व राष्ट्रीय मंत्री, गढ़वाल विवि में छात्र संघ अध्यक्ष व छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। भाजयुमो (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे।
- 1997 में पहली बाद उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित
- 2000 में राज्य गठन के बाद उत्तराखंड की अंतरिम सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री का दायित्व
- 2007 में भाजपा के प्रांतीय महामंत्री बने
- 2012 के विस चुनाव में चौबट्टाखाल से जीत हासिल की
- 2013 में उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे। वर्ष 2013 में ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। वर्तमान में हैं पार्टी के राष्ट्रीय सचिव।