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Lok Sabha Election 2024: 'जब तक पैर पकड़ माफी नहीं मांगती तब तक', ममता की चेतावनी पर अब टीएमसी विधायक ने उठाया ये कदम

Lok Sabha Election 2024 पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की धमकी आखिर काम कर गई। पार्टी विधायक उषा रानी मंडल टीएमसी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार अभियान में जुट गई हैं। एक जनसभा में ममता बनर्जी ने विधायक के खिलाफ तेवर तल्ख किए थे। इसके बाद अभिषेक बनर्जी ने विधायक उषारानी मंडल को मिलने बुलाया। बैठक के बाद वे प्रचार अभियान में जुट गई हैं।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Wed, 29 May 2024 03:53 PM (IST)
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लोकसभा चुनाव 2024: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उषा रानी मंडल और अभिषेक बनर्जी। (फाइल फोटो)

चुनाव डेस्क, सिलीगुड़ी। अभिषेक बनर्जी के हस्तक्षेप से पार्टी और तृणमूल के एक विधायक के बीच विवाद खत्म हो गया है। मंगलवार से तृणमूल विधायक उषारानी मंडल और उनके पति मृत्युंजय मंडल तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार करने लगे हैं। दोनों ममता बनर्जी की एक जनसभा में नहीं गए थे। उसके बाद से ही तृणमूल सुप्रीमो और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके खिलाफ तेवर तल्ख कर लिए थे।

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ममता बनर्जी ने शनिवार को एक चुनावी सभा में अपनी ही पार्टी की एक महिला विधायक उषा रानी मंडल और उनके पति पर भाजपा से गुप्त साठगांठ का आरोप लगाते हुए कड़ी चेतावनी दी थी। उत्तर 24 परगना के बशीरहाट लोकसभा केंद्र से तृणमूल प्रत्याशी हाजी नुरुल इस्लाम के समर्थन में हाड़ोआ में आयोजित जनसभा में मिनाखां की स्थानीय तृणमूल विधायक उषा रानी मंडल के नहीं आने से नाराज ममता ने मंच से ही उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि सभा में नहीं आने पर पार्टी के साथ उनका कोई संबंध नहीं है।

क्या कहा था मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने?

ममता ने कहा था कि आपको (तृणमूल विधायक) लेकर पार्टी नहीं चलेगी। जब तक पैर पकड़ कर क्षमा नहीं मांगती हैं तब तक उषा रानी मंडल को पार्टी में स्वीकार नहीं किया जाएगा। तब तक उनसे पार्टी का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि विधायक बने रहेंगे लेकिन सभा व बैठक में नहीं आएंगे, तो यह स्वीकार नहीं है। ममता ने स्पष्ट कहा कि तुम्हारे जैसे लोग नहीं चाहिए। आप अपने पति के साथ मिलकर पार्टी को बेच देंगी? यह स्वीकार नहीं है।

ऐसे खत्म हुआ विवाद

मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा इलाके में पैसे देकर वोट खरीदने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि हर दिन भाजपा नेता लाखों-लाखों रुपये के साथ पकड़े जा रहे हैं। भाजपा सोच रही है कि नकदी से हर किसी को खरीद लें।

यह मामला सामने आने के बाद अभिषेक बनर्जी ने विधायक उषारानी मंडल को मिलने बुलाया था। इसके बाद विवाद खत्म हो गया है। विधायक को अब तृणमूल उम्मीदवार के समर्थन में चुनाव प्रचार करते हुए देखा जा रहा है।

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